यह कहानी वंदना और नंदनी की गहरी मित्रता के बारे में है। वंदना को नंदनी से मिले पाँच साल हो गए हैं और वह उसकी यादों में खोई हुई है। नंदनी हमेशा लखनऊ कैफे में वंदना से मिलती थी, जिससे उनकी दोस्ती और भी मजबूत हुई थी। एक दिन, वंदना दफ्तर से घर लौट रही थी, तभी उसे नंदनी दिखाई दी। नंदनी ने बताया कि वह अचानक किसी जरूरी काम से बाहर गई थी और अपना फोन भी भूल गई थी। वंदना ने नंदनी को कैफे चलने के लिए कहा और उनकी बातचीत में नंदनी ने बताया कि वह एक पेंटिंग बना रही है। नंदनी ने वंदना को वादा किया कि वह उसे उसके जन्मदिन पर पेंटिंग देगी। पाँच दिन बाद, वंदना अपने जन्मदिन का इंतजार कर रही थी, तभी उसे दरवाजे पर खटखटाहट सुनाई दी और यह जानकर उसे खुशी हुई कि नंदनी उसकी मुलाकात के लिए आई है। कहानी इस गहरे रिश्ते और उनकी आपसी समझ के इर्द-गिर्द घूमती है। एक कहानी ऐसी भी Shruti Mehrotra द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 5.8k 3.3k Downloads 13.8k Views Writen by Shruti Mehrotra Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मेरा नाम श्रुति मेहरोत्रा है। जब मैं कक्षा 4 में थी तब से ही मुझे पुस्तक पढ़ना बहुत अच्छा लगने लगा और आज मैंने अपनी खुद की पुस्तक लिखीं हैं। मुझे पुस्तक में रुचि दिलाने वालीं मेरी मां हैं। More Likes This ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana Middle Class Boy द्वारा Bikash parajuli तहम्मुल-ए-इश्क - 4 द्वारा M choudhary अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी