कुछ चित्र मन के कैनवास से

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1-कुछ चित्र मन के कैनवास से नभचर जलथर की तरह थलचर के अनेकानेक प्राणियों में से एक मनुष्य भी एक यायावर प्राणी है । एक जगह बैठना तो मानो उसने सीखा ही नहीं हैं। यात्राएं उसकी जिजीविषा है वह यात्राएं कर अपने थके तन-मन को संजीवनी देने की चाह के साथ जगह-जगह की संस्कृतियों को आत्मसात करने का प्रयास करते हुए अपनी मानसिक भूख को शांत करने के साथ-साथ जहां ज्ञान वृद्धि करने का प्रयत्न करता है वहीं कूपमंडूकता से छुटकारा भी पाना चाहता है । बौद्धिक क्षमता से परिपूर्ण मानव एक ही जगह कुएं के मेंढक की तरह उछल कूद करते

Full Novel

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 1

1-कुछ चित्र मन के कैनवास से नभचर जलथर की तरह थलचर के अनेकानेक प्राणियों में से एक मनुष्य भी यायावर प्राणी है । एक जगह बैठना तो मानो उसने सीखा ही नहीं हैं। यात्राएं उसकी जिजीविषा है वह यात्राएं कर अपने थके तन-मन को संजीवनी देने की चाह के साथ जगह-जगह की संस्कृतियों को आत्मसात करने का प्रयास करते हुए अपनी मानसिक भूख को शांत करने के साथ-साथ जहां ज्ञान वृद्धि करने का प्रयत्न करता है वहीं कूपमंडूकता से छुटकारा भी पाना चाहता है । बौद्धिक क्षमता से परिपूर्ण मानव एक ही जगह कुएं के मेंढक की तरह उछल कूद करते ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 2 - शिकागो

शिकागोआखिर हमारे वायुयान ने जमीन छू ही ली । हम शिकागो के 'ओ हेरे इंटरनेशनल एयरपोर्ट ' पर । शिकागो की धरती पर कदम रखते हुए मुझे बेहद हर्ष हो रहा था क्योंकि यहां की धर्म संसद में 11 सितंबर 1893 में स्वामी विवेकानंद ने विश्व शांति का संदेश दिया था । हमें लग रहा था कि सामान आने में तथा कस्टम क्लियर होने में समय लगेगा पर यह सब फॉर्मेलिटी पूरी होने में 1 घंटे से ज्यादा समय नहीं लगा । इमीग्रेशन काउंटर पर उपस्थित अधिकारी ने हमारे आने का उद्देश्य तथा समयाविधि पूछी । हमारे समयाविधि बताने पर ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 3 - मिलेनियम पार्क

मिलेनियम पार्क माल में घूमकर हम मिलेनियम पार्क गए जो मिशीगन लेक के पास स्थित है । यह सार्वजनिक है । लूप समुदाय क्षेत्र के इलिनोइस स्टेट के शिकागो में स्थित इस पार्क को शिकागो के सांस्कृतिक मामलों के विभाग द्वारा संचालित और एम.बी . रियल एस्टेट द्वारा मैनेज किया जाता है । यह शिकागो मिशिगन लेक के किनारे स्थित मुख्य पर्यटक स्थल है । उत्तर-पश्चिमी ग्रांट पार्क के 24.5-एकड़ में बना यह पार्क मिशिगन एवेन्यू से घिरा है । 2009 तक केवल नेवी पियर को शिकागो के पर्यटकों के आकर्षण के रूप में जाना जाता था । हमें बताया गया ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 4 - बोट शो

बोट शो कुछ समय मिलेनियम पार्क में व्यतीत करने के पश्चात अब हम बी.पी. पैदल पुल के द्वारा बाहर तथा मिशीगन लेक में होने वाले बोट शो के लिए चल दिए । भीड़ इतनी अधिक थी कि देख कर लग रहा था जैसे कोई मेला लगा हो । हमें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि ट्रैफिक पुलिस वाले घोड़ों पर चढ़कर ट्रैफिक कंट्रोल कर रहे हैं । जैसे तैसे हम गंतव्य स्थल पर पहुंचे । मिशिगन लेक के किनारे पहले से ही लोग अपनी दरी, चादर या कुर्सियां लेकर अपनी जगह घेर कर बैठे हुए थे । साथ ही खाना पीना ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 5 - बहाई टेम्पिल

बहाई टेम्पिल पार्टी के पश्चात हम बहाई टेंपल गए जो 100 लिंडन एवेन्यू विलमेटि में स्थित है । इसका पत्थर 19 अप्रैल में लगाकर इसका शुभारंभ किया गया किन्तु इसका निर्माण कार्य 1921 में प्रारंभ हुआ... लगभग 32 वर्षों पश्चात इसका निर्माण पूरा हो पाया तथा उसी वर्ष इसे समाज को समर्पित कर दिया गया । इसके आर्किटेक्ट लुइस बोर्गीइस ने इस टेंपल को ऐसे डिजाइन किया है कि चाहे व्यक्ति पूर्व का हो या पश्चिम का यहां आकर मन में सुख शांति का प्रकाश न केवल लेकर जाए वरन एक दूसरे के मन में एकता और भाईचारे की भावना ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 6 - वाशिंगटन डी. सी.

वाशिंगटन डी.सी. वाशिंगटन के समय के अनुसार लगभग 11:00 बजे हम वाशिंगटन डी.सी. के बाल्टीमोर एम.डी. (बीडब्ल्यू. आई. ) पर उतरे । सामान अपने साथ ही रखने के कारण हमें सामान आने का इंतजार नहीं करना पड़ा । हम सीधे ही एयरपोर्ट से बाहर निकल आए । एयरपोर्ट से होटल जाने के लिए हमने पहले से ही शटल वैन बुक करा रखी थी । बाहर खड़ी शटल टैक्सी को हमने अपनी बुकिंग बताई तो उसके ड्राइवर ने कहा, 'आपने इंटरनेट से बुकिंग की है इसलिए टिकट और टैक्सी नंबर आपको अंदर बुकिंग काउंटर से लेना पड़ेगा ।' टिकट और टैक्सी नंबर ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 7 - न्यूयॉर्क

न्यूयॉर्कसाढ़े 4 घंटे की यात्रा के पश्चात हम न्यूयॉर्क के पेंसिलवेनिया स्टेशन पर उतरे जो मेनहट्टन के बीच में है । हम बाहर निकले तथा टैक्सी पकड़ने के लिए लगी कतार में खड़े हो गए । जब हमारा नंबर आया तो टैक्सी अरेंज कर रहे व्यक्ति ने एक टैक्सी की ओर इशारा करते हुए हमसे बैठने को कहा । ठीक इसी तरह की कतार हमने हमारे देश के कलकत्ता शहर में देखी थी । वहां भी इसी तरह से नंबर आने पर टैक्सी में बैठने को हमसे कहा गया था । हम टैक्सी में जाकर बैठ गए टैक्सी वाले ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 8 - स्टेच्यू आफ़ लिबर्टी 

स्टेच्यू आफ़ लिबर्टी टैक्सी से न्यूयॉर्क हार्वर पहुंचने में हमें लगभग 20 से 25 मिनट लगे । यह 19वीं से मध्य बीसवीं शताब्दी तक लाखों प्रवासियों के लिए यह न्यूयार्क का ऑफिशियल पोर्ट था । 'स्टैचू ऑफ लिबर्टी' के लिए टिकिट बैटरी पार्क में स्थित कास्टल क्लिंगटन नेशनल मॉन्यूमेंट में स्थित काउंटर से लेनी होती है । मेनहट्टन आइसलैंड के दक्षिण की ओर बने इस बैटरी फोर्ट का निर्माण न्यूयॉर्क हार्वर के बचाव के लिए किया गया था। यह किला 1812 के युद्ध के समय यू.एस. आर्मी का हेड क्वार्टर था । यहां पहुंच कर हम टिकट की कतार में ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 9 - एलिस आइसलैंड

एलिस आइसलैंडअब हमारा अगला गंतव्य स्थान एलिस आइसलैंड था जो स्टैचू ऑफ लिबर्टी के साउथ में स्थित है नाम इसके मालिक सैमुअल एलिस के नाम पर रखा गया है । मैंने जहाज में बैठे- बैठे टूरिस्ट बुकलेट पढ़नी प्रारंभ कर दी... दरअसल पहले से उस स्थान, जहां हम घूमने जा रहे हैं ,के बारे में थोड़ा बहुत ज्ञान हो तो देखने का मजा दुगना हो जाता है । इसलिए मेरी सदा यही कोशिश रहती है जहां जाए वहां के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी एकत्रित कर लूँ ।एलिस आइसलैंड न्यूयॉर्क हारबर का प्रवेश द्वार है । 100 लाख से ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 10 - मैडम तुसाद म्यूजियम

मैडम तुसाद म्यूजियम टिकट लेने में आधा घंटा बीत गया । इस बीच खड़े- खड़े मैं टिकट काउंटर पर मैडम तुसाद के बारे में जानने के लिए बुकलेट को पढ़ने लगी । मैडम तुसाद फ्रांस के स्ट्रांसबर्ग में पैदा हुई थीं । इनका नाम अन्ना मैरी ग्रोशॉटज रखा गया । उनकी मां डॉक्टर फिलिप्स क्यूरटियस के घर हाउसकीपिंग का काम करती थी । डॉक्टर फिलिप्स फिजिशियन थे तथा उन्हें मोम के मॉडल बनाने में सिद्धहस्तता हासिल थी । मैडम तुसाद में उनके साथ रहकर यह कला सीखी तथा अपना पहला मॉडल सन 1777 ने बनाया । 1795 उनका विवाह फ्रेंकोसिल तुसाद ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 11 - टाइम स्कवेयर और वर्ल्ड ट्रेड मेमोरियल

टाइम स्कवेयर और वर्ल्ड ट्रेड मेमोरियल 31 दिसंबर 1904 को दि न्यूयॉर्क टाइम के प्रकाशक एडोल्फ एस. ओच्स ने के संचालन के लिए लॉन्गकेयर स्क्वायर पर 42 वें स्ट्रीट पर, पूर्व पाबस्ट होटल की साइट पर एक नए गगनचुंबी इमारत में स्थानांतरित कर दिया। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने 7th एवेन्यू के 42 और 43 स्ट्रीट पर बने ट्रैफिक ट्रायंगल पर बनी, अपनी नई बिल्डिंग का शुभारंभ फायर वर्क के जरिए धूमधाम से किया । 4 महीने पश्चात इस लोंगाकेयर स्कवेयर का नाम टाइम स्क्वायर कर दिया गया । यह विश्व का सबसे अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने वाला स्थान बन ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 12 - एम्पायर स्टेट बिल्डिंग

एम्पायर स्टेट बिल्डिंगअंपायर स्टेट बिल्डिंग में लो विजिबिलिटी ( कम दर्शनीयता ) के बावजूद काफी भीड़ थी । कतार में लग गए । सिक्योरिटी चेक के पश्चात हर एक व्यक्ति का फोटो खींचा जा रहा था । हमारा भी फोटो खींचा गया । धीरे-धीरे लगभग 15 मिनट कतार में चलते-चलते हुए हम लिफ्ट तक पहुंच गए । लिफ्ट ने लगभग 1 मिनट में हमें 86 मंजिल पर पहुंचा दिया । लिफ्ट की गति देखकर हम आश्चर्यचकित थे । लिफ्ट से बाहर निकलते ही हम ऑब्ज़र्वेटरी डेक ( निरीक्षण करने का स्थान ) पहुंच गए । अभी गेट के बाहर ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 13 - ओरलैंडो

ओरलैंडो ऑरलैंडो फ्लोरिडा स्टेट के मध्य स्थित अत्यधिक जनसंख्या वाला पर्यटक स्थल है । ऑरलैंडो को सुंदर शहर नाम से भी जाना जाता है । जहां लेक एओला में स्थित फब्बारा इसका प्रतीक चिन्ह है । वहीं इसे विश्व का 'थीम पार्क कैपिटल' भी कहा जाता है ।ट्रेन से उतरने के पश्चात हमने पिंकी संगीता से संपर्क किया । वह फ्लोरिडा में लेक मैरी में रहती है । उसी के पास हमें जाना था । उसे आने में अभी आधा घंटे की देरी थी । हम बाहर आ गए । बाहर वेटिंग एरिया भी काफी बड़ा था । कई गेट ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 14 - एपकोट

एपकोटएपकोट में सर्वप्रथम हम स्पेसशिप अर्थ गए वहां हमें एक चलते खिलौना रेलगाड़ी में बिठा दिया प्रत्येक डिब्बे दो व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था थी गाड़ी चलती जा रही थी तथा गाड़ी में बैठे बैठे हमें विभिन्न मॉडलों के जरिए मानव के विकास की यात्रा तथा पर्यावरण पर असर तथा इसे कैसे मानव की भलाई के लिए उपयोग में लाया जा सकता है इसे दर्शाया जा रहा था साथ में एनाउंसर समय और परिस्थितियों से हमें अवगत करा रहा था यात्रा के दौरान उसने हमसे कुछ प्रश्न पूछने प्रारंभ किए जिसका डिस्प्ले हमारी शेर के सामने लगे कंप्यूटर सेट ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 15 - हॉलीबुड स्टुडियो

हॉलीबुड स्टुडियो बूंदाबांदी अभी हो ही रही थी । मैप के अनुसार हमने पहले पवेलियन' दी ग्रेट मूवी राइड' प्रवेश किया । यहां पर छोटे आकार की गाड़ी में हमें बैठा दिया गया । इस गाड़ी के चलते ही अंधेरा हो गया । इसके साथ ही सन 1930 की फिल्मों से हमारी यात्रा प्रारंभ हुई । कुछ पुरानी क्लासिकल फिल्मों के द्वारा यह दर्शाया जा रहा था कि कैसे फिल्मों का निर्माण प्रारंभ हुआ तथा धीरे-धीरे कैसे इसमें सुधार आता गया । लगभग 45- 50 विभिन्न फिल्मों के दृश्यों द्वारा इस 22 मिनट की विकास यात्रा से हमें बहुत सारी ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 16 - सी वर्ल्ड

सी वर्ल्ड सुबह सब जल्दी-जल्दी तैयार हो गए । शीघ्रता से नाश्ते के साथ पिंकी ने दोपहर में लंच लिए उपमा भी तैयार कर लिया । लगभग 1 घंटे की ड्राइव के पश्चात हम सब सीवर्ल्ड पहुंच गए । उनके पास सी वर्ड के पास थे अतः शीघ्र ही प्रवेश मिल गया ।बच्चों को राइड (झूला ) इत्यादि पसंद होती है । जब तक वे राइड करते, संगीता ने हमें 'वाइल्ड आर्कटिक' देखने की सलाह दी । जब हम 'वाइल्ड आर्कटिक' पहुंचे तो वहां दो पंक्तियां थीं । पूछने पर पता चला कि एक हेलीकॉप्टर राइड के लिए है तथा ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 17 - नासा में हमारा एक दिन

नासा में हमारा एक दिनअमेरिका प्रवास के दौरान हमारे पर्यटन स्थलों की सूची में नासा भी था । आज अपने पसंदीदा स्थान की सैर के लिए जाना था । मैं और आदेश जी सुबह 5:00 बजे उठकर तैयार हुए । घर से हमें 7:00 बजे नासा के लिए निकलना था… NASA (National Aeronautic and space Administration ) अटलांटिक महासागर के समीप स्थित बी वार्ड काउंटी ( Brevard county ) के मेरिट आइसलैंड के उत्तरी भाग में स्थित है । पिंकी ने सुबह उठकर सब्जी परांठा बना कर देना चाहा पर हम ने मना कर दिया । नाश्ता करके हम ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 18 - लेक मेरी

लेक मेरी लेक मेरी से मियामी पास ही था किंतु इतना भी पास नहीं कि 1 दिन जाकर लौटकर आया जा सके । हमारी प्लानिंग में थोड़ी कमी रह गई थी । हमारे पास आज का पूरा दिन था अतः हमने सोचा यह दिन आराम करने में बिताएंगे पर पिंकी ने कहा कि आज आप यहां भी घूम लीजिए । वह हमें सुबह मंदिर ले गई । दूर देश में भी भारतीयों की आस्था देख कर मन खुश था । बिल्कुल भारतीय अंदाज में ही यहां पूजा हो रही थी । हां साफ सफाई भारत के मंदिरों की अपेक्षा ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 19 - एक बार फिर शिकागो

एक बार फिर शिकागो समय से हम एयरपोर्ट पहुंच गए । शटल ट्रेन से हमने एयरपोर्ट में प्रवेश किया बोर्डिंग पास लेकर , सिक्योरिटी चेक कराकर हम उस गेट नंबर पर जाकर बैठकर हम बोर्डिंग का इंतजार करने लगे । समय पर बोर्डिंग प्रारंभ हो गई । इस बार मुझे विंडो सीट मिल गई थी ।नदी ,नाले, घर पीछे छूटे जा रहे थे । समानांतर सड़कों का जाल बिछा हुआ था जो ऊपर से देखने में मोटी रस्सी जैसी नजर आ रही थीं । आकाश में बादल छाए हुए थे । बादलों के बीच से निकलकर प्लेन ऊपर उठ गया ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 20 - सीयर्स टावर

सीयर्स टावर हम वहां की लोकल ट्रेन का भी अनुभव करना चाहते थे अतः बुररिज अर्थात जहां प्रभा रहती उसके पास स्थित रेलवे स्टेशन हिंसडेल पर हमें प्रभा का बेटा पार्थ छोड़ गया । यह स्टेशन छोटी जगह के भारतीय रेलवे स्टेशन की तरह की है पर यहां भीड़ बहुत ही कम थी । टिकट काउंटर भी भारत जैसा ही है । इस स्टेशन से ही हमें शिकागो जाने वाली ट्रेन में बैठना था । हमने टिकट काउंटर पर टिकट ली । समय काफी था अतः सोचा आसपास का एरिया घूम लिया जाए । समय व्यतीत करने के लिए हम घूमने ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 21 - नेवी पियर

नेवी पियर नेवी पियर मिशीगन लेक पर स्थित हारबर है जहां वोटिंग करते हुए हम शहर की खूबसूरती का देख सकते हैं । वोट 1 घंटे से आधा घंटे के लिए मिलती है । मोटर बोट के लिए बुकिंग नेट द्वारा पहले ही करा ली थी । बोट शो के प्रारंभ होने में अभी समय था अतः हम वहां होने वाले एक कंसर्ट (गीत संगीत कार्यक्रम) की टिकट लेकर थिएटर में चले गए । लगभग 1 घंटे का शो था । कलाकार बड़ी ही खूबसूरती के साथ अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे थे । विभिन्न तरह के डांस थे ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 22 - फील्ड म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री स्वामीनारायण मंदिर

फील्ड म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री दूसरे दिन हम शिकागो के अजायबघर गए । शिकागो ( इलीनॉइस ) में स्थित म्यूजियम विश्व के बड़े अजायबघरों में से एक है । इस अजायबघर ने यह स्थान अपने आकार, शैक्षिक तथा वैज्ञानिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अपने अद्वितीय संग्रह के कारण प्राप्त किया है । इसका नामकरण इसके जन्मदाता ( स्थापित करने वाले) मार्शल फील्ड के नाम पर किया गया है । इस अजायबघर को देखने के लिए प्रतिवर्ष लगभग 2 मिलियन लोग आते हैं ।इसके मुख्य हाल में डायनासोर का कंकाल रखा हुआ है ।इसका 17मई , 2000 में लोकार्पण हुआ था । ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 23 - नियाग्रा फॉल - 1

नियाग्रा फॉलअगले दिन हमें नियाग्रा फॉल के लिए निकलना था। कनाडा का वीजा बनवाना था अतः सुबह 9:00 बजे हमारा डेट्रायट पहुंचना आवश्यक था । 9:00 बजे डेट्रायट तक पहुंचने के लिए हमें घर से सुबह 4:00 बजे निकलना था । वीजा सिर्फ 12:00 बजे तक ही मिल सकता था । पेपर तैयार थे । पंकज जी और प्रभा पूरे आश्वस्त थे कि हमें वीजा मिल ही जाएगा । उन्होंने कनाडा में होटल मैरियट भी बुक करा लिया था पर हमारे मन में शंका थी क्योंकि इंडिया में तथा अमेरिका में भी एक दो लोगों ने हमसे कहा था ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 24 - नियाग्रा फॉल…'हनीमून कैपिटल'- - 2

2नियाग्रा फॉल…'हनीमून कैपिटल'-वस्तुतः बर्फ की एक बहुत बड़ी सतह या पिंड के गिरने के कारण एक बड़ी नदी जिसे ऐरी का नाम दिया गया, नियाग्रा फॉल के निर्माण का कारण बनी। इसके कारण शहर का नाम ही नियाग्रा तथा नदी का नाम नियाग्रा रिवर पड़ गया । यह नदी लगभग 12,000 वर्षों से बहती आ रही है । मौलिक रूप से इस फॉल का निर्माण लुइस्तन शहर के 7 मेल उत्तर में हुआ था लेकिन कटाव के कारण अब यह लुइस्तन तथा ओंटीरिओ के लगभग बीच में स्थित है । नियाग्रा नदी इंटरनेशनल बाउंड्री द्वारा दो भागों में विभक्त ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 25 - नियाग्रा फॉल- 3

नियाग्रा फॉल दूसरे दिन हम सोकर उठे , आदेश जी और पंकजजी अभी सो रहे थे अतः हम दोनों बालकनी में आकर बैठ गए । सामने इंद्रधनुष दिख रहा है । पता चला कि यहां पर इंद्रधनुष दिखना आम बात है । मुझे तथा प्रभा को बेड टी की आदत नहीं थी अतः हम एक-एक करके फ्रेश हो लिए । अब तक आदेशजी और पंकजजी भी उठ गए थे । हमने रूम का पर्दा उठा दिया । फॉल पर सूरज की पहली किरण एक अलग ही नजारा पेश कर रही थी । प्रभा ने कॉफी मेकर ऑन किया तथा दोनों ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 26 - नियाग्रा फॉल - 4

4 -नियाग्रा फॉलदूसरे दिन हम गोट आइसलैंड गए । अगस्टस पार्टर ने सन 1800 सेंचुरी के प्रारम्भ में दूरंदेशी विजन के द्वारा इन झरने के महत्व को पहचान कर इस आइसलैंड को न केवल खरीदा वरन इसे प्रिजर्व भी किया । सन 1817 में उसने टोल ब्रिज का निर्माण कराया पर वह बह गया फिर उसने दूसरा ब्रिज बनवाया जो 700 फीट लंबा था जिसके बारे में बेसिल हॉल में कहा था कि यह ब्रिज विश्व में इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना है । जॉन स्पीडमैन नामक व्यक्ति ने इस आइसलैंड में गोट रखी थी पर वह सभी गोट सन 1780 ...और पढ़े

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कुछ चित्र मन के कैनवास से - 27 - विदा के पल

विदा के पल अब हमारे पास सिर्फ 1 दिन बाकी था । पैकिंग भी करनी थी अतः इस दिन हम घर में रहकर सब के साथ बातें करते हुए, रिलैक्स मूड में बिताना चाहते थे । रात्रि को प्रभा ने डोसा का कार्यक्रम रखा था क्योंकि उसे लगता था कि मैं अच्छा डोसा बनाती हूँ । पूरा दिन कैसे बीत गया पता ही नहीं चला आखिर वह दिन आ गया जिस दिन हमें लौटना था ।14 अगस्त को आइ.ए 126 फ्लाइट से शिकागो के ओ. हेरे एयरपोर्ट से, जो शाम को वहां के समय के अनुसार शाम 4:00 बजे चलती ...और पढ़े

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