नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 4 Neha Hudda द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 47

    पिछले भाग में हम ने देखा कि फीलिक्स को एक औरत बार बार दिखती...

  • इश्क दा मारा - 38

    रानी का सवाल सुन कर राधा गुस्से से रानी की तरफ देखने लगती है...

श्रेणी
शेयर करे

नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 4

        नागराज का पत्र मोहन लाल के नाम.💭💫


नागराज के पास अगले 24 घंटे ही बचे थे। क्योंकि 24 घंटों के बाद वह अब अगले 20 साल तक केवल सांप के रूप में ही रहेंगे। नागराज को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह बहुत परेशान हो गए और अपना सर पकड़ कर बैठ गए। नागराज अपने मित्र को इस बारे में बताना चाहते थे लेकिन मोहन लाल अभी कुछ दिनों के लिए बाहर गए थे तो नागराज के पास कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। तभी नागराज की नजर सामने एक किताब पर पड़ी जिसके अंदर नागराज के पूर्वज और उनके वंश में आगे होने वाली कुछ बातें लिखी हुई थीं। नागराज ने वह किताब उठाई और अपने पास रख ली। फिर उनके मन में विचार आया कि अगर वह कुछ कर सकते हैं तो केवल यही कि वह मोहनलाल को सारी बातें की जानकारी एक पत्र के माध्यम से दे सकते हैं। 

नागराज दौड़कर एक नोटबुक और पेन लाया और लिखना शुरू कर दिया।

                         पत्र💕

  मोहनलाल के नाम नागराज का पत्र ..  💫💫

प्रिय मोहनलाल💕💕

मझे अफसोस है कि जब तुम मेरे सामने थे तो मैं तुम्हें अपने बारे में कुछ नहीं बता सका। मैं आपका दोस्त हूं पंडित जी लेकिन मैंने आपसे एक बहुत बड़ी बात छुपाई है। आज इस खत के जरिए मैं आपको वो सारी बातें बताने जा रहा हूं जिन पर यकीन करना आपके लिए बेहद मुश्किल होगा। दरअसल, मैं कोई इंसान नहीं बल्कि एक इच्छाधारी नाग हूं और इस मंदिर में पंडित बनकर रहता था। मुझे अपने रत्न ( नागमणी) की रक्षा के लिए अपने महल के बाहर रहना पड़ा। ताकि मैं रत्न की रक्षा कर सकूं और यह रत्न गलत हाथों में न पड़े। इस पत्र के साथ मैं यह पुस्तक और यह बक्सा भी रख रहा हूँ जो तुम्हें भविष्य में मार्ग दिखाएंगे।। 



इस बक्से के अंदर जो हरा पत्थर है उसे ले लेना और उसे मंदिर के अंदर दीवार पर लगी एक बड़ी पेंटिंग के मुकुट पर रख देना। जैसे ही आप पत्थर को मुकुट से लगाएंगे, आपको एक दरवाजा दिखाई देगा, बस उस दरवाजे के अंदर चले जाना और आपको यकीन हो जाएगा कि मैं सच बोल रहा हूं। उस दरवाजे के अंदर मेरा महल है जहाँ मैं कई वर्षों से रहता हूँ। मेरी पत्नी इस समय नागलोक में है। नागलोक पृथ्वी से लाखों प्रकाश वर्ष दूर है। मेरी पत्नी अभी दक्ष को लेने पृथ्वी पर नहीं आ सकती क्योंकि वह नागलोक की रानी है और नागलोक की रक्षा करना उसका कर्तव्य है। मुझे इस साँप के मोती (नागमणि) की रक्षा के लिए नागलोक से पृथ्वी पर भेजा गया था, इस नागमणि को नागलोक के कुछ गलत लोगों ने छीन लिया था। इच्छाधारी सांप बनने के लिए सांप को जन्म से लेकर 25 साल की उम्र तक धरती पर रहना पड़ता है और एक आम आदमी की तरह अपना जीवन जीना पड़ता है। जैसे ही वे 25 वर्ष के हो जाते हैं, वे अपने साँप के रूप में बदल सकते हैं। फिर वे अपना पूरा जीवन इच्छाधारी नागिन/ नाग की तरह जी सकते हैं। हर सांप के पास बचपन से ही एक मणि होती है और उस मणि की शक्तियों के कारण वे 25 साल बाद सांप बन जाते हैं। जिसके लिए सांपों की 23 साल की उम्र में शादी होना जरूरी है।एक इच्छाधारी साँप केवल चमत्कारी शक्तियों वाले व्यक्ति से ही विवाह कर सकता है। कोई भी सांप किसी आम इंसान से शादी नहीं कर सकता. यदि कोई सांप ऐसा करता है तो वह उसी क्षण जलकर भस्म हो जाता है।😕🗯🗯



  अत: दक्ष भी 25 वर्ष की आयु तक अपने पिता के साथ पृथ्वी पर ही रहेंगे अगर गलती से यह मणि किसी आम आदमी के अंदर चला जाए तो मणि की सारी शक्तियां उस व्यक्ति के अंदर ही आ जाती हैं। यदि वह व्यक्ति मणि की शक्तियों से मुक्त होना चाहता है और एक आम आदमी की तरह रहना चाहता है, तो उस व्यक्ति को 23 वर्ष की आयु में अपने जीवन साथी के साथ एक यज्ञ करना होगा लेकिन उस आम आदमी को इच्छाधारी नाग से शादी करनी होगी तभी यह संभव है। नागमणि की शक्तियों से मुक्त होने का एक और तरीका था, वह यह कि नागमणि हर 18 साल में एक बार एक दिन के लिए शरीर से बाहर निकलती थी। पूर्णिमा की रात को नाग के शरीर से नागमणि निकलती है क्योंकि उसकी शक्तियों को दोगुना करना होता है। जैसे ही शक्तियां दोगुनी हो जाती हैं, सांप की मणि छूते ही वापस शरीर के अंदर चली जाता है। लेकिन शरीर उसी का होता है जो व्यक्ति तपस्या पूरी होते ही उस मणि को अपने हाथ में उठा लेता है। देविका के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, नागराज ने तपस्या तो पूरी कर ली लेकिन जब देविका ने मणि हाथ में उठाया तो वह मणि देविका के अंदर चली गया। अब नागमणि की सारी शक्तियाँ देविका के भीतर हैं।। शायद Devika भी आने वाले समय में नागिन बन जायेगी लेकिन अभी इस बात की पुष्टि नही की जा सकती की देविका 25 की होने के बाद नागिन बनेगी या फिर ये कहानी कोई और नया मौड लेगी।। ♥♥







  नागराज ने बताया कि देविका ने मोती अपने हाथ में उठा लिया है, जिससे देविका के अंदर नागिन की शक्तियां आ जाएंगी ।। जब देविका 23 साल की हो जाएगी तो उसे एक इच्छाधारी नाग से शादी करनी होगी। अगर देविका एक आम इंसान की तरह अपना जीवन जीना चाहती है तो उसे एक इच्छाधारी नाग से शादी करनी होगी और 23 साल की उम्र में यज्ञ पूरा करना होगा या 18 साल बाद जब उसकी नागमणि शरीर से बाहर आ जाएगी, उसके बाद यदि कोई अन्य व्यक्ति नागमणि उठा ले तो ,(नागमणि) उसके हाथ में होगी और वह उस दूसरे व्यक्ति की हो जाएगी जो उसको पूजा के बाद हाथ लगाएगा ।नागराज उस नागमणि को वापस पाना चाहते है ताकि वह फिर से एक इच्छाधारी साँप बन सके। इसीलिए नागराज चाहते हैं कि देविका की शादी दक्ष से हो जाए ताकि देविका अपना मानव जीवन अच्छे से जी सके और नागराज को नागमणि वापस मिल जाए। यदि नागराज को मणि वापस नहीं मिली तो उनको इसी रूप में रहना होगा। नागमणि के बिना नागराज वापस नागलोक नहीं जा सकते क्योंकि वहां केवल इच्छाधारी नाग ही जा सकते हैं... 😶😶



  ये सब शब्द कहकर वह अपना पत्र समाप्त कर देते है ... 🥺🤯🙊😶‍🌫

Please Review and follow my  profile..अगर स्टोरी अच्छी लग रही हो।।