"नारसिंघ" एक कहानी है जिसमें एक मेमना आंगन में उछलता है और पहाड़ की धूप बर्फ को सुनहरा करती है। रामसरन, जो पहाड़ की ओर हाथ बांधे खड़ा है, एक चेला मेमने को पकड़ने की कोशिश करता है, लेकिन मेमना समझता है कि उसे खतरा है। मेमना चिल्लाते हुए दूर भागता है और रामसरन उसे रोकने की कोशिश करता है, लेकिन चेला उसे पकड़ लेता है और उसके गले में काला धागा बांध देता है। यह धागा मेमने को नारसिंघ के नाम से जोड़ता है। बदामो, जो इस शोर से जागती है, चिल्लाती है कि मेमने को क्यों पकड़ा गया है। चेला बताता है कि यह नारसिंघ के नाम का एक रिवाज है और मेमना अब नारसिंघ का दूत बनेगा। रामसरन और उसकी पत्नी बदामो इस पर चर्चा करते हैं और बदामो नारसिंघ के प्रति अपनी चिंताओं को व्यक्त करती है। कहानी में साधु और संतों के महत्व के साथ-साथ ग्रामीण जीवन और परंपराओं का भी चित्रण है। कहानी का अंत इस बात पर होता है कि कैसे मेमना अब नारसिंघ का दूत बनेगा और उसकी रक्षा करेगा, जबकि बदामो अपने बच्चों की चिंता करती है। नारसिंघ Sudarshan Vashishth द्वारा हिंदी लघुकथा 591 1.6k Downloads 6.5k Views Writen by Sudarshan Vashishth Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Naarsigh - Sudarshan Vashishth More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी