सर्विस पॉर्ट - 2 Lalit Kishor Aka Shitiz द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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सर्विस पॉर्ट - 2

.                                        पार्ट 2 

प्रियंका = "ओके.. सो अंकुर वाई डू यू नीड ए जॉब.. ? बिकॉज़ यू वॉज हैविंग गुड़ बिजनेस " 

अंकुर = "यस मैम वी हेड गुड बिजनेस, बट ऑफ्टर सम टाइम माई फ्रेंड टूक ऑल ऑफ दी कंट्राल ... सो 
             आई एम नो लोंगर पार्ट ऑफ दी बिजनेस " 

प्रियंका = "ओह !!! इट सिम्स यू हेड सच टफ टाइम .. "

अंकुर चुपचाप बैठा रहा। उसने अब सोच लिया था कि वह अब झूठ नहीं बोलेगा। उसे लगा एक झूठ की
 वजह से उसे कहीं नौकरी मिलना मुश्किल ना हो जाये। प्रियंका सामने बैठी थी और पन्ने पलट रही थी। उसने अंकुर को देखा फिर पन्ना देखा। ड्रावर से लाल पेन निकाला और अंकुर के रेज्युमे पर कुछ लिखा। अब उसने फिर से अंकुर को देखा और कहा - " देखो .. सेल्स डिपार्टमेन्ट के लिए तुम्हारी प्रोफाइल अप्रूवड हो गयी है। 


अंकुर ने सर हिला कर हामी भरी और कंधे चौडे कर बैठ गया। प्रियंका ने अंकुर के कुछ छोटे मोटे टेस्ट लिए और उसे बाहर सेकंड राउंड के लिए भेज दिया। अंकुर बाहर जा कर बेंच पर बैठ गया। उसे लगा अब बस नौकरी पक्की है। वह अपने डॉक्यूमेंट्स को टेबल पर रख कर बाहर चाय पीने चला गया। जाते हुए गार्ड को इतिला करके गया। टपरी पर जा कर चाय पीते पीते उसे सैकण्ड राउण्ड की टेंशन होने लगी। वह फट से चाय पी कर चला गया। लिफ्ट में चढ़ते हुए पेंट शर्ट सही करने लगा। और जा कर बेंच पर बैठ गया। 


एक घंटा होने को था अब तक उसकी बारी नहीं आई। उसके साथ दो और लड़के सैकण्ड राउंड में जाने के लिए लाइन में थे। तभी कमरे से बाहर आवाज़ आई ..." मिस्टर अंकुर।" अंकुर उठा और अंदर गया। कमरे में घुसते ही उसके होश उड़ गये। उसने नज़र उठा कर देखा तो चौंक गया।


सामने तीन सूट पेंट पहने करीबन चालीस पचास साल के आदमी बैठे थे। उनके चेहरो कि हावभाव से साफ दिख रहा था कि ये सभी झूठ पकड़ लेंगे। अंकुर की सांस तेज होने लगी। वह इस नर्वसनेस में अभिवादन भूल गया। फिर घडी देखी तो याद आया। अपने डर को घुपा करे तेजे आवाज में बोला - " गुड ऑफ्टरनून सर.. " सामने से तीनों ने बारी-बारी सिर हिलाया। अब उसे बैठने का ईशारा किया। अंकुर थैंक्यू बोल कर बैठ गया। 


अंकुर अभी भी नर्वस था। सामने से एक आदमी ने बोला - " हेलो.. मिस्टर अंकुर.. दीस इज़ सूर्यप्रताप एंड वी हैव मिस्टर उमाशंकर पांडे एंड मिस्टर कमलेश सोलंकी " अंकुर ने सभी को क्रमशः नमस्कार किया। सूर्यप्रताप ने अंकुर की ओर देखा और कहा - " अंकुर सो हाऊ मच डू यू नॉ अबाउट फाइनेंस " 

अंकुर = " सर आई डॉन्ट हैव स्पेशिलाइजेशन बट आई नॉ सम बेसिक आस्पेक्ट्स दैट आई हैव स्टडीड इन बी .
               कॉम "

सूर्यप्रताप = " ओह !!! ईट्स गुड़ दैट यू एडमिटिंग योर नॉलेज ,.... सो अंकुर टेल मी वॉट डू यू नॉ . "

अंकुर = " सर ... फाइनेंस इज़ ए थिंग दैट मैनेज मनी एंड इट्स डिस्ट्रीब्युशन "

सूर्यप्रताप  = " ओके.... इट्स ए गुड डेफिनेशन ... बट आई एम आस्किंग  अबाउट कॉरपोरेट फाइनेंस . "

अंकुर ने गहरी सांस ली और सूर्यप्रताप को देखा फिर ज़वाब दिया...... 



                                                                                             To be  continued...............