Raktika - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

रक्तिका - 1

साभार

सूचना

जो भाग आज पोस्ट होगा वो कहानी की भूमीका है । जिसे मै एक दूस्ररे प्लेट्फार्म पर भी लिख चुकी हूँ , ऐसा सिर्फ पाथको के विचार जानने के लिये किया गया है । अगर आपके प्लेट्र्फार्म से अच्छा रिस्पोंस मिलता है तो मैं आपकी वेब साइट पर ये कहानी जरूर पोस्ट करूंगी ।

धन्यवाद‌

‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

घनघोर बारिश में जंगलो के बीच झरने के किनारे बैठी औरत, एक २२ साल की लड़की का सर अपनी गोद में रखे चिल्ला रही थी "रक्छणा, मेरी मदद करो , मेरी बच्ची को बचाओ, वो मर नहीं सकती , मुझे ये मंजूर नहीं ,तुम्हे आना होगा | एक माँ की मदद के लिए आना होगा , मदद करो मेरी , मदद करो मेरी " पिछले २ घंटे से वो औरत ऐसे ही चिल्ला रही थी | पर बारिश की आवाज उसकी आवाज को दबा रही थी | उस औरत की उम्मीद टूटने लगी थी | वो चीख तो रही थी पर अब गले से उसकी आवाज नहीं निकल रही थी खून लगातार बहने की वजह से उसका शरीर उसका साथ छोड़ रहा था | जब धीरे -धीरे उसकी आँखे बंद होने लगी तो झरने के बीच में एक भंवर बनी और उसके अंदर से एक बहुत ही खूबसूरत औरत जिसके बाल उसके पैरो की एड़ियों को छू रहे थे | उसकी कुछ ज्यादा ही बड़ी भूरी आँखे और एक दम लाल होठ | ऐसी ख़ूबसूरती जो बड़े से बड़े देवता को भी उसके सामने प्रेम की भीख मांगने के लिए विवश कर दे | ऐसी थी रक्छणा, एक ३ हजार साल पुरानी जन्मजात डायन, जिसे पांच महाभूत ( पृथ्वी , जल , आकाश , वायु और अग्नि ) की शक्तिया जन्म से ही मिली थी | आज एक माँ की पुकार पर वो अपनी १ हजार साल की तपस्या से जागी थी | क्युकी वो औरत और कोई नहीं उसकी छोटी बहन अवंतिका थी | जो थी तो एक डायन लेकिन उसने एक नर वक् ( वेयर वुल्फ , भेड़िया मानव )के लिए अपनी शक्तिया छोड़ दी थी और वो एक मादा वक् ( शी -वुल्फ , भेड़िया -स्त्री ) बन गई थी क्युकी विधाता ने उसे इसलिए चुना था |


"अवन्तिका, क्या हुआ तुम्हे " कहते हुए रक्छणा उसकी तरफ भागी पर तब तक अवंतिका जमीन पर गिर चुकी थी | रक्छणा उसके पास जा कर बैठ गई | रक्छणा ने अपने जादू से एक बर्तन में पानी लेकर उसे पिलाया | जिससे उसके सूखे गले को आराम मिला और वो रोते हुए बोली "रक्छणा, मेरी बच्ची , उसे बचा लो , शिकारियों ने हमारा पूरा दल मार दिया मै बहुत मुश्किल से इसे यहाँ ले कर आई हूँ | ये मेरी बेटी है रक्तिका, इसे बचा लो ये मेरे और अमरेंद्र के प्यार की एकलौती निशानी है | इसे रानी बनना है ये मर नहीं सकती , इसे सिर्फ तुम बचा सकती हो " कहते हुए अवंतिका ने प्राण छोड़ दिए | रक्छणा की बाईं आँख से एक आंसू उसके माथे पर गिरा और देखते ही देखते अवंतिका का शरीर उसी जगह जमीन के अंदर चला गया और रक्छणा के आंसूओ से वहां कभी न मुरझाने वाले सफ़ेद फूल खिल आये |

रक्छणा धीरे से उठी और रक्तिका के शरीर को अपने जादू से हवा में उठा कर उसी भंवर के अंदर चली गई जहाँ से वो आई थी | और देखते ही देखते वो भंवर भी गायब हो गई | रक्छणा रक्तिका को लेकर झरने के पीछे अपनी गुफा मे आती है जहाँ उसकी एक सहायिका जो उसकी ही शक्तियों से पैदा हुई थी उसके इंतजार मे खड़ी थी। उसने रक्छणा को देखते ही दोनो हाथ जोड़ कर अपना सर झुका लिया। रक्छणा उसे देख कर मुस्कुराते हुए बोली "मेदिनी। अब मुक्ति का समय आ गया है, तुमने हजार सालों तक बिना कुछ मांगे मेरी सेवा की है। तुम मेरी शक्तियो से जन्मी हो इसलिये तुम्हे मिटाया नही जा सकता इसलिये तुम्हे अब से इस लडकी की मार्गदर्शक बनोगी और इसे आने वाले खतरो के लिये तैयार करोगी । इसे अभी एक बहुत बडी लडाई लडनी है । मेदिनी ने स्वीक्रति मे अपना सर हिलाया और रक्छणा के पीछे चल दी ।

मेदिनी ने दो बडे गोले बनाये और उन दोनो को दो रेखाओ से मिला दिया । एक गोले मे रक्छणा खुद गई और दूसरे मे रक्तिका का शरीर रखा। रक्छणा ने कुछ मंत्र पडे और अपने खंजर से हथेली काट कर अपना खून उस गोले के चारो ओर छिड्क दिया और देखते ही देखते उस गोले के चारो पांच रंगो की अग्नि जल पडी और रक्छणा के मंत्रो के साथ साथ वो आग रक्तिका के गोले की तरफ बडने लगी। धीरे धीरे आग ने पूरी तरह से उन्हे धक लिया था जैसे कि एक सुरछा चक्र बना दिया हो। रक्छणा ने मंत्र पड्ना बंद किया और जमीन पर ध्यान मे बैट गई और महादेव का आह्वाहन किया “ हे महादेव, आपने कभी मनुश्य, दानव, गंधर्व, यक्छ, दानव, डायन और जीव जंतु मे कभी कोइ भेद्भाव नही किया, मैं रक्छणा आपके ही वरदान से पांच महाभूतो की शक्तियो सहित जन्मी हूँ। आज अपनी एक हजार सालो की तपस्या से जाग कर अपने पापो के प्राय्शचित के लिये इस निश्पाप और मासूम लड्की को अपने प्रान अपनी शक्तियो के साथ देती हूँ। अब मुझे इस जीवन से आजाद करे और मुक्ति दे" और देखते ही देखते रक्छणा का शरीर भस्म हो गया और वो आग धीरे धीरे बुझ गई । मेदीनी ने वो भस्म एक मिट्टी के बर्तन मे भर ली और रक्तिका के जागने का इंतजार करने लगी ।

कौन है रक्तिका
क्या कहानी है रक्छणा और अवंतिका की
क्या आप जानना चाहते है वेयर वुल्फ और डायन के प्यार के बारे मे। क्या आप जानते है उनकी अद्भुत शिक्तियो के बारे मे और क्या आप पढ़ना चाहेंगे एक ऐसी प्रेम कहानी जिसमे प्यार जादू और शक्तियो की एक अद्भुत पहेली हो।

तो कॉमेंट कीजिये और बताइयेगा की ये प्लॉट कैसा लगा ला और ये कहानी आप हिंदी मे पढ़ना चाहते हो या इंग्लिश मे।

ध्यन्यवाद

अन्य रसप्रद विकल्प