मैं सौतन नहीं हूँ - 2 S Sinha द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मैं सौतन नहीं हूँ - 2

 


                                                                      कहानी -  मैं सौतन नहीं हूँ 

 

डिनर समाप्त होने पर वह  बिल ले कर शेखर के टेबल पर गयी  . उसी समय मीरा उठ कर वाश रूम जाने लगी  . शेखर ने कहा “ तुम्हारे यहाँ का खाना बहुत अच्छा था और तुम्हारी सर्विस भी  . यू डिजर्व बिग टिप  . “ 


“ मुझे भी आप  टिप दोगे  . मुझे  टिप नहीं चाहिए  . मैं इस होटल की ओनर हूँ , खास लोगों को मैं खुद सर्व करती हूँ  . “ 


“ मैं आपके लिए खास आदमी हूँ , सुन कर अच्छा लगा  . मैं एक सप्ताह के लिए श्री लंका  आया हूँ  . अब रोज यहीं डिनर लूँगा और अगर सम्भव हुआ तो लंच भी  .  “ 


“ थैंक्स ,  पर मुझे आपका तुम कहना ही अच्छा लगा था  . “  इतना बोल कर खुशबू चली गयी  . 


खुशबू ने वेट्रेस के हाथ बिल भेजवाया और उसके ऊपर एक स्लिप अटैच कर दिया था जिस पर लिखा था - मेरा टिप इसे दे देना  . मैं तुम्हारा पहला प्यार खुशबू हूँ  . तुम्हें यहाँ देख कर तुम्हारे टेबल तक खिची चली आयी थी  . “ 


शेखर ने गर्दन घुमा कर काउंटर की और देखा तो खुशबू से उसकी नजरें मिलीं , उसने मुस्कुरा कर हाथ हिलाया  . तब तक उसकी पत्नी मीरा वाश रूम से लौट कर आयी  और पूछा “ यहाँ किसे वेव कर रहे थे ? “ 


शेखर ने असली बात छुपाते हुए कहा “ यहाँ का मुझे खाना  पसंद आया इसके लिए ओनर ने वेटर से  हमें थैंक्स का मेसेज भेजा था  . इसीलिए   मैं उसकी ओर हाथ हिला रहा था  . “  फिर उसने खुशबू के स्लिप पर कुछ लिख कर वापस भेजा  . दरअसल उसने लिखा था - अभी मैं बात नहीं कर सकता हूँ  . मेरे लिखे नंबर पर कल सुबह कॉल करना , मैं मॉर्निंग वाक पर बीच पर मिलूंगा  . 


यह देख कर मीरा बोली “ बिल तो पे हो गया तब अब स्लिप पर क्या लिखना पड़ा तुम्हें  ? “


एक बार फिर बहाना बनाते हुए शेखर बोला “ कुछ नहीं बस मैंने कल के डिनर के लिए  टेबल बुक करने के लिए  लिख दिया है  . “ 


मीरा ने शेखर का कहा मान लिया  . अगले दिन जब सुबह सुबह शेखर मॉर्निंग वाक के लिए निकल रहा था मीरा ने पूछा “ आज इतनी जल्दी क्यों जा रहे हो ? तुम्हारे उठने से मेरी भी नींद खराब हो गयी है  . आखिर होटल के जॉगिंग ट्रैक पर ही जाना है या कहीं और बाहर जा रहे हो ? तुम भी मेरी तरह होटल के जिम में ही वर्क आउट क्यों नहीं कर लेते हो ? “ 


“ इतने सारे सवाल एक साथ पूछ दिया तुमने तो सुनो  . आज नींद जल्दी खुल गयी थी और जैसा कि तुम जानती हो कि एक बार नींद खुल जाने पर मुझसे बिस्तर पर बेकार लेटा नहीं जाता है  . दूसरी बात आज जब नींद जल्दी खुल ही गयी है तब मैंने सोचा सामने ही सी बीच है , मॉर्निंग ब्रीज का मजा ही कुछ और है  . तीसरी बात मुझे  जिम में वर्क आउट करना अच्छा नहीं लगता है  . सुबह की ताज़ी हवा में साँस लेने से दिन भर ताजगी महसूस करता हूँ मैं  . “ 


शेखर होटल के सामने सी बीच पर जा पहुंचा  . थोड़ी देर में खुशबू का फोन आया , वह बोल रही थी “ मुझे ताज़्ज़ुब है रेस्तरां में तुमने मुझे नहीं पहचाना , मैं तो तुम्हें देखते ही  पहचान गयी थी  . “ 


“ हाँ , शुरू में नहीं पहचान सका था  पर तुम्हारा लुक काफी बदल चुका है   . “


“ हाँ , सही कहा है तुमने  . इन दस बारह सालों में बहुत कुछ बदल चुका है  . “ 


“ तुम यहाँ श्री लंका कैसे पहुंची और इतने बीते  दिनों में  कैसा रहा तुम्हारा लाइफ ? “ 


“ मेरे पति का यहाँ रेस्तरां था इसलिए शादी के बाद यहीं चली आयी   . “


“ और तुम्हारे पतिदेव और बाल बच्चे कैसे हैं ? “ 


“ मैंने कहा था न सिर्फ लुक ही नहीं बहुत कुछ बदल चुका है मेरे लिए  . “ 


इतना बोलने के बाद खुशबू की आवाज कुछ देर के लिए बंद हो गयी   . जब शेखर को खुशबू के सिसकने का आभास हुआ  तो उसने पूछा “ चुप क्यों हो गयी ? सब कुछ ठीक है न फैमिली में ? “ 


“ कुछ भी ठीक नहीं है शेखर ? “ 


इसी बीच शेखर ने फोन पर किसी लड़की की आवाज सुनी “ अम्मी , आप रो क्यों रही हो और किस से बातें कर रही हो  ? “ 


शेखर ने खुशबू की आवाज सुनी “ कुछ नहीं बेटा , इंडिया से एक जान पहचान वाले अंकल से बातें कर रही थी तब इंडिया की याद आ गयी  . “ 


शेखर बोला “ मेरा गेस  सही था  . तुम रो क्यों रही हो  ? “ 


“ यह बाद में बताऊँगी , बेटी के सामने नहीं  . “ 


दूसरे दिन भी शेखर खुशबू के रेस्तरां में डिनर के लिए गया   . डिनर  के बाद जब मीरा  वाश रूम गयी तब खुशबू ने बिल के साथ  एक स्लिप भेजा ,  लिखा था “ तुम्हारा बेटा बहुत सुंदर है पर तुमसे ज्यादा स्मार्ट लग रहा है  . काउंटर पर मेरे साथ हमारी बेटी बैठी है  . “ 


मीरा को होटल में लंच या डिनर के बाद वाशरूम में हाथ मुंह धोने की आदत थी  . जब वह वाशरूम से निकल रही थी उसने शेखर को एक स्लिप पढ़ते देख लिया  . पर इसके पहले की वह टेबल तक आती उसने उस स्लिप को जूठे प्लेट में डाल दिया  और वेट्रेस उसे ले कर जा रही थी  . मीरा ने प्लेट के ऊपर उस स्लिप को देख लिया  . उसने शेखर से पूछा “ आज किस बात के लिए स्लिप था  . उसी औरत ने भेजा होगा  . वह तुम पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान दिख रही है  . “ 


“ नहीं ऐसा कुछ नहीं है  . उसने लिख भेजा था आज सभी गेस्ट्स के लिए 10 % स्पेशल डिस्काउंट है , बस और कोई बात नहीं है  . “   शेखर झूठ बोल गया 


अगली सुबह फिर शेखर सी बीच पर वाक करने गया , वाक तो एक बहाना था मकसद खुशबू से मिलना था  . कुछ दूर पर खुशबू भी अपनी बेटी के साथ खड़ी थी  . शेखर उसके पास जा कर बोला “ ये  तुम्हारी बेटी  है न  . क्या नाम है बेटी का  ? ”  


“ मीना “   मीना ने शेखर को नमस्ते अंकल कहा तब खुशबू ने बेटी को कहा “ तुम जा कर कुछ देर बॉल खेलो , वहां कुछ और भी बच्चे हैं  . “ 


मीना के जाने पर शेखर ने कहा “ तुम्हारी बेटी बहुत सुंदर है  . “ 


“ हाँ , हमारी बेटी बहुत सुंदर है  . देखा नहीं अपने पापा पर गयी है  . “ 


“ मैंने भी तो वही कहा तुम्हारी बेटी बहुत सुंदर है  . “ 


“ मैंने कहा हमारी बेटी यानि तुम्हारी और मेरी  ….  . “ 


यह सुन कर शेखर हतप्रभ हो ख़ामोशी से खुशबू की ओर देखने लगा  . कुछ पल तक लगातार अपनी ओर देखते हुए देख कर खुशबू  बोली “ मैंने सच कहा है , मीना तुम्हारे और मेरे पहले मिलन की देन  है  . तुमने उसे देखा नहीं गौर से ? उसकी आँखें उसके घुंघराले बाल…  . “ 


“ क्या कह रही हो ? “ 

 

क्रमशः