सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' का जन्म 1896 में वसंत पंचमी के दिन हुआ। उनकी शिक्षा मुख्यतः स्वाध्याय पर आधारित थी। उन्होंने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया, जिसमें माता-पिता की मृत्यु और महामारी में पत्नी और अन्य करीबी लोगों की हानि शामिल है। इलाहाबाद में उनका विशेष संबंध रहा और उन्होंने 15 अक्टूबर 1971 को वहां अंतिम सांस ली। निराला ने हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया और कई ग्रंथों का अनुवाद किया। कविता "भिक्षुक" में एक गरीब व्यक्ति की दयनीय स्थिति का चित्रण है, जो अपने बच्चों के साथ भूख से जूझ रहा है। वह समाज से मदद की उम्मीद में हाथ फैलाता है, लेकिन उसकी स्थिति अत्यंत दुखद है। दूसरी कविता "प्राप्ति" में एक व्यक्ति की खोज और थकावट का वर्णन है, जिसमें उसे प्रेम और स्नेह की अनुभूति होती है। ये कविताएं जीवन के संघर्ष और मानवीय भावनाओं को गहराई से व्यक्त करती हैं। सूर्यकान्त त्रिपाठी MB (Official) द्वारा हिंदी जीवनी 1.8k 2.4k Downloads 9.2k Views Writen by MB (Official) Category जीवनी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण प्रसिद्ध उपन्यासकार सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' की कुछ श्रेष्ठ रचनाओं का यहाँ संचय किया गया है More Likes This यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (2) द्वारा Ramesh Desai नकल से कहीं क्रान्ति नहीं हुई - 1 द्वारा Dr. Suryapal Singh अवसान विहीन अरुणेश द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी प्रेमानंद जी : राधा-कृष्ण लीला के रसिक साधक - 1 द्वारा mood Writer जगमोहन शर्मा (अविस्मरणीय) द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी Narendra Modi Biography - 1 द्वारा mood Writer मीरा बाई : कृष्ण भक्ति की अमर साधिका - 1 द्वारा mood Writer अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी