Vyavsay ke Guru book and story is written by Rajesh Kumar Shrivastav in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Vyavsay ke Guru is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. व्यवसाय के गुर - National Story Competition -Jan Rajesh Kumar Srivastav द्वारा हिंदी लघुकथा 6 1.4k Downloads 6.8k Views Writen by Rajesh Kumar Srivastav Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण व्यवसाय का उद्देश्य केवल धन कमाना हिन् नहीं होता प्रत्येक जिम्मेवार नागरिक की तरह व्यवसायियों का भी एक सामाजिक दाइत्व होता है व्यवसायी यदि इस बात का ध्यान रखें तो उन्हें व्यवसाय करने में कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पडेगा यदि केवल धन कमाने के लिए व्यवसाय किया जाता है तो कई तरह की बढ़ाये उत्पन्न होती है इस कहानी में दो पीढ़ियों के व्यवसाय करने के तरीकों में सोच के अंतर को स्पष्ट किया गया है More Likes This सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी