यह कहानी एदल सिंह की है, जिसे उसकी छोटी जाति के कारण बड़ी जाति के लड़के 'एद्लु' कहकर बुलाते हैं। स्कूल में उसे लगातार तंग किया जाता है, जैसे कि उसके कंधों पर बैग लादना और कबड्डी की टीम में शामिल न होने देना। एद्लु चुप रहता है क्योंकि वह जानता है कि यदि उसने विरोध किया, तो उसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा। उसकी एक सहेली विभा ने इसका विरोध किया, लेकिन बड़े लड़के उसे चुप कराते हैं। एद्लु खुद नल खींचकर पानी पीता है क्योंकि कोई भी उसके लिए मदद नहीं करता। यह कहानी जाति व्यवस्था और भेदभाव की कड़वी सच्चाइयों को उजागर करती है। एद्लू Ved Prakash Tyagi द्वारा हिंदी लघुकथा 19.6k 1.2k Downloads 4.7k Views Writen by Ved Prakash Tyagi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ऊंची जात और नीची जात के भ्रम मे पड़ कर हम यह भूल जाते हैं कि वह जो छोटी जात से है हमारा ही भाई है हम तो अपने अहंकार में डूब कर पिछड़ जाते हैं और वे आगे निकल जाते हैं। More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी