नविता की कलम से... - 5 navita द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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नविता की कलम से... - 5

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मैं -: "प्रीत क्या बात है आज तो बहुत ख़ुश है ☺️☺️

प्रीत-: हा आज में बहुत खुश हूँ l
कल मुझे सोनू का फ़ोन आया था "

मैं -: तो वो तो हर रोज करता है , आज क्या हुआ " .

प्रीत-: आज सोनू ने मुझे अपने प्यार का इजहार किया☺️

मैं -: अच्छा है ये तो , फिर क्या कहा तुमने ..

प्रीत-: अभी कुछ नहीं कहा मैंने , समझ नहीं आ रहा क्या कहूँ ..

मैं - : क्यों तू नहीं चाहती ..

प्रीत-: चाहती हूँ .. पर डर लगता है की कल को कोई प्रॉब्लम ना हो जाये , पता नहीं कैसे होगा सब...

मैं -: प्यार में सब कुछ अपने आप ही समझ आने लग जाता हैं ,जो दिल में है वो कर l.

प्रीत-: हाँ वो भी है.. चलो कल बोल देती हो अपने दिल की बात ☺️

मैं -: गुड लक डिअर..." ☺️
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प्रीत , सोनू दोनों मेरे दोस्त है l प्रीत और सोनू दोनों एक दूसरे को पसंद करते थे l आज प्रीत भी अपने दिल की बात सोनू को बताने वाली थी l आखिर प्रीत और सोनू खुश थे, क्योंकी उन्हें अपना प्यार जो मिल गया l पर कहते है ,खुशीआं ज्यादा समय तक नहीं रहती l

हर रोज की तरह सोनू कॉलेज आया l प्रीत और में भी कॉलेज पहुँच गए l क्लास ख़तम कर हम कैंटीन गए l. हम अभी बैठे ही थे, की हमारी नजर सोनू के हाथ पर गई l. जिसमे इंगेजमेंट रिंग डाली थी l. जिसे देख हम हैरान रह गए l.
हम ने सोनू को पूछा, तो उस ने बताया की ," हा ,मेरी इंगेजमेंट होगी हैं l "


"जो इंसान गुस्सा जताते नहीं ,
उन का गुस्सा ,
उनके आँसू में झलकता है l"


ये सुन प्रीत की आँख से आँसू झलकने लगे , जो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे ..

सोनू ने अपने आप को सही बताने के लिए बताया , की उसकी फैमिली ने लड़की पहले ही देख रखी थी , मुझे तो अभी पता चला l. लड़की उसके रिश्तेदारी मे से ही है , इसलिए वो मना नहीं कर पाया ..

हमने उसकी बातें सुनी.. बस चुप कर हम घर चल दिये l प्रीत का बुरा हाल था l .. वो बहुत गुस्से मे थी, की सोनू एक बार बता तो देता l. अपनी फैमिली से बात तो करता .. बस वो कुछ बोल नहीं रही थी l


"माचीस की तीली जब जलती है
तब पहले खुद को जलाती है
उसी तरह गुस्सा मे लिया फैसला
पहले खुद, उसी इंसान को जलाता है "


यहीं करा प्रीत ने अपनी ज़िन्दगी मे , गुस्से मे लिया एक गलत फैंसला lआखिर प्रीत ने गुस्से मे अपनी ज़िन्दगी का सब से बड़ा फ़ैसला लिया l. बिना कुछ सोचे समझे ,.उसने ज़िन्दगी की सबसे बड़ी गलती करी थी l

प्रीत ने सोनू का गुस्सा अपनी ज़िन्दगी पर उतार लिया l ५ दिन बाद प्रीत ने भी इंगेजमेंट करवाली थी l

प्रीत और रोहित की मैरिज होगी l. प्रीत ने रोहित को सोनू के बारे मे कुछ नहीं बताया था l प्रीत के दिल मे आज भी सोनू होने के कारण , प्रीत रोहित से अच्छे रिलेशन नहीं बना सकी l जिस के कारण प्रीत को अपने सुसराल में बहुत अत्याचार सहने पढ़े l.

अभी इस दर्द मे प्रीत चल ही रही थी, कि उसकी ज़िन्दगी को दुखो ने घेर लिया l उसकी ज़िन्दगी मे अब दुखो ने अपनी जगह बनाली थी l

शादी के बाद प्रीत अपने भाई के साथ अपने घर रहने आई l उसका भाई उसे घर छोड़ अपने काम पर चला गया l शाम को घर पर ख़बर मिली , की प्रीत के भाई को करंट लगा , उसे हॉस्पिटल लेकर गये है l .प्रीत हॉस्पिटल गई l सारी फैमिली का बुरा हाल हो गया l एक ही भाई था ,जिस के लिए सब दुआ कर रहे थे, की सही हो घर आ जाये l पर भगवान की मर्जी के आगे किसकी चली है l वो भगवान को प्यारा हो गया l सारा घर टूट गया l एक बेटा था, वो भी चला गया l

उधर प्रीत के बच्चा ना होने के कारण सब दुखी रहते थे l प्रीत का पति रोहित हर रोज प्रीत को गालियाँ देने लगा l उसके अत्याचार दिन-बे-दिन बढ़ते गये l. वो प्रीत का हर जगह अपमान करने लगा l उसे प्रीत के दुःख से कोई मतलब नहीं था l रोहित के मन मे प्रीत के लिए बस नफ़रत भरी पढ़ी थी l

इस बीच प्रीत के पास बेटा हुआ ,जिस के आने से लगा, की अभी सब सही हो जायेगा l पर ऐसा कुछ नहीं हुआ l प्रीत की दादी ,जिस ने प्रीत के मम्मी पापा को संभाल रखा था , घर के बाहर ही उसकी दादी का एक्सीडेंट हो गया और वो भी भगवान को प्यारे हो गये l फिर कुछ टाइम बाद दादा जी भी भगवान को प्यारे हो गये l अभी प्रीत के घर उसकी मम्मी भी ज्यादा बीमार रहने लगी l

प्रीत के दुखों से अब रोहित को कोई फरक नहीं पढ़ रहा था l उसके अत्याचार और भी ज्यादा बढ़ते गये l प्रीत रोहित के बारे में अपने मम्मी पापा को कुछ नहीं बता रही थी , क्योकि वो अपने मम्मी पापा को और दुख नहीं देना चाहती थी l इसलिए सारी ज़िन्दगी अपने पति के अत्याचार सहती रही l

प्रीत का उसका गुस्से मे लिया एक फैंसला, उसकी ज़िन्दगी को बर्बाद कर गया l


गुस्सा आये तो पहले थोड़ा रुको ,
गुस्से के परिणाम के बारे मे सोचो ,
फिर कोई फैंसला करो l


गुस्से मे लिया फैंसला ज़िन्दगी बदल देता है l व्यक्ति जिस पर भी गुस्सा दिखाता है , बुरा उसका नहीं, उस व्यक्ति का ख़ुद का बुरा होता है l गुस्से से भरा व्यक्ति निर्णेय लेने मे गलती करता है , उसे सही गलत का भेद समझ नहीं आता l गुस्सा मनुष्य के पतन का रास्ता है ,जो वो स्वयं निर्मित करता है l

To be continued...☺️

Please give me, your valuable rating 🙏☺️

Thanku so much 🙏🙏

Navita 🎼