बेटी का बदला - 3 - अंतिम भाग S Sinha द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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बेटी का बदला - 3 - अंतिम भाग

Last Part - 3 ( अंतिम भाग )


बेटी का बदला -3


सीमा ने कहा “ और इसके बाद आप मेरे पापा को मोटी रकम दे कर मुझे ब्याह लाये . पापा अपनी आर्थिक स्थिति से मजबूर थे जिसका भरपूर फायदा उठाने में आपने तनिक भी देर नहीं किया . आप सेठों की दुनिया शायद ऐसी ही होती होगी कि जहाँ मौका मिले गरीब अबला का शोषण करने से नहीं चूकती है . खैर अब छोड़िये इन बातों को मैं गीता को बुलाती हूँ , इस कड़वे अतीत को भूलना असम्भव है और खास कर आपने जो विश्वासघात किया है मेरे साथ। फ़िलहाल सामजिक औपचारिता निभानी होगी . मैं फोन कर बेटी और दामाद को बुलाती हूँ . वे जैसा कहेंगे हमें वैसा करना ही होगा . “


सुरेश ने कहा “ इतनी जल्दीबाजी क्यों है ? मेरी कहानी अभी बाकी है , पूरी सुनने के बाद तुम गीता को खबर कर देना पर कहानी का अंत उसे नहीं बताना , तुम्हें मेरी सौगंध . “


“ अब और क्या क्या सुनना बाकी रह गया है ? “


“ इसके आगे की बात सुनो , मेरे यहाँ से भाग कर रेखा ने जिसके यहाँ शरण ली वहां कुछ दिन तो ठीक रहा . पर वहां भी रेखा अपनी अस्मत नहीं बचा सकी . उसकी बेटी सुरेखा अब 14 वर्ष की थी . माँ बेटी दोनों सुंदर थीं , शायद यही सुंदरता उनके लिए अभिशाप और विनाश बनती रही . रेखा तो शुरू से ही गिद्धों का शिकार होती रही . उसकी आँखों के सामने सुरेखा बेटी को छोटी उम्र में ही गिद्धों के सामने परोस दिया गया और जल्द ही बेटी को कॉल गर्ल के धंधे में लगा दिया गया बदमाशों ने . रेखा इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसने आत्महत्या कर ली . फिर जल्द ही सुरेखा शहर में रईसों की पहली पसंद वाली कॉल गर्ल बन गयी . “


“ सुनते सुनते मेरे कान पक गए , बंद करें ये बातें . चलो ठीक है , अब तो कहानी खत्म हुई . बस बहुत हुआ . “ सीमा बोली


पर सुरेश बोलता गया “ मैं अपने बिजनेस के सिलसिले में बड़े बड़े शहरों में जाता रहता था . एक बार मुंबई के होटल में मैंने एक कॉल गर्ल का इंतजाम करने के लिए कहा .होटल वाले ने मुझे सुरेखा की बात कही और उसका फोटो भी दिखाया . उस दिन सुरेखा को आना था पर उसकी जगह कोई दूसरी लड़की आयी . मैं उस पर गुस्सा रहा था तभी सुरेखा का विडिओ कॉल आया . मैं उस पर भी अपना गुस्सा उतारने लगा तब वह बोली - इसे आज बोनस समझ कर रख लो सेठ , कल फिर मैं हाज़िर हो जाऊंगी तुम्हारे सामने . खैर , उस रात वही लड़की साथ रही पर दूसरे दिन शाम को सुरेखा अपने वादे के अनुसार मेरे पास आयी . तब तक मैं उसके बारे में कुछ नहीं जानता था . मैंने सुरेखा की काफी प्रशंसा सुनी थी पर उससे मुलाकात पहली बार हुई .


उसने आते के साथ अपना बैग खोला और उसमें कुछ देख कर हंसने लगी . मैंने उस से हंसने का कारण पूछा तो उसने कहा - मैं जब भी किसी कस्टमर के पास जाती हूँ तो पहला काम यही करती हूँ . बैग खोल कर आईने में अपनी सूरत देखती हूँ कि मेरा मेकअप ठीक तो है . “


“ ऐसी लड़कियों से और क्या उम्मीद किया जा सकता है . मेकअप और नाज़ नखरे दिखा कर मर्दों को नचाती हैं . “ सीमा बीच में बोल उठी


“ हाँ , अब आगे सुनो . वह आ कर सोफे पर कुछ देर बैठी फिर उसने फ्रिज से पानी निकाल कर पिया , मेरे बाल और चेहरे को सहलाया और कहा - इस उम्र में भी हैंडसम लगते हो . मैंने उसके गाल को चूमा और अपनी ओर खींचना चाहा . अपने को अलग करती हुई उसने कहा - अच्छा तो चलती हूँ सेठ , बस तुमसे मिलने के लिए बरसों से तरस रही थी . तुमसे मिल कर बहुत ख़ुशी हुई . मैंने सोचा लड़की शायद मजाक कर रही है पर वह सचमुच जाने के लिए उठी और अपना बैग ले कर दरवाजे की ओर बढ़ी . मुझे उसकी बदतमीजी पर बहुत गुस्सा आया मैंने उसकी बांह पकड़ कर बेड पर पटक दिया और कहा - मैंने पूरे पैसे एडवांस दिए हैं और तुम्हारे लिए अच्छा ख़ासा टिप देने को सोचा है . तुम ऐसे नहीं जा सकती हो . वह फिर जाने के लिए उठी और बोली - मैं तुम्हारे पैसे वापस कर दूंगी , कहो तो रिसेप्शन से बात करा दूँ . मुझे और ज्यादा गुस्सा आया , मैंने कहा - तुम्हारे रेट के अलावा मैंने पहले से ही तुम्हें टिप में अच्छी रकम देने के लिए निकाल रखा है और एक लिफाफा उसे थमाया . वह भी व्यंग से हँसते हुए बोली - वाकई इसमें तो काफी रूपये हैं . सेठ मैंने बहुत पैसे कमाए हैं . मैं तुम्हारे साथ नहीं सो सकती हूँ . फिर उसने अपने बैग से कुछ फोटो और एक चिठ्ठी निकाल कर वापस मेरे लिफाफे में रखा और कहा - इसे मेरी तरफ से अपने NGO को दे देना . मुझे बहुत आश्चर्य हुआ . “


सीमा ने कहा “ इसमें क्या क्लाइमेक्स है , सब आपके जैसे गिरे चरित्र के नहीं हैं . हो सकता है किसी मजबूरी वश वह कॉल गर्ल बनी हो . “


हमने कहा “ शायद तुम ठीक कह रही हो . पर उसने जो कहा वह तो सुनो , उसने कहा - तुम मेरे पिता की उम्र के हो , मैं नहीं चाहती थी यह सब करना तुम्हारे साथ . मुझे तुमसे इंतक़ाम लेना था और अब मेरा मकसद पूरा हो गया , मैं अब चलती हूँ . अब तुम्हें ज़िंदगी भर अपनी करनी का फल भुगतना होगा . “


“ सीमा , मैंने भी गुस्से में उसकी बांह ऐंठ दी और कहा - मेरी करनी क्या देखती है दो टके की कॉल गर्ल . वह बोली - सही कहा है , तुमने मैं दो टके की हूँ . पर उस आदमी को तुम क्या कहोगे जो अपनी पत्नी के अलावा अपनी ही बेटी को भी भोगना चाहे . “

मैंने कहा - “ उसे मैं बहुत बड़ा कमीना समझूंगा . सुरेखा ने लिफाफा टेबल पर रखा और कहा इस में एक खत और कुछ फोटो भी हैं तुम्हारे काम के और हां अगर मैं कहूं कि वह कमीना मेरे सामने खड़ा है तो तुम क्या कर लोगे ? “ इसके पहले कि मैं उसे मारूँ वह एक झटके में कमरे से बाहर निकल कर चली गयी .”


सीमा ने अपने दोनों कान बंद कर लिए और कहा “ अब खत्म हुई आपकी रासलीला की कथा . मैं अब जाउंगी . “


“ पर अभी भी कहानी का अंत नहीं हुआ है , बस अंतिम भाग रह गया है . सुरेखा के जाने के बाद मैंने उसका लिफाफा खोला तो उसमें रेखा के कुछ फोटो थे , उन दिनों के जब वह मेरे साथ थी . फोटो में उसकी बेटी सुरेखा भी थी , यह देख कर मुझे पसीने छूटने लगे . सुरेख ने खत में लिखा था - मैंने कल जिस लड़की को भेजा था उसे HIV है . मेरा सर शर्म से झुक गया और मेरे मन में अक्सर सुसाइड करने की भावना उठी है पर तुम्हारा ख्याल आते ही मैं इसे भूल जाता . उस लिफाफे में एक चिठ्ठी भी थी जिसमें लिखा था - मैं जब भी किसी अधेड़ कस्टमर के पास जाती हूँ अपने बैग में रखे फोटो को देखती हूँ , इसलिए कि कहीं मेरा कस्टमर फोटो वाला आदमी तो नहीं है क्योंकि इस रिश्ते के कारण मैं उसके साथ नहीं सो सकती हूँ न . वैसे तुम्हारा फोटो मैंने होटल में रिसेप्शन के पास देख लिया था . मैंने उसे कल वाली लड़की को भी दिया था ताकि उसे भी तसल्ली हो जाये कि जिसे वह रोग देने जा रही है वह मेरा बाप ही है . जिस आदमी ने मेरी और मेरी माँ की जिंदगी तबाह कर दी थी उसकी तलाश मुझे बहुत दिनों से थी . मैंने उस को बरबात करने की कसम खाई थी . अब मेरी मनोकामना पूरी हुई . ”


सीमा यह सुन कर दोबारा कुर्सी पर बैठते हुए बोली “ हे भगवान् , आप कितने गिर चुके हैं , मेरी कल्पना से परे . खैर अब चलती हूँ . मैंने गीता को फोन कर दिया है . शाम तक गीता और उसके पति भी आ जायेंगे . “


शाम को सीमा और सुरेश की बेटी और दामाद सभी आ गए . सीमा ने अपने पति की कहानी बेटी को रास्ते में सुना दी थी . अस्पताल पहुँचने पर उसने कहा “ तुमलोग अस्पताल जाओ , मैं अब उनका मुंह नहीं देखना चाहती हूँ . “


“ मम्मी , अब हम अंतिम पल चल के उनसे मिल लें . माना कि पापा की गलती माफ़ नहीं की जा सकती है . फिर भी जीवन के अंतिम क्षणों में हमें उनके साथ होना चाहिए . “


जब वे अस्पताल पहुंचे सुरेश के कमरे के आगे भीड़ लगी थी , पुलिस भी खड़ी थी . पुलिस पंचनामा बना रही थी . सुरेश ने खुदकुशी कर लिया था और एक सुसाइड नोट में लिखा था - “ मैं अपने किये पर शर्मिंदा हूँ और किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं हूँ , वैसे भी मैं मरने ही वाला था . अपने परिवार का सामना करने से पहले मैंने सुसाइड करना बेहतर समझा .


परिवार वालों को देख कर पुलिस ने कहा “ मरीज ने बीमारी से तंग आ कर फल काटने वाली चाकू से अपनी कलाई की नस काट कर आत्महत्या कर ली है .कानूनी औपचारिकता के बाद आपको इनका शव अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया जायेगा . “


समाप्त

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