कहानी "टुकड़ा-टुकड़ा खत" में शिखा और अमोल, दो भाई-बहन हैं, जो एक सरकारी आवासीय कॉलेज में पढ़ते हैं। शिखा, अमोल से डेढ़ वर्ष छोटी है और दोनों की कक्षाएं अलग हैं। एक दिन, जब शिखा जा रही होती है, अमोल उसे एक मुड़े हुए कागज का टुकड़ा देता है, जिसे उसे "ऋचा" को चुपके से देना है। अमोल चिंतित है कि ऋचा उसे पढ़कर फाड़ देगी। इस दौरान, कॉलेज में लड़के और लड़कियों के बीच की दूरी बढ़ गई है, जिससे उनकी शिक्षा पर असर पड़ा है। यह कहानी भाई-बहन के रिश्ते और कॉलेज में घटित घटनाओं के बीच संबंध को दर्शाती है। टुकड़ा-टुकड़ा ख़त Dinesh Tripathi 'Shams' द्वारा हिंदी लघुकथा 2.4k 1.5k Downloads 7.5k Views Writen by Dinesh Tripathi 'Shams' Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण किशोर मनोविज्ञान को उकेरती यह कहानी पुरुष सत्तात्मक समाज के दोहरे मापदंडों को उजागर करती है । बिना लाउड हुए ये कहानी नारी समानता का संदेश देती है । (राष्ट्रीय प्रतियोगिता हेतु कहानी ) More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी