कहानी "कसूर किस का, सजा किस को" में अंतिम नाम की एक महिला अपने पिता से बचने की कोशिश कर रही है। उसके पिता उसे पकड़ लेते हैं और पुरानी बातें याद दिलाते हैं, लेकिन अंतिम उनके पास से भाग जाती है क्योंकि उसे डर है कि उसकी पति सुनील को कुछ पता न चल जाए। उसकी आशंका सही साबित होती है जब एक लड़का बताता है कि सुनील ने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली है। अंतिम सुनील के शव से चिपटकर रोती है और उसे इस बेरहम दुनिया में अकेले छोड़ने के लिए दोषी ठहराती है। वह अपने पति की गहरी प्रेम की यादों में खो जाती है और समझती है कि उसके बिना जीना अब असंभव है। कहानी में अंतिम की पीड़ा और नफरत को दर्शाया गया है, जबकि वह अपनी बेगुनाही के बावजूद अपने पति की मौत की सजा भुगतती है। बेकसूर Omprakash Kshatriya द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 3 2.4k Downloads 10.4k Views Writen by Omprakash Kshatriya Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण उस का कोई कसूर नहीं था फिर उसे सजा क्यों मिली वह समझ नहीं पाई . तभी एक हादसा हो गया. जिस की जिम्मेदार भी वह नहीं थी. आखिर उस ने कौन सा अपराध किया था जिस की सजा वह भुगत रही थी. जानने के लिए यह कथा पढिए, More Likes This जिंदगी के रंग - 1 द्वारा Raman रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी