शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल

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हिंदी में पहली बार एक धारावाहिक लिख रहा हूं। शायद पसंद आयेगी। धारावाहिक के मुख्य किरदार शुभम है जो एक डॉक्टर है। डॉक्टर शुभम के जीवन की अनूठी कहानी। प्यार एक अनुभव है, यह दिमाग से नहीं बल्कि दिल से होता है। प्यार में कई भावनाएं होती हैं जिनमें अलग-अलग विचार शामिल होते हैं। प्यार स्नेह को धीरे-धीरे बढ़ाकर खुशी की ओर ले जाता है। प्रेम में प्रबल आकर्षण होता है। जब कोई इंसान निस्वार्थ होकर किसी को पूरे दिल और आत्मा से प्यार करता है तो ऐसे प्यार को सच्चा प्यार कहा जा सकता है। कई बार इंसान किसी को खुद से भी ज्यादा प्यार करने लगता है। दूसरे की खुशी के लिए वह अपनी खुशियों का त्याग करने लगता है। आज इसे ही सच्चा प्यार कहते हैं।

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 1

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -१) हिंदी में पहली बार एक धारावाहिक लिख रहा हूं।शायद पसंद के मुख्य किरदार शुभम है जो एक डॉक्टर है।डॉक्टर शुभम के जीवन की अनूठी कहानी।प्यार एक अनुभव है, यह दिमाग से नहीं बल्कि दिल से होता है। प्यार में कई भावनाएं होती हैं जिनमें अलग-अलग विचार शामिल होते हैं।प्यार स्नेह को धीरे-धीरे बढ़ाकर खुशी की ओर ले जाता है।प्रेम में प्रबल आकर्षण होता है।जब कोई इंसान निस्वार्थ होकर किसी को पूरे दिल और आत्मा से प्यार करता है तो ऐसे प्यार को सच्चा प्यार कहा ज ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 2

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( Part -2)(पहले पार्ट में देखा गया कि डॉ. शुभम सीटी मेंटल हेल्थ में मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे, तभी वह अतीत में खो जाते हैं, तभी उनकी बेटी उन्हें कॉल करती है, लेकिन नेटवर्क न होने के कारण वह बातचीत पूरी नहीं कर पाते..)अब आगे..डॉक्टर को अपनी बेटी की याद आती है और वह अपने मोबाइल पर बेटी के बारे में लिखे कोट्स देखता है।डॉक्टर को युक्ति याद आ गई।युक्ति बेटी प्रांजल और बेटे पारितोष की मां हैं।लेकिन युक्ति की प्रकृति अजीब थी।कभी-कभी वह क्रोधित हो जाती थी। वह अपने ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 3

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( Part -3)डोक्टर शुभम मेन्टल हेल्थ सेंटर में काम करता है।अपने बच्चों को कर रहा था।उसके बाद अपने जीवन में युक्ति कैसे आईं वह याद कर रहा था।अब आगे...वह पहली बार था जब युक्ति यही मेंटल हेल्थ केयर में मिली थी।डॉक्टर शुभम की नई नई नौकरी थी।पहले दिन काम करना थोड़ा अजीब सा लगा था।दूसरे दिन, जब शुभम अपने केबिन में बैठे थे, एक वार्ड बॉय घबराता हुआ शुभम के केबिन में आया।झट से बोला कि साहब, एक मरीज ने अस्पताल में हंगामा मचा दिया है, आप जल्दी जाइये।डॉक्टर शुभम जल्दी से मरीज ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 4

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( Part -4)भाग 3 में देखा गया कि डॉक्टर शुभम को युक्ति के अपनी पहली मुलाकात एक मरीज के रूप में याद आती है, उस वक्त डॉक्टर की दोस्त रूपा का फोन आता है।अब आगे...----------डॉक्टर शुभम:-"मैं अपनी ड्यूटी कर रहा हूं। मेरे अस्पताल में एक लड़का सोहन है। वह वैसे तो ठीक है लेकिन वह मानसिक रूप से बहुत परेशान है। सोहन बहुत इमोशनल लड़का है। ऐसे मरीज से बहुत अच्छी तरह से ट्रीटमेन्ट करना पड़ता है।उसे देखकर मुझे अपने भाई सोहन की याद आ गई। भाई सोहन भी छोटी उम्र में मानसिक ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 5

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"(Part -5)किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति क्यों ख़राब होती है? एक इन्सान जुनूनी हो जाता है?ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से कोई व्यक्ति उदास हो जाता है।ऐसे रोगी को घृणा या तिरस्कार की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। रोगी की उचित देखभाल और अनुकूल वातावरण ही रोगी को शीघ्र स्वस्थ कर सकता है। इसके लिए घर के लोगों को या जिस व्यक्ति को इसकी देखभाल करनी हो उन्हें धैर्य के साथ अपना काम करना चाहिए।---------डॉक्टर शुभम ने पुलिस पदाधिकारी से कागजात की जांच की।मरीज का नाम मनस्वी था। उसने एकतरफा प्यार में ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 6

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( Part -6)(डॉक्टर शुभम को पत्नी युक्ति याद आती है। पहली बार मरीज़ रूप में मिलीं थीं। वह पागलपन में छत पर चढ़कर बचकाना खेल खेलती है।)अब आगे...डॉक्टर शुभम ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन मरीज युक्ति चालाक थी। वो डॉक्टर का इरादा समझ गई कि मुझे पकड़ने के लिए आने वाले हैं।वह झट से छत पर चढ़ गयी.अस्पताल के नीचे खड़े सभी लोग तमाशा देख रहे थे।और ज़ोर से आवाज़ लगा रहे थे कि नीचे उतर जाओ,गीर जाओगी।युक्ति ने छत की पाली पर अपना संतुलन बनाते हुए डॉक्टर की ओर देखा ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 7

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"(पार्ट -७)( डॉक्टर शुभम को मरीज सोहन को देखकर अपना भाई सोहन याद गया। वो थोड़ा बातुनी और शरारती था।यादों में शुभम गमगीन हो जाता था।)अब आगे....डॉक्टर शुभम को अपना बचपन याद आ गया।बचपन की वोह यादें कभी भूल नहीं पाता।भाई सोहन से अच्छी बनती थी।एक दिन मैं और सोहन भाई स्कूल से घर जा रहे थे।सभी लड़के अपने-अपने घर जा रहे थे, हम लोग खेलते खेलते और टहलते घर की ओर आ रहे थे। तभी हमें सड़क पर एक चौक दिखाई दिया। जिसमें रेखाएं खींचकर नींबू मिर्च और कुछ और रखा गया ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 8

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -८)( प्यार में नफरत की कोई जगह नहीं अगर घर में व्यक्ति विपरीत परिस्थिति में है तो घर के लोग ही उसे असली गर्मजोशी दे सकते हैं।)डॉक्टर शुभम मरीज सोहन को देखकर अपने भाई सोहन की याद आती है।भाई सोहन बिमार हो जाता है और हेल्थ दिनों दिन बिगड़ती जाती है।अब आगेमम्मी की रो रोकर हालत खराब होती थी । मुझसे देखा नहीं जाता था। मैं भी अकेले में रोता था। मम्मी सोहन के पास रोती नहीं थी।अकेले मे रोती थी और मैं मायूस हो कर देखता था।एक दिन पापा-मम्मी सोहन ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 9

" शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -९)जब कोई व्यक्ति किसी का भला करने का प्रयास कर होता है तो विघ्नों का सामना करना पड़ता है।इंसान की कुछ यादें चाहे अच्छी हों या दुखद, भुलाई नहीं जा सकतीं।..............शुभम को अपने भाई की याद आती है।भाई की दवाई के लिए शहर में जाते हैं।अस्पताल के बाहर खिलौने के लिए सोहन ज़िद करता हैऔर गुस्सा हो जाता है।अब आगे....सोहन की आंखें लाल होने लगीं, वह जोर से चिल्लाया कि मुझे गुब्बारे चाहिए।माँ ने शांत रहने की कोशिश की.लेकिन गुस्साए भाई नहीं माने.उसने झट से माँ का हाथ छोड़ दिया ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 10

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -१०)शुभम नये मरीज मनस्वी को देखने जाता है ।नयी मरीज मनस्वी बिमार है और लेडी नर्स को परेशान करती है।अब आगे.....डॉक्टर शुभम और डॉ. तनेजा को देखकर मनस्वी ने महिला कर्मचारी को परेशान करना बंद कर दिया।शांत होकर देखने लगी।जब डॉक्टर तनेजा ने महिला स्टाफ से मनस्वी की दैनिक गतिविधियों के बारे में पूछा तो मनस्वी ने ताली बजाई और हंसने लगी।बोली:- "डॉक्टर, उससे मत पूछो। उसे नहीं पता।मैं आपको बताती हूं ।आप सोचते हैं कि मैं पागल हूं। लेकिन मैं पागल नहीं हूं। नर्स पागल है, मेरे साथ खेलने से ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 11

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -११)डॉक्टर शुभम को मरीज युक्ति की हरकतें याद आ जाती है।अब शुभम ने अपने दोनों हाथों से युक्ति को पकड़ लिया।युक्ति ने अपने दोनों हाथों से डॉक्टर शुभम को अपने बांहों में ले लिया।युक्ति की इन हरकतों से शुभम शरमा गया।नर्स देख रही है,यह अच्छा नहीं हो रहा।डॉक्टर शुभम युक्ति के बाहों से मुक्त हो गया।युक्ति धीरे से बोली- डॉक्टर, मैं आपको पसंद करने लगी हूँ, आप अच्छे हैं, मैं ठीक हो जाऊँगी! मेरा साथ मत छोड़ो।'इतना कहकर युक्ति रोने लगी।डॉक्टर शुभम मन में... ऐसे लोगों का इलाज करना कठिन है। ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 12

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( Part -12)मरीज सोहन की सेहत का ख्याल डॉक्टर शुभम अच्छी तरह से हैं।मरीज सोहन ठीक हो सकता है इसलिए सोहन के पिताजी को अस्पताल में बुलाते हैं।अब आगे....डॉक्टर शुभम का कहना है कि सोहन को एक-दो महीने में डिस्चार्ज करना पड़ सकता है, वह बेहतर हो रहा है।सोहन के पिता:-"लेकिन सर, इतनी जल्दी ठीक हो जाएगा! मुझे लगता नहीं है फिर भी मुझे आप पर भरोसा है कि सोहन ठीक हो जाएगा।अगर मैं उसे घर ले जाऊंगा तो मुझे भी परेशानी होगी। मेरी पत्नी का स्वभाव थोड़ा अजीब है।"डॉक्टर शुभम:-" देखिए अस्पतालों ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 13

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( Part -13)अवसाद और मानसिक बीमारी को निश्चित रूप से ठीक किया जा है, इसके लिए धैर्य और पारिवारिक गर्मजोशी की आवश्यकता होती है। कई प्रसिद्ध लोग भी अवसाद से पीड़ित हुए थे, लेकिन उन्होंने इसका उचित इलाज करके अपने करियर में सफलता हासिल की है।-------डॉक्टर शुभम को मरीज युक्ति की याद आ रही थीआगे...डॉक्टर शुभम:-"अच्छा, तुम ठीक हो जाओगी, यदि मेरा कहना मानो और दवाइयां नियमित लेते रहो।मुझे बताओ कि तुम क्या लिखतीं हों।एक डॉक्टर होने के नाते मरीज की मदद करना मेरा कर्तव्य है।"युक्ति:-"तो सर, क्या आप एक बार और मेरी ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 14

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( part -14)प्रेम के विषय में ओशो कहते हैं कि...प्रेम सभी मांग रहे ,देने वाला कोई नहीं।प्रेम शारीरिक नहीं है, इसका नाता कहीं विश्रांति से है, पिघलने से है, पूरा मिट जाने से है।उन पलों में यह मिट जाता है अत: निश्चित ही यह शारीरिक नहीं। तुम्हें अधिक प्रेम देना सीखना होगा। तुम्हे बस लेने का अनुभव है।---------डॉ. शुभम घर जाने की तैयारी कर रहे थे तभी उनकी बेटी प्रांजल का एक मैसेज आया।पिताजी, क्या मैं थोड़ी देर के लिए आपसे बात कर सकती हूँ? शायद तुम हॉस्पिटल में होगे इसलिए मैसेज किया ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 15

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( Part -15)भावुक व्यक्ति अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए निजी व्यक्ति बात करने को उत्सुक होता है, लेकिन वह अपनी भावनाएं जल्दी व्यक्त नहीं कर पाता।जब पिता के पास दूर रहने वाली बेटी का फोन या मैसेज आता है तो पिता बेटी से बात करने के लिए उत्सुक हो जाते हैं।सूरज उगने से पहले अपनी महिमा बढ़ाओ,ऐ बेटी,मैं कितना भी दूर रहूँ, तेरा प्यार ही मेरे लिए काफी है, ऐ बेटी।- अज्ञातरूपा ने मुस्कुराते हुए कहा:-" सवाल बहुत पूछते हो। तेरी आदत जा नहीं रही है। कॉलेज के दिनों में भी ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 16

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -१६)घर की जान होती हैं बेटियाँपिता का गुमान होती हैं बेटियाँईश्वर आशीर्वाद होती हैं बेटियाँयूँ समझ लो कि बेमिसाल होती हैं बेटियाँबेटो से ज्यादा वफादार होती हैं बेटियाँमाँ के कामों में मददगार होती हैं बेटियाँमाँ-बाप के दुःखको समझे, इतनी समझदार होती हैं बेटियाँअसीम प्यार पाने की हकदार होती हैं बेटियाँडॉक्टर शुभम:-"बेटा, हम कॉलेज के दिनों से दोस्त हैं। हम एक-दूसरे को पसंद करते थे। लेकिन उसके पिता को यह पसंद नहीं था कि मैं मनोचिकित्सक बनूं। लेकिन आखिरकार रूपा ने उन्हें मना लिया। लेकिन..लेकिन..।"यह कहते-कहते डॉक्टर शुभम अभिभूत हो गये.उसने बात ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 17

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल "( पार्ट -१७)माँ को प्यारी बेटी, पिता को समझने वाली बेटी,दुनिया की रस्में बेटी निभाती है,आदि व्याधि उपाधि में, बेटी ही काम आती है,तुम दोनों कुलों को उजागर करने वालीमाता-पिता की सयानी बेटी होसारे जीवन चक्र के पीछे बेटियां होती है....शुभम अपनी बेटी प्रांजल के साथ फोन पर बातचीत करती है।बात बात में बताती है कि पापा आप शादी कर लो। पीछली अवस्था में आप को सहारा मिल जायेगा।और मेरी पहली पसंद रूपा आंटी है।अब आगे....यह सुनकर शुभम के मुख पर रोनक आ गई। सोचने लगा कि शायद रूपा इसी बारे में ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 18

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -१८)संतान जब बड़े हो जाते है तब माता पिता को अपना मानना चाहिए । कभी कभी संतान भी अच्छे सुझाव देते हैं।और अच्छी सोच का आदर करना चाहिए।-----------शुभम अपनी बेटी प्रांजल के साथ फोन पर बातचीत करते हैं। प्रांजल बताती है कि उसकी एक सहेली के साथ वह घर पर आ रही है।अब आगे...डॉक्टर शुभम:- "ठीक है बेटा, तुम उसे हमारे घर ले आओ। लेकिन उसका नाम दिव्या कल्याणम है! मुझे थोड़ा सा अजीब लगा। क्या यह कल्याणम उसका उपनाम है? दिव्या अच्छा नाम है।"प्रांजल:- "पिताजी, उसका नाम दिव्या कल्याणम है। ...और पढ़े

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शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 19

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"""शुभम -( पार्ट -१९)शुभम अपनी बेटी से बातचीत करने के बाद युक्ति की पढ़ने लग गया।पढ़ते पढ़ते युक्ति फिर से याद आ गई।अब आगे....डॉक्टर शुभम ने डायरी बंद कर दी.उसे वह दिन याद आ गया। युक्ति ने डॉ. शुभम को एक चिट्ठी दी थी। चिठ्ठी के साथ उसके भाई का नाम और पता भी था।डॉक्टर शुभम ने पता देखा, एक शहर है लेकिन यहां से ज्यादा दूर नहीं, मैं एक दिन में पहुंच जाऊंगा। लेकिन डॉक्टर तनेजा रविवार को नहीं आने वाले थे इसलिए वह चिट्ठी देने नहीं जा सके।मैंने सोचा कि एक ...और पढ़े

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