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रहस्यमय कत्ल - 3 - सायरा का पीछा

अगले दिन सुबहा आर्यन जल्दी उठकर राठौर फैमली के घर की तरफ गया और राठौर फैमली पर नजर रखने लगा।
आर्यन का शक सायरा पर था....पूरे केस की स्टेड़ी व तहतीकात करने बाद ....इस केस का रूख जमीन जायदाद के पीछे चल रहे झगडे की तरफ इशारा कर रहा था।
पर अभी कोई पुख्ता सबूत भी हाथ में नहीं लगे थे..तो आर्यन को राठौर फैमली पर नजर रखने के अलावा और कोई रास्ता नहीं दिख रहा था।
कुछ देर बाद सायरा राठौर फैमली के आलीशान से बाहर निकल आती और अपनी बड़ी कार में बैठकर कहीं बाहर चली जाती है ..,सायरा को बाहर कार में जाता देख कर आर्यन भी ऑटो पकड़ लेता है और ऑटो वाले को सायरा की बडी़ काले रंग की गाड़ी का पीछा करने को कहता है।
ऑटो वाला आर्यन की बात सुनकर चुपचाप उस बडी़ सी काले रंग की गाड़ी का पीछा करना शुरू कर देता है।
थोड़ी देर में मुम्बई के Highway पर सायरा की गाड़ी बांद्रा के हाई-वे से यू-टर्न मारकर एक सुनसान पत्थरीले रोड़ की तरफ मोड जाती है और उस पर चलते हुये एक सुनसान खंडर की ओर बढ़ने लगती है ..,,,खंडहर पर पहुंंचते ही सायरा गा़डी से उतरती है .....और खंडहर की ओर बढ़ने लगती है। इतने में सायरा की गाड़ी का पीछा करते हुये ऑटों में आर्यन भी सायरा की गाड़ी के पास पहुंच जाता है और थोड़ी दूरी पर ऑटो को रोककर ऑटो वाले को उसका किराया देकर जाने को कहता है।
और खुद सायरा का पीछा करते हुये खंड़हर की ओर बढ़ने लगता है। यह खंड़हर बांद्रा शहर से दस किलो मीटर की दूरी पर सुनसान जगह पर था ..जहां पर अक्सर कोई आता -जाता नहीं है।
सायरा का पीछा करते हुये आर्यन थोड़ी दूरी पर खंडहर की एक दीवार के पीछे चिपक के छिप कर सायरा को देखता है।
जो किसी व्यक्ति से कुछ बात कर रही थी ..,और कह रही थी..,तुम्हारे पास जो भी मेरी फोटोज है उव सबको अब तुम मुझे दे दो....और तुमने जितने भी मांगे थे ,...मैं वे सब लेकर आई हूं....प्लीज अब उन सभी फोटों को निगटिव रोल के साथ मुझे दे दो...प्लीज ..,,नहीं तो इनकी बजह से मेरी हंसती -,खेलती जिन्दगी बर्बाद हो जायेगी।
सायरा की बात सुनकर वह आदमी जोर -जोर से हंसता हुआ कहता है।
अरे मेरी जान दे दूंगा..इतनी टेंशन क्यों ले रही ..,,तुम तो जानती हो ना मैं अपने वादों का पक्का हूं.....पर इन फोटोज को देने से पहले मुझे तुमसे एक चीज़ और भी चाहिये ..,,,अपनी आँखों में शरारती अंदाज लाता हुआ चेहरे पर कुटिल मुस्कान के साथ वो आदमी सायरा से कहता है।
उसकी बात सुनकर सायरा ड़रती हुई कहती है...क्क्क्क...क्या मतलब है तुम्हारा ....ऋषभ...
उस आदमी का नाम ऋषभ था ...मध्यम कद काठी का था...और देखने में ना ज्यादा दुबला ...ना ही ज्यादा भारी शरीर वाला...
सायरा की बात सुनकर ...ऋषभ .च्चच्च्चच्च..,ओह...कितनी भोली बन रही हो....जैसे तुम्हें कुछ समझ ही नहीं आ रहा हो कि मैं क्या बोल रहा हूं .....वाहा...क्या एक्टिंग करती हो...तुम ..... सब कुछ समझ कर भी अनजान बन रही हो....कोई बात नहीं..,मैं ही बता देता हूं.....तुम इतनी हॉट और सुन्दर हो कि ...तुम्हें देखकर कोई भी लड़का तुम फिर फिदा हो सकता है ...अरे तुम्हारे साथ रात गुजारने के लिए बेताब सा रहते है...तो मेरा सीधा -साधा मतलब यही है कि मुझे तुम्हारे साथ एक रात बितानी है ..,ये बात बोलते हुये ऋषभ ..,,सायरा की बॉड़ी के काफी नजदीक आ गया होता है ..,,ऋषभ की बात सुनकर सायरा ऋषभ को जोर का धक्का देकर अपने से दुर धकेल देती है और उसके गाल पर एक जोर का तमाचा मार देती है।
मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि तुम्हारी सोच इतनी घटिया और गिरी हुई होगी ..,,..मैं तुम्हें एक अच्छा इन्सान मानती थी....पर तुमने अपनी असलियत दिखा ही दी।अब मुझे खुद पर शर्म आ रही है कि मैंने तुम जैसे लड़के सी प्यार किया ..,ये तो अच्छा हुआ कि मेरी शादी तुमसे नहीं हुई यह सब सायरा ऋषभ से बोलती है।
सायरा के थप्पड़ खाने पर ऋषभ को अपनी बेइज्जती महसूस होती है और वह गुस्से में आकर सायरा से कहता ..,,सायरा तुमने ये अच्छा नहीं की..अब तुम देखो मैं क्या करता हूं....तुम्हारी और मेरी ये जो साथ में की नंगी फोटोज को मैं अब सोशल मीड़िया में अपलोड़ करके तुम्हारा जीना हराम कर दूंगा।तू अपने आपको समझती क्या है..,तुने ऋषभ बजाज को थप्पड़ मारा ..,तुम्हारी इतनी हिम्मत.....तुम देखती जाओ किस तरह से मैं तुम्हारी जिन्दगी को नर्क बनाता हूं....और तुम्हारी इज्जत का फलूदा करता हूं।
ये सब सुनकर सायरा ड़र जाती है....और ऋषभ से कहती है ...तुम ये सब क्यों कर रहे हो....अब जब हम दोनों एक दूसरे से अलग हो चुके है...और अपनी -अपनी जिन्दगी को खुशी से जी रहे है तो ..,आखिर ये सब करके क्यों मेरी हंसती -खेलती जिन्दगी को बर्बाद करना चाहते है..ये सब कहते हुये सायरा की आँखों से लगातार आंसु बहने लगते है।
ऋषभ हाहाहाहाा...हंसते हुये कहता है....इन सबकी बजह तुम ही हो....तुम्हारे बाप ने मेरे परिवार के बिजनस को पूरी तरह से खत्म कर दिया ..,और मुझे जेल में ड़ालकर मेरी जिन्दगी को बर्बाद कर दिया ...,,ये तो अच्छा हुआ कि किसी ने उसे खुसड़ बुड्ढे को मार दिया ....वर्ना नहीं तो मैं उस खुसट बुड्ढे को अपने हाथों से मार ड़ालता।
और फिर ऋषभ चाकू लेकर सायरा की ओर बढ़ने लगता है और सायरा पीछे होने लगती है और पीछे होते हुये वह दीवार के साथ चिपक जाती है और ऋषभ हंसते हुये उसकी ओर बढ़ने लगता है ..,ऋषभ सायरा को चाकू मारने ही वाला ही होता है तभी आर्यन पूर्ति के साथ दौड़ते हुये एक जोर की लात ऋषभ की छाती पर मारकर उसे जमीन पर गिरा देता है।लात इतनी जोर से पड़ती है कि ऋषभ के मुंह से खुन निकलने लगता है और उसकी आँखों की चारों ओर अंधेरा सा छा जाता है और वह बहोश हो जाता है।
इसी बात का फायदा उठाकर आर्यन ,..ऋषभ को पास पड़ी रस्सी से उसे बांध देता है और अपने बैग से पानी की बोतल निकालकर उसके मुंह पर पानी के छींटे मारता है ....पानी के छींटे मारते ही ऋषभ होश में आता है और अपने आपको रस्सी से बंधा हुआ देखता है ..,फिर अपने सामने देखता है ...और आर्यन को देखकर बोलता है ...,कौन हो तुम...मुझे क्यों बांध के रखा है..मुझे अभी के अभी के छोड़ दो ...वर्ना इसका अंजाम तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा ....तुम नहीं जानते है कि मेरा बाप कौन है...अगर तुम्हें मालुम होता तो तुम इस तरह के बेवकूफी कभी नहीं करते है।
ऋषभ की बातें सुनकर आर्यन उससे कहता है....क्यूं तुझे नहीं पत्ता है कि तेरा बाप कौन जो तू मुझसे पुछा रहा है तेरा बाप कौन...और तेरा बाप जो कोई भी हो मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है ....शायद तू मेरे बारे में नहीं जानता है ...मैं बोलता कम हूं और मारता ज्यादा हूं....इसलिए अपनी शानपटी अपने पास रख ....इससे मेरा दिमाग की और ज्याद सटक रही है। तेरे लिए यही अच्छा होगा जो कुछ मैं तुझसे पुछूं तो चुपचाप एक अच्छे बच्चे की तरह उसका सही से जबाव दे...अगर एक भी जबाव गलत दिया तो मैं भी कन्फिंडेंट से नहीं कह सकता हूं कि मेरे हाथ शांत बैठ पायेंगे या नहीं तो जो तुझसे पुछा जाये सिर्फ उसी का जबाव दे।
फिर आर्यन उसकी तरफ उसी का लैपटॉप देते हुये कहता है पहले तो ये जो तूने सायरा की ये गंदी तस्वीरें ली उन सबको अभी के अभी अपने हाथों से डीलिट कर...और सारी वीडियोज को भी...बैकअप से भी।
आर्यन की तरफ गुस्से वाली नजरों से देखते हुये ऋषभ चुपचाप से सारी फोटोज,वीडियों को डीलिट कर देता है ...फिर आर्यन बोलता इन सबकी कोई और डूप्लीकेट कॉपी तो नहीं है ....ऋषभ ना में सिर हिलाकर जबाव देता है और आर्यन उसे उसके फोन से भी सब डीलिट करने को कहता है ।ऋषभ मोबाईल से भी डीलिट कर देता है ....फिर आर्यन ...ऋषभ से कहता है कि ...अब अच्छे बच्चों की तरह मुझे ये बता ...कि सायरा के पिता विक्रम सिंह राठौर की हत्या में तेरा हाथ तो नहीं है ....सच -सच ही बताना ,....अगर झूठ बोला तो ....तू जिंदा रहेगा...या मर जायेगा इसकी गारंटी फिर मैं नहीं दे सकता ।
आर्यन की बात सुनकर ऋषभ कहता है ..,मेरा उसमें कोई हाथ नहीं है ...इंफेक्ट की ....अगर वो उसे नहीं मारता तो...कोई और उसे मार देता ...हां ये सच है कि मैं उसे मारना चाहता था ....पर मेरी पहुंच उसके बराबर की नहीं थी...इसलिए मैंने उस खुसट बुड्ढे को मारने के प्लान को गिवअप कर दिया।पर मेरे लिए तो यह अच्छा हुआ कि उस बुड्ढे को किसी ने मार दिया।
अच्छा! कौन वो उसे नहीं मारता तो ...और कोई और उसे मार देता ...आखिर किन लोगों की बात कर रहे हो तुम ...कौन है जो विक्रम सिंह राठौर को मारना चाहते थे...आर्यन ...ऋषभ से पुछता है...आर्यन की बात सुनकर ऋषभ कहता है ...,मुझे नहीं पत्ता की वो कौन है जिसने उसे खुसट बुड्ढे को मार दिया...परंतु उस खुसट बुड्ढे ने बहुत से लोगों से दुश्मन मोड़ ले ली थी...जिसके कारण कश्यप फैमिली,गुप्ता फैमिली,राणा फैमिली जैसी बहुत सी बड़ी -बड़ी फैमिली राठौर फैमिली को जड़ से खत्म कर देना चाहती है ...हो सकता है इन्ही सभी फैमिली में से कोई एक फैमिली ने उस खुसट बुड्ढे को मरवाया होगा उसकी सुपारी देकर।
ऋषभ की बात सुनकर आर्यन थोड़ी सोच में पड़ जाता है और मन ही मन में सोचता है कि ...जितनी सरल यह केस दिखता है ...उतना ही उलझता जा रहा है...बस पहेली पर पहेली बनता जा रहा है यह केस...।
इतने में इंस्पेक्टर सुशांत उस खंडहर में पहुंच जाता है अपनी टीम के साथ ...जिसे आर्यन ने पहले ही फोन करके वहां आने को कहा था।
आर्यन के पास पहुंच सुशांत कहता है अब किस मुर्गे को हलाल किया तुमने ...तुम्हारी मारने -पीटने की आदत नहीं गई ना....कहीं ज्यादा बुरी हालात तो नहीं कर दी तुमने बेचीरे की...यह कहकर सुशांत हंसने लगता है ...और कंस्टेबल से उसे हथकड़ी पहनाने को कहता है और गाड़ी में बैठाकर पुलिस स्टेशन ले जाने को कहता है।
कंस्टेबल ऋषभ को हाथकड़ी पहनकर गाड़ी में बैठाते है और इंस्पेक्टर सुशांत का इंतजार करने लगते है।
इधर इंस्पेक्टर सुशांत कहता है कि...कुछ मालूम चला इससे ....।
ज्यादा कुछ नहीं...बस ये ही मालूम चला कि राठौर फैमिली की बहुत से बड़ी -बड़ी नामीचीन फामिलियों से दुश्मनी थी यह बात आर्यन सुशांत क बतात है ।
ये केस तो अब और उलझता जा रहा है ...और अगर सच में बडी फैमिलियों का हाथ है तो तब हमारा काम और मुश्किल सा होने वाला है सुशांंत आर्यन से कहता है।
सुशांत की बात सुनकर आर्यन गहरी सांस लेता है और कहता है ..,चलो जो भी है देखा जायेगी और जमियां लेते हुये आगे कहते है ..मैं बहुत थक गया हूं अब मुझे नींद आ रही है ...मैं अब वापिस जाकर सोना चाहता हूं।
आर्यन की बात सुनकर सुशांत उससे आगे कुछ नहीं कहता है और बाये बोलकर विदा लेता है और अपनी गाड़ी में बैठकर ऋषभ को पुलिस स्टेशन ले जाता है।
इधर आर्यन ....भी वापिस सायरा की गाड़ी में बैठ जाता है ...और सायरा उसे उसके घर पर ड्रॉप कर देती है दोपहर के तीन बज चुके थे और आर्यन वापिस आकर शॉवर लेता है ..फिर खाना खा कर बिस्तर पर लेटकर सो जाता है।

क्या होगा अब आर्यन का अगला कदम ...क्या इस बार खुनी तक पहुंच पायेगा आर्यन ..,क्या और ज्यादा ही उलझता रहेगा यह रहस्यमय मर्डर का केस....जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरे साथ मेरी कलम से इस जासूसी कहानी को जिसका नाम है """रहस्यमय कत्ल""""

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