The Author Your Dreams फॉलो Current Read प्रेम के रंग - 6 - कर गई क्यों बेवफाई By Your Dreams हिंदी प्रेम कथाएँ Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books अंगद - एक योद्धा। - 9 अब अंगद के जीवन में एक नई यात्रा की शुरुआत हुई। यह आरंभ था न... कॉर्पोरेट जीवन: संघर्ष और समाधान - भाग 1 पात्र: परिचयसुबह का समय था, और एक बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी की... इंटरनेट वाला लव - 90 कर ये भाई आ गया में अब हैपी ना. नमस्ते पंडित जी. कैसे है आप... नज़रिया “माँ किधर जा रही हो” 38 साल के युवा ने अपनी 60 वर्षीय वृद्ध... मनस्वी - भाग 1 पुरोवाक्'मनस्वी' एक शोकगाथा है एक करुण उपन्यासिका (E... श्रेणी लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी उपन्यास Your Dreams द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ कुल प्रकरण : 11 शेयर करे प्रेम के रंग - 6 - कर गई क्यों बेवफाई (1) 1.1k 2.8k कर गई क्यों बेवफाईएक बार एक लड़का और लड़की थे मिले। चलने लगे उनके प्यार के सिलसिले। लड़का अपने जान से भी ज्यादा उस लड़की को प्यार करने लगा। उसकी छोटी-छोटी बातों पर मरता था। लड़की भी दिखाती थी कि वह उसी से प्यार करती है लेकिन लड़के को यह नहीं पता था कि वह सिर्फ उसकी दौलत पर मरती है। लड़का अपने घर से काफी पैसे चुरा लेता था लड़की को घुमाने-फिराने के लिए। ऐसे ही बीतते-बीतते कई साल गुजर गए। लड़के के घर की हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गए थे। लड़के के माँ को कुछ बड़ी बीमारी हो गई। और बाप के व्यापार में भी मुसीबत आ पड़ी थी। घर में सब पैसे-पैसे के मोहताज थे। हालत बिगड़ने के बाद भी बाप ने बेटे को कुछ भी नहीं बताया सब राज़ ही रखा। एक दिन लड़की ने लड़के से महंगे तोहफे की फरमाइस की। लड़का मना नहीं कर पाया और लड़की को तोहफे के लिए हाँ कर दिया। लड़के ने घर आकर अपने बाप से पैसे माँगे। घर के हालत बहुत बिगड़ जाने की बजह से बाप ने अपने बेटे को पैसे देने से मना कर दिया कि उनके पास अभी पैसे नहीं हैं। लड़के को लगा कि उसका बाप उससे झूट बोल रहा है। उसने फिर चोरी करने का फैसला किया। बाप ने कुछ पैसे माँगी थी लोगों से उसके माँ के इलाज के लिए और बेटे ने सारी पैसे उड़ा दिए ऐश करने के लिए। लड़के ने एक महँगा तोहफा खरीदा उस लड़की के लिए लेकिन बदकिस्मती से वह तोहफा उससे बीच रास्ते में ही गुम हो गया। इधर माँ की हालात बिगड़ने लगी और बाप भी बहुत चिंतित था। उधर जब लड़की ने लड़के को देखा मुँह को लटकाए हुए तो वह समझ गया कि लड़का उसके लिए कोई भी तोहफा नहीं लाया होगा। लड़की ने उसकी बात को बहाना बता दिया और इतना कहकर लड़के से अपना हाथ छुड़ा लिया। उस लड़के के सामने ही वह चली गई किसी और के साथ और लड़का वही सर पर हाथ रखकर बैठा रहा। थक हार जब देर रात को लड़का घर लौट आया तब देखा कि उसके घर में बहुत भीड़ हो चुकी थी। भीड़ देखकर वह घबरा गया। घर में घुसते ही उसने देखा कि उसका बाप एक तरफ बैठा हुआ है और बहुत रो रहा है। और इधर देखा तो उसकी माँ सोई हुई थी अर्थी पर। लड़का पागलों की तरह चिल्लाने लगा और कह रहा था कि कोई तो बता तो मेरी माँ की मौत की बजह। इतने में लड़के के सारे दोस्त वहाँ आए और उसे थाम लिया और दोस्तों ने बताया कि उसकी माँ की मौत कैसे हुई थी। उससे कहा कि कुछ पैसे तुम्हारे बाप ने बचाए रखे थे तुम्हारी माँ के इलाज के लिए पर वह पैसे चोरी हो चुके थे। उन पैसो की बजह से तुम्हारे माँ का इलाज नहीं हुआ और तुमने अपनी माँ को खो दिया। इतना सुनते ही लड़का पागल सा हो गया। वह कमरे में गया और उसने जहर खा कर अपनी माँ की तरह हमेशा के लिए सो गया। ‹ पिछला प्रकरणप्रेम के रंग - 5 - आखरी मुलाक़ात › अगला प्रकरण प्रेम के रंग - 7 - अँधा इश्क़, मेरी बेकार सी जिंदगी Download Our App