इस कहानी "अलंकार" में प्रेमचंद ने नील नदी के तट पर तपस्वियों के जीवन का चित्रण किया है। तपस्वी साधु साधारण झोपड़ियों में रहते हैं और ध्यान एवं तपस्या करते हैं। वे कठोर व्रत रखते हैं, केवल सूयार्स्त के बाद थोड़ा सा भोजन करते हैं। उनका जीवन भोगविलास से दूर होता है और वे आत्मा की पवित्रता के लिए देह को कष्ट देते हैं। ये साधु आत्मोद्घार को अपने जीवन का मुख्य उद्देश्य मानते हैं। उनकी तपस्या के कारण उनकी आभा और तेज आसमान को भी आलोकित कर देती है। कहानी में स्वर्ग के दूत और राक्षसों का भी उल्लेख है, जो तपस्वियों को बहकाने की कोशिश करते हैं। हर सुबह, भक्त जल भरने के लिए जाते हैं, तब उन्हें राक्षसों के निशान दिखाई देते हैं। यह स्थल सचमुच एक युद्धभूमि है, जहां धर्म और अधर्म के बीच संघर्ष चलता रहता है। अंत में, तपस्वियों को अपनी कुटीयों में इच्छाओं और वासनाओं से जूझते हुए दिखाया गया है, जो उनकी तपस्या में बाधा डालती हैं। यह कहानी मानव आत्मा की पवित्रता और तप से संबंधित गहरे विचारों को प्रस्तुत करती है। अलंकार - संपूर्ण Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 2.1k 9.7k Downloads 35.6k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अलंकार - सम्पूर्ण उपन्यास -उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद क़ी ये कहानी अध्यात्म, धर्म एवं नैतिकता के विषय में बहुत कुछ कह जाती है। उन दिनों नील नदी के तट पर बहुत से तपस्वी रहा करते थे। दोनों ही किनारों पर कितनी ही झोंपड़ियां थोड़ी थोड़ी दूर पर बनी हुई थीं। तपस्वी लोग इन्हीं में एकान्तवास करते थे और जरूरत पड़ने पर एक दूसरे की सहायता करते थे। इन्हीं झोंपड़ियों के बीच में जहां तहां गिरजे बने हुए थे। परायः सभी गिरजाघरों पर सलीब का आकार दिखाई देता था। धमोर्त्सवों पर साधु सन्त दूर दूर से वहां आ जाते थे। नदी के किनारे जहां तहां मठ भी थे। जहां तपस्वी लोग अकेले छोटी छोटी गुफाओं में सिद्धि पराप्त करने का यत्न करते थे..... पढ़िए पूरा उपन्यास मुंशी प्रेमचंद की कलम से... More Likes This वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान राख की शपथ: पुनर्जन्मी राक्षसी - पाठ 1 द्वारा Arianshika दरवाज़ा: वक़्त के उस पार - 1 द्वारा Naina Khan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी