कहानी - यह शादी नहीं हो सकती है
Part 1
डॉ माया शिमला में अपने घर में बैठी आने वाले कुछ मेहमानों का इंतजार कर रही थी . वह अपने बेटे राज के साथ कुछ बातें कर रही थी . माया ने स्वेटर के ऊपर शॉल पहन रखा था जिस से अपने चेहरे का कुछ भाग ढक लिया था . नवंबर का अंतिम सप्ताह था , ठंडक बढ़ गयी थी हालांकि अभी तक स्नो फाल नहीं हुआ था . शाम के छः बजे थे . एक कार से उतर कर तीन लोग आये .
राज ने आगे बढ़ कर उनका स्वागत करते हुए माया से कहा “ मॉम , ये रहे सीमा के मम्मी पापा मिस्टर शेखर सिन्हा और मिसेज सिन्हा . और उनके पीछे सीमा . सीमा मेरे साथ पुणे में पढ़ती थी उसी समय हम दोनों में प्यार हुआ फिर दोनों एक ही कंपनी में जॉब करने लगे . हमने शादी का फैसला किया है , बशर्ते आपको कोई एतराज न हो . “
राज ने महसूस किया कि उसकी माँ सीमा के पापा की तरफ गौर से देख रही थी और उसके बाद काफी गंभीर हो गयी . माया ने थोड़ा सहज होते हुए कहा “ नहीं , मुझे एतराज नहीं होगा . पर मैं तुम दोनों से पहले बात करना चाहूंगी . “
माया ने सीमा के माता पिता को बैठने के लिए कहा फिर अपने फोन पर कुछ लिखने लगी . उसको मेसेज का जवाब भी मिला . फिर उसने मिस्टर सिन्हा से कहा “ प्लीज एक्सक्यूज़ मी , मैं बच्चों के साथ कुछ बात करना चाहूंगी . “
शेखर सिन्हा ने कहा “ श्योर “ .
माया राज और सीमा दोनों के साथ अंदर गयी . वह दोनों से बोली “तुम दोनों मन से प्यार करते हो न . सिर्फ मन से प्यार या दोनों ने तन से भी प्यार किया है . आई मीन कभी फिजिकल भी रहे हो ? “
राज ने कहा “ नो मॉम , नेवर . बिलीव मी . “
“ गुड . फिर भी मुझे कुछ समय दो तब मैं अपना फैसला बता दूँगी , ज्यादा समय नहीं बस एक घंटे से भी कम . “ .
तब तक माया को फोन आया जिसके जवाब में उसने सिर्फ इतना ही कहा “ बट इन सिविल ड्रेस . “
राज या सीमा किसी को माया की इस बात में रूचि नहीं थी और न ही यह बात उनकी समझ में आई . माया दोनों बच्चों के साथ आ कर और लोगों के साथ बैठ गयी . सिन्हा ने कहा “ तब डॉ माया आपने क्या सोचा है , बच्चों की शादी के बारे में ? “
“ बस कुछ ही देर में . कुछ और खास मेहमान आने वाले हैं . “
थोड़ी देर में एक SUV से चार पांच लोग आये . वे सभी आ कर एक साथ बैठ गए . सिन्हा ने फिर पूछा “ अब तो आपके बाकी मेहमान भी आ गए . जल्दी से शादी के बारे में हम लोग फैसला कर लें . “
अचानक डॉ माया का रौद्र रूप देख कर सभी आश्चर्यचकित रह गए . उसने चिल्लाते हुए कहा “ यह शादी हरगिज नहीं हो सकती है . “
माया के उत्तर से सभी हैरान थे . राज और सीमा ने एक साथ पूछा “ पर मॉम हम शादी क्यों नहीं कर सकते हैं ? “
“ इसलिए कि तुम दोनों एक ही पिता की संतान हो . “
“ क्या मतलब ? “ राज ने पूछा
“ राज , आज तुम्हें मैं राज की बात बता रही हूँ . अभी तक तुम इतना ही जानते हो कि मैंने तुम्हें फादर से मांग कर अडॉप्ट किया है . पर सच यह है कि तुम मेरे अपने बेटे जरूर हो पर साथ ही एक रेपिस्ट की संतान हो . और वह रेपिस्ट और कोई नहीं बल्कि सीमा के पापा शेखर सिन्हा हैं . “
किसी को माया की बात पर यकीन नहीं हो रहा था तब माया ने अपनी आपबीती सुनानी शुरू की .
आज से करीब 25 साल पहले की बात है . उस दिन रात के दस बजे थे . चंद मिनट पहले ही मैंने अपनी शिफ्ट ड्यूटी खत्म की थी . मैं अपने चैम्बर में आ कर चेंज कर रही थी . कुछ देर पहले देखते देखते अचानक मौसम ख़राब हो गया और तेज हवा चलने लगी और जोरों की बरसात होने लगी . तभी मैंने खिड़की के शीशे से देखा कि एक एम्बुलेंस आ कर इमरजेंसी पर रुका . एक आदमी दौड़ कर व्हील चेयर ले आया और एक प्रेग्नेंट औरत उस पर बैठी . व्हीलचेयर इमरजेंसी रूम की तरफ बढ़ा .
कुछ देर बाद बारिश लगभग थम चुकी थी . मैं घर जाने के लिए जैसे ही उठी कि मेरा इंटरकॉम टेलीफोन बजा . फोन उठाया तो आवाज आयी “ डॉ माया , इट इज इमरजेंसी . आप जल्दी से लेबर रूम में आ जायें . एक अर्जेंट सिजेरियन डिलीवरी करनी है . “
“ मेरी ड्यूटी खत्म हो चुकी है और मैं अभी तक यहाँ इसलिए रुकी हूँ क्योंकि मौसम ख़राब था . बस अब मैं निकलने ही वाली हूँ . वैसे भी अभी तो डॉ रीता का शिफ्ट है . “
“ जी , मुझे पता है . पर ड्यूटी आते समय ख़राब मौसम में डॉ रीता का एक्सीडेंट हो गया है . उन्हें कुछ चोट आयी है हालांकि खतरे की कोई बात नहीं है . उनका कहना है कि वे खुद इस समय नर्वस हैं . नार्मल डिलीवरी होती तो शायद वे देख लेतीं पर ऐसे में सिजेरियन का रिस्क वे नहीं ले सकती हैं . चीफ का भी यही आर्डर है कि यह केस आपको देखना होगा . “
मैं लेबर रूम में गयी . वहां नर्स ने कहा “ मैडम , इसके बच्चे के गले में अम्बिकल कॉर्ड ( नाल ) बुरी तरह फंस गया है . जल्दी ही सिजेरियन कराना होगा वरना बच्चे और माँ दोनों की जान को खतरा है . “
माया बोली “ इसके पति से ऑपरेशन का कंसेंट पेपर साइन करा लिया है ? “
“ हाँ , पति इसे ले कर नहीं आया है . इसका देवर इसे ले कर आया है , उसने कंसेंट पेपर साइन कर दिया है .
“
“ इस लेडी को ऑपरेशन थियेटर में ले चलो . “
उस औरत ने अपना नाम मीना सिन्हा लिखवाया और पति का नाम शेखर सिन्हा , उसे एक बेटी हुई थी . . उसकी डिलीवरी के बाद मैं घर लौटी .
क्रमशः