अध्याय 7
समय में 10 साल आगे
-नहीं!!!! ये मेरा बुकिटो है
-ये कैसे हो सकता है? मेरे पापा इसे विदेश से लेकर आये थे ये यहाँ मिलता भी नहीं
-तुम्हारे पापा डरपोक हैं इसीलिए जब भी वो आता है तो वे विदेश में जाकर छुप जाते हैं
-तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे पापा के बारे में ऐसा बोलने की!!!
(वे दोनों एक दूसरे को मुक्के मारने लगते हैं)
-रुक जाओ तुम दोनों!! (दोनों को एक एक थप्पड़ लगाती है)
-मम्मी मेरी कोई गलती नहीं है इसने पापा को डरपोक बोला
-मैं मेरी दादी को बताउंगा कि आंटी ने मुझे मारा फिर वो तुम्हारी अच्छी ख़बर लेंगी
(तभी तेज हवा चलती है और घर के बरामदे में कुछ जोर से गिरने की आवाज आती है)
वे तीनों वहाँ देखने जाते हैं कि क्या गिरा है
उनकी आंखें फटी की फटी रह जाती है बरामदे में बहुत बङा गढ्ढा हो गया और एक आदमी उसमें से बाहर आ रहा है
- आंटी.. ये््ये्... ये तो वही है जिसे टीवी पर दिखाते हैं!!!
- ( डर के साथ चिल्लाते हुए )बच्चों जल्दी भागो यहाँ से!!!
- कोई कहीं नहीं जाएगा (जोर जोर से हंसते हुए)
(सब वहीं रुक जाते हैं)
-येलो शर्ट इधर आ!!!
(वह छोटा लङका डरता हुआ उसके पास जाता है)
- तु पहचानता है मुझे?? हाँ!!
- हाँ मैने टीवी में देखा
- और क्या कहते है सब मुझे?
- लोर्ड... लोर्ड अरविंद!
अरविंद- तुम दोनों यहीं रुको मुझे तुम्हारी मम्मी से कुछ जरुरी बात करनी है अंदर चलें?
( वह डर के मारे पसीने से पुरी भीग गयी लेकिन उसे अरविन्द के साथ जाना पङा )
अरविंद- बताओ कहाँ है मेरा खाना!!
- वो.. वो... हमें छोड़ कर विदेश चले गये
अरविंद- ये तो बुरा हुआ जब मैं पिछली बार इस गाँव में आया था तब मेरा पेट भरा था तो मैं उसे खा नहीं पाया लेकिन मैंने तुमसे कहा था कि मैं वापस आउंगा
- मैंने उन्हें रोकने की पुरी कोशिश की लेकिन वो नहीं माने (असल में मैंने ही उन्हे जबरदस्ती विदेश भेजा था)
अरविंद-(उठ कर उसके चेहरे पर हाथ रख कर) लेकिन तुम अब मुझे भूखा तो नहीं भेजोगी ना (जोर जोर से हंसता है)
-(वह रोने लग जाती है)
-चल ना तेरे घर चलते हैं वहां खेलेंगे
-नहीं बेवकूफ इस आदमी को मेरे घर का पता नहीं मिलना चाहिए वरना...
-वरना क्या?
-तुझे नहीं पता पुरी दुनिया जानती है इसे
-क्यों?
-ये आदमी इंसान खाता है!!!
-क्या!!!! ये वो आदमी है!!!!!
(तभी चिल्लाने की आवाज आती है)
- (वे दोनों घर की तरफ भाग कर जाते हैं और देखते हैं वहाँ सिर्फ खून मांस और हड्डियां बिखरी पड़ी है)
-(जिसे देख कर वह दोनों घबरा जाते हैं और भाग खङे होते हैं)
आंखों में खौफ लिए वे दोनों दादी के पास जाते हैं लेकिन कुछ भी बोल पाने की हालत में नहीं होते हैं
तभी उनकी नजर पीछे कुर्सी पर बैठे अरविंद पर पङती है
उसे देखकर उनकी हालत खराब हो जाती है
वह वहाँ बैठ कर किसी को बोल रहा था कि मुझे कल तक ये आदमी मेरे सामने चाहिए वरना अगला नंबर तेरा होगा
[ अरविंद ने पिछले 10 सालों में "द टूथ ओफ डेविल" पर काबू पा लिया है और वो अब इसका इस्तेमाल अपनी मनमर्जी से कर रहा है गवर्नमेंट भी इससे दूर ही रह रही है जब से उसने एक नेता को सबके सामने मारा था और फोर्स एक कदम भी आगे नहीं बढ पायी ]
कुछ दिन बाद
वह आदमी अमेरिका में एक भिखारी के हुलिए में पकङा जाता है जिसे पुलिस अरविंद को सोंप देती है
अरविंद- तुझे क्या लगा तु मुझसे बच पायेगा? (हंसता है)
इस पुरी दुनिया का एक एक आदमी मेरी मुट्ठी में है
(अरविंद अपनी मुट्ठी कसता है और एक पुलिसवाले का दम गुटने लग जाता है और उसके शरीर से हड्डियों के टूटने की आवाज आती है)
वह उस आदमी को घसीटते हुए गाँव के बीच में ले जाता है और वहाँ न्यूज वालों को लाइव करने को बोलता है
अरविंद- अब सब देखेंगे कि कोई मुझसे नहीं छुप सकता
बुढिया इधर आ!! वे उस आदमी की माँ को बुलाता है ये ले खंजर और पेट फाङ दे इसका!!!
पुरे गाँव में सन्नाटा छा गया
बुढी औरत- मैं तो क्या दुनिया की कोई भी मां ये नहीं करेगी इससे अच्छा तो मैं अपना गला काट लेती हूँ
वह खंजर से अपना गला काटने ही वाली होती है लेकिन उसका हाथ एक जगह ही रुक गया वह जरा भी हिल नहीं पा रही
अरविन्द- बुढिया तुने सुना नहीं मैंने क्या कहा
अरविंद उस आदमी के हाथ की नस काट देता है वह चीखने लगता है और उस बच्चे को मार डालने की धमकी देता है
बुढी औरत रोने लगती है और कहती है
- ईश्वर इसकी सजा तुझे जरूर देंगे
अरविंद जोर जोर से हंसने लग जाता है
-मेरा कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता!!
तभी आसमान से कुछ आवाज आने लगती है सब उपर देखते हैं उन्हें कुछ गिरता हुआ दिखाई देता है वह तेजी से उनकी तरफ आ रहा था
अरविंद खुश होता है और कहता है - टाइम मशीन!!! तुम्हारे लिए ये कुछ ही मिनटों का समय था लेकिन मैं तुम्हारा इंतजार पिछले 10 सालों से कर रहा हूँ (जोर जोर से हंसने लगता है)
गिरते हुए ही उसका दरवाजा खुलता है लेकिन उसके अंदर रितु नहीं थी सिर्फ आदित्य था और उसने अलग ही प्रकार के कपड़े पहन रखे थे
आदित्य वहीं से कूद गया और बहुत ही तेजी से नीचे आते ही अरविंद को जोर से मारा जिससे वह बहुत दूर जा कर गिरा और उसके मुंह से खून निकलने लगा
अरविंद- ये कैसे हो सकता है इसने मेरा अदृश्य कवच कैसे तोड़ दिया टाइम मशीन में जाते समय ये बहुत कमजोर था ये कैसे पोसिबल है
इतने में आदित्य ने उसका सिर पकङा और दीवार पर दे मारा
अरविंद ने टूथ की पावर से आदित्य को पेरालाइज कर दिया और हंसने लगा
-अब हिल कर बता!!!
आदित्य कुछ शब्द बोलता है जिससे वह छूट जाता है और अरविंद के मुंह पर जोरदार मुक्का मारता है जिससे वह जमीन पर गिर पङता है
अरविंद को गुस्सा आ जाता है और वह टूथ की ताकत से आदित्य के शरीर को अंदर से तोड़ने की कोशिश करता है लेकिन कुछ था जिसने उसे रोक दिया
फिर आदित्य ने अरविंद को तब तक मारा जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गया
अध्याय 7
समाप्त