जय श्री राम ...! अयोध्या .....! " क्या लिखू और क्या न लिखूं ? शब्द कम पड़ जाएंगे , लिखते लिखते उंगलियां थक जाएगी लेकिन इस स्थान का संपूर्ण विवरण नही कर पाऊगी । उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक अयोध्या नगरी जो की सरयू नदी के किनारे बसा है । इसे राम जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता हैं । वही स्थान जहां भगवान विष्णु को राम अवतार लेकर धरती पर अवतरित होना पडा था । हमारी इस कथा की शुरुआत भी यही से होती तो आईए इस कहानी का श्री गणेश करते हैं ...... मै नहीं जानती , कृष्ण कहानियों की रास लीलाओं को ,
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Prem Ratan Dhan Payo - 1
जय श्री राम ...!अयोध्या .....!" क्या लिखू और क्या न लिखूं ? शब्द कम पड़ जाएंगे , लिखते लिखते थक जाएगी लेकिन इस स्थान का संपूर्ण विवरण नही कर पाऊगी । उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक अयोध्या नगरी जो की सरयू नदी के किनारे बसा है । इसे राम जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता हैं । वही स्थान जहां भगवान विष्णु को राम अवतार लेकर धरती पर अवतरित होना पडा था । हमारी इस कथा की शुरुआत भी यही से होती तो आईए इस कहानी का श्री गणेश करते हैं ......मै नहीं जानती ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 2
" रघुवंशी कभी अपने वचन से पीछे नही हटते । आप सबकी समस्याएं हमने सुनी अब उन्हें खत्म करना काम हैं आप सब निश्चिंत हो जाए । " इतना कहकर राघव ने आंखों पर चश्मा चढाया और अपनी गाडी की ओर बढ गया । पीछे से लोग खुशी से उसके नाम का जय जयकार कर रहे थे । ड्राइवर गाडी के पीछे का डोर खोले खडा था । राघव अंदर आकर बैठा । कैलाश जी ड्राइवर के बगल वाली सीट पर आकर बैठ गया । " सरकार कहा चलना हैं अब ? " कैलाश जी ने पूछा तो राघव ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 3
राघव ने अपने आदमियों को बीच में आने से मना कर दिया था । वो तब तक कुन्दन को रहा जब तक उसकी हालत बेहोशी की अवस्था में नही पहुंच गयी । राघव ने उसके चेहरे पर कयी जगह ज़ख्म दे दिए थे । राघव उसका कॉलर पकड अपने नजदीक लाकर बोला " दोबारा तुम या तुम्हारे आदमी मुझे स्कूल कॉलेज के आस पास नजर आए , तो मैं तुम लोगो को जिंदा नही छोडूगा । " इतना कहकर राघव ने उसे झटके से छोड़ दिया । कुंदन पीठ के बल जमीन पर जा गिरा । उसके आदमी भी ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 4
जनकपुरजनकपुर नेपाल का धार्मिक स्थल हैं । यूं तो नेपाल का इतिहास भारत से अछूता नही रहा । पूर्व में यह मिथिला की राजधानी हुआ करता था । जनकपुर नेपाल की राजधानी काठमांडू से 400Km दक्षिण पूर्व में स्थित है । मां सिया की नगरी कहिए या फिर राम जी का ससुराल बात में वजन कम नही होगा । इस नगर की अपनी ही खासियत हैं । इसके लिए ह्रदय से एक कविता निकलती है । उम्मीद है आपको पसंद आएगी ......राधा बनने को सब चाहे, माता सीता सी कोई नहीं!सब कृष्ण के प्रेम में भटक रही ,संग राम ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 5
जानकी ने अपना फ़ोन और पर्स उठाया और जाने के लिए मुडी तभी उसकी नजर पीछे किसी पर पडी उसके कदम रूक गए । सामने दीवार पर एक बडी सी तस्वीर लगी हुई थी । ये तस्वीर जानकी के माता पिता की थी । मां सुमित्रा देवी का बारह वर्ष पहले ही स्वर्ग वास हो चुका है । उस समय जानकी केवल दस वर्ष की थी । मां के गुजरने के बाद सारी जिम्मेदारियां पिता ने उठाई । पांच वर्ष पूर्व पिता शंकर झा कि भी एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी । उसके बाद से जानकी ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 6
जानकी और मैथिली कावेरी को नीचे ले आए और उन्हें पूनम जी के बगल में सोफे पर बिठा दिया वही मैथिली और जानकी उन दोनों के ठीक पीछे जाकर खडी हो गयी । कावेरी के पिता सतीश जी ने कहा " मिलिए हमारी बडी बेटी कावेरी से और ये हमारी छोटी बेटी मैथिली हैं । " मैथिली और कावेरी दोनों ने हाथ जोड़कर उन्हें नमस्ते कहा । सतीश जी जानकी की ओर देखकर बोले " ये हमारी बेटियों की सहेली हैं जानकी , हमारी बेटी की तरह ही हैं । " जानकी ने भी सबको नमस्ते कहा । लडके ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 7
सुबह का वक्त , अयोध्या , रघुवंशी मेंशनराघव इस वक्त अपने कमरे में तैयार हो रहा था । उसने कफ ठीक किया और कोट पहना । राघव अपने हाथों में खडी बांधते हुए रूम से बाहर निकल आया । सुरेश वही से गुजर रहा था । राघव ने कहा " सुरेश बेड पर मेरी फाइल और लैपटॉप बैग हैं उसे मेरी गाडी में रखवा दो । " " जी भैया " ये बोल सुरेश उसके कमरे की ओर बढ गया और राघव नीचे चला आया । परी इस वक्त डायनिंग टेबल के पास चेयर पर बैठी थी । इस ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 8
करूणा की बातों से जैनी भावुक हो चुकी थी । वो उसके पैरों के पास गिरकर बोली " मैडम के टाइम में कोई अपनों को अपना नही कहता और आप गैरों को भी अपना कहती हैं । आज के समय में नौकरों को कौन अपना परिवार बताता है । आपने तो हमे घर का सदस्य ही कह डाला । "" क्यो न कहे आप सबको अपना परिवार । आप सब हमारे परिवार के सदस्य की तरह हैं । यहां काम करने वाला हर एक व्यक्ति हमारे परिवार का हिस्सा है । दिन रात आप लोग हमारे साथ रहते हैं ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 9
परी कहां इन आवाजों को सुनने वाली थी । बेड के एक तरफ डोरेमोन , दूसरी तरफ बार्बी् और के पास मंकी पडा था । वो तो टैडीस से घिरी हुई थी । करूणा उसके पास बैठकर उसका सिर सहलाते हुए बोली " परी बेट उठो आपको स्कूल भी जाना हैं । " " नयी आज छुट्टी है ।। " परी बिना आंखें खोले बोली । " हां आपके लिए तो हर दिन छुट्टी होती हैं । " ये बोलते हुए करूणा ने उसे जबरदस्ती उठा दिया । फिर क्या था शुरू हो गया रोना धोना । करूणा ने ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 10
जानकी इस वक्त सीढ़ियों पर बैठी बस नदी मे उमड़ रही लहरों को देख रही थी । आस पास मौसम काफी सुहाना था । पानी का रंग नीले आसमान की तरह था । जानकी अपने ही ख्यालों में गुम एक टक उन आती जाती लहरो को देख रही थी । इसी बीच किसी ने पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखा । जानकी ने मुड़कर देखा । पीछे खडे शख्श को देखकर वो थोडा हैरान होते हुए बोली " तुम यहां ....... ? " " हां मैं यहां " ये बोलते हुए वो आदमी वही उसके बगल में बैठ ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 11
कोकिला बाई उठते ही बोली ' सारी दुनिया बस औरत पर बस इलज़ाम लगाती हैं । मर्द के खर्चे कुछ कम नही । चांद जैसी बीवी को छोड़कर कांटों से भरे गुलाब की ख्वाहिश लिए बैठे हैं । वाह रे दुनिया बनाने वाले चुन चुनकर नमूने भेजे हैं इस धरती पर । " कोकिला बाई मूंह बनाते हुए अपने कमरे की ओर बढ गई । गिरिराज रागिनी के कमरे में चला आया । उसे इस वक्त कमरे में कोई नज़र नहीं आया । दरवाजा बंद करने की आवाज जब उसके कानों में पडी तो उसने पलटकर देखा । रागिनी ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 12
राघव ने दोबारा डुबकी लगाई और उसके साथ रागिनी भी पानी के अंदर गयी । दोनों ही एक साथ आए । इस वक्त भी वो पुष्प माला उन दोनों के गले में थी । राघव ने अपनी आंखें खोली । आंखें खोलते ही उसे अपने सामने एक लडकी दिखाई दी जो उसके लिए अंजान थी । रागिनी खोए हुए अपने हाथों को उसकी ओर बढा रही थी । राघव की आंखें छोटी हो गई । उसने गले से उस हार को निकाला जिस कारण रागिनी के हाथों में धक्का लगा । उसकी तंद्रा टूटी और वो गिरने लगी । ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 13
कोई खुशी नही दे पाएंगे हम । हां बस जिंदगी का सबसे गहरा ज़ख्म बनकर रह जाएंगे । " ये कहते हुए सिसकने लगी थी , तभी उसी कमरें से कुछ आवाजें आई । दिशा अपने कमरे में चली आई । कोई दरवाजा नोंक कर रहा था । दिशा दरवाजा खोलने के लिए आगे बढ गयी । उसने दरवाज़ा खोला तो देखा बाहर गायत्री खडी थी । उसके हाथों में दूध का गिलास था । गायत्री अंदर आते हुए बोली " दिशा तुम सो तो नही गयी थी न । " " नही भाभी बस बालकनी में टहल रही ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 14
" क्या हुआ रमा क्यों इतना शोर कर रही हो ? " पीछे से किसी की आवाज आई तो बोली" आपकी भतीजी मुझे मजबूर कर रही हैं । पहले ही समझाया था आपको । रिश्ता भाई भाभी तक ही रहेगा । बच्चे अपना रंग दिखा देंगे और देखो महारानी अभी से रंग दिखाने लगी हैं । " रमा जी के जो जी में आया कहती चली गई । जानकी चुपचाप खडी बस उनकी कडवी बातों को सुन रही थी । उसने मीठी का हाथ थामा हुआ था और मीठी आंसू भरी नजरों से बस अपनी जीजी मां की ओर ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 15
" नथिंग सर " ये बोलकर राकेश बाहर की ओर भागा । सारी जगह दिशा को तलाशने के बाद टेरिस पर चला आया । उसन लाल रंग का एक उडता हुआ दुपट्टा नज़र आया । राकेश ने एक गहरी सांस ली । वो अपने दोनों हाथ घुटने पर रख हांफते हुए सामने की ओर देख रहा था । इस वक्त दिशा उसकी ओर पीठ किए खडी थी । राकेश की सांसें नोर्मल हुई तो उसने कहा " दिशा ....... उसकी आवाज सुन दिशा उसकी ओर पलटी । राकेश अपने हाथों में पकडे लेटर को ऊपर की ओर उठाते हुए ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 16
" जानती हो संध्या इन खूबसूरत पेंटिंग्स का संबंध रामायण से केसे जुडा है ? " " कैसे .... " संध्या ने पूछा । जानकी आगे बताते हुए बोली " जब राम जी सीता जी से विवाह करने के लिए जनकपुर पधारे थे , तो विदेह राज जनक ने मिथिला वासियों से कहा था । पूरे राज्य को हाथों से सजाने के लिए तो बस वही से शुरू हुआ इसका प्रचलन । हर तस्वीर कुछ न कुछ कहती हैं । खासकर औरतो ने इसे आज के समय में और भी ज्यादा प्रचलित कर दिया हैं । " " ये ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 17
" हां भयी मुझे अच्छे से याद हैं । बस दस मिनट दो अभी रेडी होकर आती हूं । ये बोल संध्या वाशरूम में चली गई । वही दूसरी तरफ राघव अपने रूम में रेडी हो रहा था । करूणा अंदर आते हुए बोली " ऑफिस के लिए निकल रहे हैं देवर जी । " " हां भाभी मां बहुत सारा काम पैंडिंग हैं तो सोचा जल्दी चला जाऊ । " " आपसे एक काम था हमें । " करूणा ने कहा तो राघव फ़ौरन बोला " हां तो कहिए न भाभी मां क्या करना हैं ? " " ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 18
जानकी का ध्यान संध्या की बातों पर बिल्कुल नही था । वो तो दाना चुग रहे पक्षियों को देख थी । संध्या चलते हुए बोली " मुझे कुछ सामान लेना हैं जानकी मार्केट चलोगी मेरे साथ ? " जानकी अभी भी मुस्कुराते हुए उन पक्षियों को देख रही थी । संध्या उसे हिलाते हुए बोली " जानकी कहां ध्यान है तुम्हारा ? " " हां .... कुछ कहा क्या तुमने ? " जानकी ने चौंककर पूछा । ' हां मैं ये पूछ रही थी की मुझे कुछ सामान लेना हैं मार्केट चलोगी मेरे साथ । " " ठीक है ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 19
सुबह का वक्त , रघुवंशी मेंशनराघव ऑफिस के लिए निकल चुका था । परी अंदर हॉल में अकेली खेल थी । करूणा नीचे चली आई । कैलाश जी अंदर आते हुए बोले " बहुरानी आज भी कुछ लडकिया आई हैं आप एक ..... कैलाश जी कह ही रहे थे की तभी करूणा बीच मे टोकते हुए बोली " आप बस उन्हें लाते रहिए । काम का तो कोई नही निकला । अभी तक हमे एक केअर टेकर नही मिल पाई । " " भाभी समझिए उसकी टेंशन भी अब खत्म होने वाली हैं । " करूणा के कानों में ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 20
रात का वक्त , रघुवंशी मेंशनराघव ऑफिस से आ चुका था । इस वक्त वो अपने कमरे में किसी फोन पर बात कर रहा था । इसी बीच किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी । दरवाजा खुला हुआ था । राघव ने पलटकर देखा तो बाहर सुरेश खडा था । राघव ने हाथों के इशारे से उसे अंदर आने के लिए कहा । सुरेश अंदर आया और सिर झुकाकर धीरे से बोला ' भैया आपको बडी मालकिन खाने के लिए नीचे बुला रही हैं । " राघव ने हां में सिर हिलाया और उसे हाथों के इशारे से जाने ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 21
नाश्ता बनाने के बाद वो परी के कमरे में चली गयी । चारो तरफ टेडी बियर से घिरी हुई आराम से सो रही थी । जानकी मुस्कुराते हुए उसके पास चली आई । वो परी के सिरहाने बैठ गयी और उसका सिर सहलाते हुए बोली " परी अब तो सुबह भी हो चुकी हैं क्या आपको उठना नही हैं । " परी भला क्यों उठती ? जानकी इतने प्यार से उसका सिर सहला रही थी ऐसे में तो उसकी नींद जाने की वजाय वापस चलीं आएगी ।जानकी ने फिर से उसे उठाने की कोशिश की । परी ने अपनी ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 22
रात का वक्त , रागिनी का कमरा रागिनी बेड पर बैठी मुस्कुरा रही थी और गिरिराज उसे पैरों में हाथों से पायल पहना रहा था । उसने पायल पहनाने के बाद हल्के होंठो से पैरों को चूम लिया । रागिनी अपने पैर पीछे करते हुए बोली " छोडिए ठाकुर साहब हमेशा आप हमे उतरन ही पहनाते रहिएगा । आपकी थकान हम दूर करते हैं और हीरे जवाहरात से आपकी पत्नी लदी रहती है । वो तो नाम की बीवी हैं , असली प्यार तो हम ही आपको देते हैं उसके बाद में हमे आप उसकी उतरन देते हैं । ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 23
जानकी हल्की मुस्कुराहट के साथ बोली " हमारा नाम जानकी झा हैं । वैसे तो हमारे दोस्त और करीबी ही हमें इस नाम से पुकारते हैं । आप हमे जानू कह सकते हैं , हमे कोई एतराज़ नहीं । " जानकी के ये कहते ही राज के होंठों पर मुस्कुराहट तैर गई । दो लोग थे जिन्हें इस बात से जलन हो रही थी । पहला राघव जिसे इस फीलिंग का एहसास ही नही था और दूसरी हमारी परी । अब उसकी जानू पर कोई और हक जमाएगा तो वो गुस्सा नही होगी क्या ? ऐसा लग रहा था ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 24
" ये क्या बदतमीजी थी राकेश , सब कैसी कैसी बाते बनाएंगे मेरे बारे में । ' ये बोल जाने के लिए आगे बढ गयी । वो कुछ ही कदम चली थी , की तभी राकेश ने फिर से उसका रास्ता रोक लिया । " वो लोग क्या सोचते हैं मुझे इससे फर्क नही पडता । मुझे सिर्फ तुमसे फर्क पडता हैं । मैंने तुमसे पूछा था फिल्म देखने चलोगी या नही और तुमने कुछ जवाब ही नही दिया । " " नही " दिशा ने सपाट लहजे में कहा । राकेश अपनी आंखें छोटी कर बोला " ये ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 25
रात का वक्त , रघुवंशी मैंशन इस वक्त खाने की टेबल पर करूणा , जानकी और परी मौजूद थे राघव अभी तक ऑफिस से वापस नही लौटा था । जानकी इस वक्त परी को खिला रही थी । परी का खाना खत्म होते ही जानकी उसे उसके कमरे में लेकर चली गयी । " जानू मुझे कहानी सुनाओ न । " परी ने कहा । जानकी उसे बेड पर लिटाकर उसके सिरहाने बैठते हुए बोली " तो आप ही बताइए कौन सी कहानी सुनाऊं ? " " मैं परी हूं न तो आप मुझे परी वाली कहानी सुनाइए । ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 26
इस वक्त राघव की आंखें आग उगल रही थी । वो उसपर गुस्से से बरसते हुए बोला " तुम्हारा खराब है । कहां हैं गार्डस ..... ? किसने कहा था बिना गार्डस के बाहर निकलने के लिए । अभी जो कुछ हुआ उसका जिम्मेदार कौन हैं ? अगर मेरी बच्ची को जरा सी भी खरोंच लगती , तो मैं तुम्हारी जान निकाल लेता । " राघव के इस तरह चिल्लाने से जानकी अंदर तक कांप गई । एक तो ये खून खराबा देखकर वो पहले से ही हैरान थी और ऊपर से अब राघव का गुस्सा । परी राघव ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 27
गायत्री गर्म तेल में गुजिया डालते हुए बोली " अच्छी बात हैं फिर तो दाल चावल, रोटी सब्जी सब में लेकर ही खाना । " उसकी बातों पर दिशा हंसने लगी । इसी बीच उसके फ़ोन की बेल बजी । नंबर देखकर दिशा की आंखें बडी हो गयी । " क्या हुआ किसका फ़ोन हैं ? " गायत्री ने पूछा तो दिशा खुद को नोर्मल करते हुए बोली " वो भाभी हमारी दोस्त का । तबियत खराब थी न इसलिए कालेज नही आई । शायद नोट्स के लिए फ़ोन किया होगा । " ये बोल दिशा किचन से बाहर ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 28
राज के मूंह से जानू शब्द सुनकर अमित की खांसी शुरू हो गयी । राज ने तुरंत उसकी ओर का गिलास बढाया । अमित ने पानी पिया और गिलास नीचे रखते हुए बोला " तुमने जानकी को जानू क्यों कहा ? " " क्योंकि मैं उनका दोस्त हूं और उनके दोस्तों को उनका पेट नेम लेने की इजाजत हैं । ' राज ने तुरंत जवाब दिया । " वो तुमसे बडी हैं इसलिए तुम्हें उसका पेट नेम नही लेना चाहिए । " अमित के ये कहने पर राज बच्चों की तरह मूंह बनाकर बोला " अच्छा जी मैं छोटा ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 29
परी राघव का हाथ पकड़ते हुए बोली " हम भी जानू के पास चलेंगे । " परी उसे खींचते उसी शॉप में ले जाने लगी जहां राज जानकी को ले गया था । अमित भी उसके पीछे चल दिया । वो तीनों शॉप में आए तो देखा राज ने जानकी के लिए टेबल पर कपड़ों का ढेर लगा रखा था । जानकी के चेहरे से साफ़ पता चल रहा था उसे एक भी कपड़े पसंद नही आए । राज अपने हाथों में एक मिनी फ्राक लेकर जानकी को दिखाते हुए बोला " जानु इसका कलर अच्छा हैं । आपपर ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 30
जानकी ने कसकर अपनी आंखें बंद कर ली । उसने गले के करीब अपनी ओढ़नी को कसकर मुट्ठियों में रखा था । पीछे खडे वो तीनों लडके एक राक्षसी हंसी हंस रहे थे । जानकी की घबराहट भी बढ चली थी । अचानक ही उसने महसूस किया जैसे उन लोगों ने उसका दुपट्टा छोड दिया हो । एकाएक उनकी हंसी भी बंद हो गयी । जानकी ने अपनी आंखें खोली । पीछे पलटकर देखने की उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी फिर भी उसने कोशिश की । जानकी ने जब पलटकर देखा तो आंखें हैरानी से बडी हो गई ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 31
जानकी उसके पास चली आई । उसने ड्रेस की गले वाले हिस्से पर लगे स्टीकर को दिखाते हुए कहा हमने इसकी कीमत अदा नही की । इनकार भी किया हमने लेकिन उन्होंने जबरदस्ती हमे ये ड्रेस खरीदकर दी । "" उन्होंने मतलब .... किसने दी ये ड्रेस खरीदकर ? " संध्या ने पूछा । जानकी नजरें झुकाकर इधर उधर देखंए लगी और फिर धीमे स्वर में बोली " राघव जी ने । " " लो नाम तो ऐसे ले रही हैं जैसे हमारे इंडिया में पत्नी शरमाते हुए अपने पती का नाम लेती हैं । ...... और क्या हो ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 32
परी भी तालिया बजाने लगी थी । संध्या राज से बोली " जल्दी आगे आईए राज अब आपकी बारी " राज ने पट्टी बंधवाई और गेम शूरू हो गया । परी की शरारतें भी कुछ कम नही थी । कभी वो राज को पीछे से मारकर भागती , तो कभी उसके टांगों के बीच से निकलकर भाग जाती । जानकी का दुपट्टा पौधे में अटक गया जिसे निकालने के चक्कर में वो पकडी गयी । सच तो ये था की राज ने चींटिंग की थी । राज ने जानकी के आंखों पर पट्टी बांधी और उसे घुमाते हुए बोला ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 33
जानकी परी को लेकर ऊपर आई तो देखा राघव कारिडोर मे खडा किसी से फोन पर बात कर रहा । राघव की नज़र उसपर पडी, तो जानकी ने पलकें झुका ली और परी को लेकर उसके कमरे में चली गई । जानकी ने परी को बेड पर लिटाया और ब्लैंकेट से कवर किया । जितने भी डॉल थे उन्हें उसके चारों ओर रख दिया । जानकी रूम से बाहर निकली तब भी राघव बाहर ही खडा था । वो इस वक्त फ़ोन पर बात नही कर रहा था । बस अपने हाथों को फोल्ड कर पिलर से टिककर खडा ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 34
राघव अपने काम पर लग गया । हालांकि उंगलियां की बोर्ड पर चल रही थी लेकिन नजरें बार बार की तरफ चली जाया करती । इस वक्त परी जानकी की गोद में बैठी शैतान और जिद्दी गुड़िया लग रही थी । वही जानकी बिल्कुल उसकी मां लग रही थी जो नए नए बहाने कर बच्चे को खाना खिलाती हैं । राघव को हमेशा उन्हें साथ देखकर पासिटिव वाइव्स आती थी , हालांकि पहले परी का उसके करीब जाना उसे जेलेस फील कराता था लेकिन अब वो फीलिग धीरे धीरे खत्म हो रही थी । राज उठते हुए बोला " ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 35
गिरिराज वापस से सोफे पर बैठते हुए बोला " अरे प्रेम की भाषा ई सब नही समझती हैं । जुता लात की भाषा समझ में आती है । औरत पैरों की जूती होती हैं और जूती पैर में ही शोभा देती हैं । सर पर रखोगे तो दुनिया पागल कहेगी । " " काहे ऐसी बाते कर रहे हों । " कुंदन कह ही रहा था की तभी गिरिराज उसकी बात बीच में काटते हुए बोला " तुम बच्चे हो नही समझोगे । जब बीवी नाम का फंदा तुम्हरे गले में पडेगा न तब समझ आएगा । एक बात ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 36
मोनीश ने अपने चेहरे से हाथ हटाया , तो उसके हाथों पर खून लग चुका था । मूंह और दोनों से ही खून निकल रहा था । वही दूर खडी जानकी और संध्या दोनों ने आश्चर्य से अपने मूंह पर हाथ रख लिया । मोनिश गुस्से से उठते हुए बोला " एक नौकरानी से इतनी हमदर्दी । सिर्फ कुछ रातो के लिए ही तो रखेल बनाने की बात की थी । जिंदगी भर के लिए तो नही मांगा था । " अबकी बार राघव ने एक नही दो नही बल्कि अनगिनत घूंसे उसके चेहरे पर बरसाए । मोनीश को ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 37
" इसमें कौन सी बडी बात है भाभी मां । हमने उसे कांट्रेक्ट पर नही रखा हैं । वो चाहे, जहां चाहे जा सकती है । रही बात परी की तो उसके न होने पर भी हम उसे संभालते थे । उसके चले जाने पर भी हमे कोई फर्क नहीं पडेगा । हम परी के लिए उससे भी अच्छी केअर टेकर ढूंढ लेंगे । " राघव ने कहा तो करूणा बोली " हां आप उससे अच्छी केअर टेकर ढूंढ सकते हैं लेकिन जानकी जैसी नहीं । परी को जानकी की जरूरत है । देवर जी मुझे सब पता चल ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 38
" मुझसे बाद में निपटिएगा पहले जाकर भाभी से निपटिए । अगर देर की तो कमरे में घुसने नही । " ये कहकर राघव ने आई ब्लिंक की और वापस से आंखें बंद कर सो गया । समर उसे गुस्से से घूरते हुए बाहर निकल गया । समर अपने कमरे में आया , तो देखा करूणा बिस्तर ठीक कर रही थी । समर ने जाकर उसे पीछे से बांहों में भर लिए । समर की छुअन महसूस कर करूणा मुस्कुरा दी । समर उसके कंधे पर अपना चेहरा टिकाकर बोला " तो सजा के लिए तैयार हो । " ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 39
राघव का गुस्सा धीरे धीरे कर शांत होने लगा था । उसने भी अपना हाथ बढ़ाकर हरिवंश जी को थाम लिया । कुछ पल बाद राघव बोला " वो लोग कौन थे पापा ? आखिर वो लोग क्या चाहते हैं ? " हरिवंश जी राघव से अलग हुए और उससे बोले " यहां बैठो फिर तुम्हें पूरी बात बतात हूं । " राघव हरिवंश जी के साथ जाकर सोफे पर बैठ गया । समर और कैलाश जी अपनी अपनी जगह पर खडे थे । हरिवंश जी राघव की ओर देखकर बोले " तुम्हें तो मालूम ही हैं की तुम्हारी ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 40
हरिवंश जी ने जमीन को लेकर कोर्ट में केस कर दिया था । जैसा कि सभी जानते हैं जमीन से जुड़े मामलों में केस थोड़ा लंबा खिंच जाता है । इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ किंतु हरिवंश जी की पहुंच की बदौलत वह इस केस के सही निर्णय तक पहुंचने में कामयाब हुए । 5 महीने बीत चुके थे । करुणा का आठवां महीना लग चुका था । इस बीच राघव की स्टडी भी कंप्लीट हो गई थी और उसने धीरे-धीरे ऑफिस जाना शुरू कर दिया था । हरिवंश और समर आफिस का काम बखूबी संभाल ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 41
शाम का वक्त , रघुवंशी मेंशन समर और हरिवंश जी के ऑफिस से घर लौटने का समय बीतता जा था , लेकिन वो लोग घर नहीं लौटे । अर्चना जी के मन में अजीब सी घबराहट ने जगह बना ली थी । राघव आज आफिस नही गया था । इस समय वो अपने रूम में था । अर्चना जी उसके कमरे में चली " राघव तुम्हारे पापा और भैया अभी तक नही आए । " " आ जाएंगे मां हो सकता हैं किसी जरूरी काम से रूक गए हो । " ' ऐसा कौन सा काम हैं जो उन्हें ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 42
कमिश्नर की बाते सुनकर अमित बोला " आप लोगों का ये फ़ैसला राघव को बिल्कुल पसंद नहीं आएगा । पहले ही कह चुका हैं आप लोगों से , की आप सब इस मामले से दूर रहेंगे । " " ऊपर से आडर्स आए हैं ऐसे में फ़ॉलो तो करना ही पडेगा । हम पर्सनली जांच कर रहे हैं इनके पीछे किसका हाथ हैं । मैं तो यही कहुगा अगर वो अपराधी आपके हाथ लगे ,तो उसे कानून के हवाले कर दीजिएगा । मैं विश्वास दिलाता हु उसे कडी से कडी सजा दिलवाऊगा । " कमिश्नर साहब कह ही रहे ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 43
अमित के ये पूछने पर की बच्ची का नाम क्या रखा जाएगा करूणा चुप रही । राघव बच्ची को हुए बोला " वही जो भैया ने सोचा था ' परी ' ...... पूर्विका सिंह रघुवंशी । "करूणा के आसु भी झलक गये । अमित ने बच्ची को अपनी गोद में ले लिया । राघव तुरंत पलट गया और अपने आसु छुपाने की कोशिश करने लगा । करूणा इस बात को भली भांति समझ रही थी । इस वीराने में एक कली खिली थी । उसके आने के बाद मानो खुशिया भी पंख पसारे वहां आने लगी थी । करूणा ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 44
जानकी परी के कमरे में आई तो देखा वो जगी हुई थी और अपनी डॉल के साथ खेल रही । जानकी ने अपने हाथों से उसे आरती दी और फिर प्यार से उसके गालों पर किस किया । ' गुड मॉर्निंग ' परी ने भी कुछ ऐसा ही जवाब दिया । वो भी जानकी के गालों पर किस करते हुए बोली " गुड मॉर्निंग जानू । "'जानकी ने मुस्कुराते हुए प्लेट साइड टेबल पर रखी । उसने परी के लिए ड्रेस निकाली और उसे तैयार करने के लिए ले गयी । इधर राघव नीचे हॉल में बैठकर नाश्ता कर ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 45
सुबह का वक्त , रघुवंशी मेंशनसुबह जब धूप की किरणें राघव के चेहरे पर पडी तो उसकी नींद टूट । जानकी किसी बच्चे की तरह उसके कंधे पर सर रखकर सो रही थी । उसने अपने दोनों हाथों से राघव की बांह पकड रखी थी । राघव ने आस पास नजरें घुमाई , तो देखा सुबह हो चुकी थी और वो छत पर ही सो चुका था । धूप की वजह से जानकी की भी नींद टूट गयी । खुद को जब उसने राघव के इतने करीब पाया , तो तुरंत उससे एक फासला बनाते हुए दूर हो गयी ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 46
आज कुंदन का जन्मदिन था । हवेली के अंदर कोई शोर शराबा न हो इसलिए पार्टी हवेली के पिछले में रखी गयी थी । रागिनी और उसके साथ नाचने गाने वाली लड़कियों का ग्रू्प आया हुआ था । सब लोग शराब के साथ उनका डांस देखने के लिए उत्तेजित थे । गायत्री को तो इस वक्त भी कोई राहत नही मिली थी । कभी उनके लिए पानी लेकर जाओ , तो कभी उनके आगे शराब परोसकर आओ । न चाहते हुए भी उसे ये सब काम करना पड रहा था । कुंदन और गिरिराज सामने सोफे पर बैठे हुए ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 47
सुबह का वक्त , ठाकुर भवननारायण जी हॉल में बैठे अखबार पढ रहे थे । गायत्री उनके लिए चाय आई । उसने चाय का कप उनकी ओर बढाते हुए कहा " बाबुजी आपकी चाय । " नारायण जी ने उसके हाथों से चाय ले ली । गायत्री भी किचन में चली गई । वही ऊपर गिरिराज के कमरे का दरवाजा खुला । वो तो अभी तक सो रहा था लेकिन रागिनी तैयार होकर बाहर चली आई । उसने इस वक्त गायत्री के कपडे पहने हुए थे । वो कुंदन के कमरे के पास चली आई । उसने दरवाज़ा खटखटाया ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 48
जानकी की नजर परी पर गयी , जो सबको उसके पास देखकर जेलेस फील कर रही थी । जानकी पास आई और उसके गालों को चूमते हुए बोली " जानू सिर्फ आपकी हैं बाकी सबके लिए वो डुबलिकेट कॉपी । जाइए जाकर पढ़ाई कीजिए हम दोपहर में आपको लेने आएंगे । " परी मुस्कुराकर अपने दोस्तों के साथ वहां से चली गई । राघव दूर खडा ये सब देख रहा था । जानकी वापस गाडी में चली आई । राघव उसे लेकर हवेली के लिए निकल गया । राघव के फ़ोन की रिंग बजी तो उसने गाडी साइड में ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 49
पुरे रास्ते राघव और जानकी के बीच खामोशी छाई रही । राघव ने गाडी हवेली के आगे रोकी । ने सीट बेल्ट खोला और जैसे ही गाडी से उतरने लगी राघव ने रोक दिया । ' एक मिनट ठहरो । ' जानकी उसकी आवाज सुनकर रूक गयी । राघव गाडी से बाहर आया और उसकी साइड का दरवाजा खोल उसे गोद में उठाने के लिए नीचे झुका । जानकी तुरंत पीछे की ओर झुक गयी । " ये आप क्या कर रहे हैं ? मैं खुद चल सकती हूं । प्लीज हम इस तरह सबके सामने अनकंफर्टेबल फील करेंगे ...और पढ़े
Prem Ratan Dhan Payo - 50
सुबह का वक्त , रघुवंशी मेंशनजानकी सुबह अपने वक्त पर उठी । वो तैयार होकर जैसे ही कमरे से निकली उसे अपने सामने ऋषभ खडा दिखाई दिया । जानकी को बेहद अजीब लगा । " आप यहां इतनी सुबह क्या कर रहे हैं ? " " मुझे सुबह जल्दी उठने की आदत हैं । मैं बस टहल रहा था की तभी मुझे आपके कमरे से गाने की आवाजे आई । मैं खुद को रोक नही पाया और यहां आकर खडा हो गया । वैसे आप बहुत मीठा गाती हैं । " जानकी को समझ नही आया ऋषभ की बातों ...और पढ़े