अनकही मोहब्ब्त - भाग 2 Tamanna Saroha द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • जंगल - भाग 1

    "चलो " राहुल ने कहा... "बैठो, अगर तुम आयी हो, तो मेमसाहब अजल...

  • दीपोत्सव

    प्रभु श्री राम,सीता जी और लक्ष्मण जी अपने वनवास में आजकल दंड...

  • बैरी पिया.... - 47

    शिविका जाने लगी तो om prakash ne उसका हाथ पकड़ लिया ।" अरे क...

  • राइज ऑफ ज्ञानम

    ज्ञानम (प्रेरणादायक एवं स्वास्थ्य ज्ञान)उपवास करने और मन्दिर...

  • नक़ल या अक्ल - 74

    74 पेपर चोरी   डॉक्टर अभी उन्हें कुछ कहना ही चाहता है कि तभी...

श्रेणी
शेयर करे

अनकही मोहब्ब्त - भाग 2


भाग 2

रहस्यमई छाया 



पहले कहानी के कैरेक्टर के बारे में जान लीजिए

(. **विराज:** एक साधारण लड़का, जिसने हाल ही में अपनी पढ़ाई पूरी की है और गांव लौटा है

**नेहा:** एक साहसी और जिज्ञासु लड़की, जो विराज की बचपन की दोस्त है)



विराज और नेहा उस पुराने मंदिर में फंस गए हैं और उनके सामने एक रहस्यमयी छाया धीरे-धीरे उनकी ओर बढ़ रही है



छाया धीरे-धीरे विराज और नेहा के पास आती गई। दोनों ने अपनी जगह पर जमे हुए देखा, और उनकी आंखों में डर साफ झलक रहा था। 

"विराज, ये छाया कौन है?" नेहा ने कांपते हुए पूछा।

विराज ने घबराते हुए कहा, "पता नहीं, लेकिन हमें शांत रहना होगा।"

छाया अचानक रुक गई और फिर से गायब हो गई। विराज और नेहा ने चैन की सांस ली, लेकिन वे अब भी डरे हुए थे।

"हमें यहाँ से बाहर निकलना होगा," विराज ने नेहा से कहा।

"लेकिन दरवाजा बंद है," नेहा ने जवाब दिया।

"कोई न कोई रास्ता तो होगा," विराज ने कहा। उन्होंने मंदिर के अंदर चारों ओर देखा। अचानक, विराज की नजर मंदिर के एक कोने में पड़ी एक सीढ़ी पर गई। कल अंधेरे के बीच में वहां कुछ प्रकाश था।

वहां देखो, नेहा! वह सीढ़ी हमें नीचे की ओर ले जा सकती है," विराज ने कहा।

दोनों ने धीरे-धीरे उस सीढ़ी की ओर कदम बढ़ाए। सीढ़ी अंधेरी और संकरी थी, लेकिन उनके पास कोई और विकल्प नहीं था। 

सीढ़ी के नीचे पहुंचते ही दोनों ने देखा कि वहां एक और कमरा है। कमरे के अंदर एक पुरानी किताब रखी थी, जिसके पन्ने पीले पड़ चुके थे। स्पष्ट था कि किताब बहुत पुरानी है।

नेहा ने किताब उठाई और उसे खोलते ही दोनों ने देखा कि उसमें मंदिर की कहानी लिखी थी। वह हैरानी से पढ़ना शुरु करती है।


"देखो, विराज! यह मंदिर एक प्राचीन राजकुमारी का है, जो अपने प्रेमी के इंतजार में यहाँ रहती थी। लेकिन एक दिन उसके प्रेमी को धोखे से मार दिया गया और राजकुमारी ने खुद को इस मंदिर में बंद कर लिया," नेहा ने पढ़ते हुए कहा।

"तो ये छाया उसी राजकुमारी की है?" विराज ने पूछा।

"शायद हां, और वह हमें यहाँ देखकर परेशान हो गई है," नेहा ने जवाब दिया।
उन्हे आभास हुआ जैसे कोई और भी मौजूद हो वहा पर...
दोनो आसपास नजर दौड़ाते है 

तभी, अचानक कमरे की दीवारें हिलने लगीं और दोनों ने महसूस किया कि वे अब और सुरक्षित नहीं हैं। 

"हमें जल्दी से बाहर निकलना होगा," विराज ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा।

दोनों तेजी से सीढ़ी चढ़कर ऊपर आए और दरवाजे की ओर भागे। अचानक दरवाजा अपने आप खुल गया और वे बाहर की ओर दौड़ पड़े। 

जंगल से बाहर आते ही दोनों ने चैन की सांस ली। 

"विराज, हमें यह बात किसी को नहीं बतानी चाहिए। लोग हमें पागल समझेंगे," नेहा ने कहा।

"हां, नेहा। लेकिन यह अनुभव कभी नहीं भूल पाएंगे," विराज ने कहा।

दोनों ही नेहा और विराज खतरा मोल ले रहे थे । राजकुमारी की कहानी क्या है जानेंगे अगले भाग में?
क्या वे इस रहस्य का पर्दाफाश कर पाएंगे? क्या राजकुमारी की आत्मा को शांति मिलेगी?

राजकुमारी का प्रेमी कौन है।।?
क्यू राजकुमारी इस मन्दिर में कैद है।..?

जानने के लिए पढ़ते रहिए "अनकही मोहब्बत" का अगला भाग...