लव v s lust - 1 TGAP द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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लव v s lust - 1

प्यार बहुत दर्द देता हैं


मेरा नाम आदित्य (23 साल) है और मेरी गर्लफ्रैंड का नाम प्रिया(23साल) है ।
हम
पाँच साल से साथ है । मैं जानकारी के लिए बता दु मैं बहुत गंदी सोच वाला हु । मेरी हवस की वजह से मैंने बहुत कुछ खोया । उसमे से थी मेरी प्रिया। वैसे तो मैंने सब कुछ कर लिया है जैसे कि उसके साथ गले लगना ,किस करना सब कुछ जो आप इमेजिन कर सकते है बस वो नही किया जिससे हम सेक्स कहते है ये सब्द मानो क्या बोल दिया मैंने, अब तो कोई मुझे अच्छा नही समझेगा । चलिए मैं अपने मुद्दे पर आता हूं ।
आज आपको अपनी लाइफ का एक किस्सा सुनाना चाहता है।
एक दिन उससे मिला
मैंने प्रिया से बोला -सुनो मैं एक बात कहना चाहता हु ,
प्रिया बोली -क्या
मै- मेरा करना चाहता हु वो
प्रिया -क्या वो सही से बोलो । तुम पता नही कब एक बात को ढंग से बोल पाओगे । तुमारी आदत ही नही जा री है यार फिरसे मेरी तरफ देखती हुए बोली क्या करने को बोल रे थे
मैंने (मन ही मन डरते हुए )- धीरे से बोला

सेक्स!

वो अब एक दम सी चुप उसके चेहरे पर एक गुस्सा और एक उदासी दोनो आ गयी । हम पांच साल से साथ है मैं प्रिया को पढ़ सकता हूं । मैं जानता हूं वो क्या सोच रही है प्रिया बहुत सीधी लड़की है उसके पापा नही है उसके घर मे 3 लोग है एक वो एक उसका भाई और उसकी माँ जो कि हार्ट पेशेंट है ।प्रिया घर का खर्च ट्यूशन पढ़ा पढा कर चला रही है । माँ बीमार रहती है तो माँ कुछ भी नही कर सकती सिवाय घर के छोटे मोटे काम , प्रिया रात भर पढ़ती थी । वो एक गवर्मेन्ट जॉब पाना चाहती थी उसने कभी किस तक के लिये हा नही किया लेकिन सिर्फ मेरी खुशी के लिए उसने वो भी किया उसे नही पसंद था मेरा उसके सीने मे हाथ रखना
फिर भी वो कुछ नही बोलती थी क्योंकि वो मुझे खोना नही चाहती थी । अब आप समझ गए होंगे मैंने खुद को गंदा इंसान क्यों कहा था ।

अब आगे ,


प्रिया-बिना कुछ जबाब दिए ही चुपचाप अपना बैग उठायी और मॉल से चली गयी ।
मैंने मन मे सोचा मैं अब सब तोड़ दूंगा ये कभी हा नही करती है । और वहां से घर पहुचते ही गुस्से मे मैंने ऑनलाइन सर्च किया "कॉल गर्ल इन लखनऊ".
फिर फ़ोन उठता है
मैंने डरते हुए बोला "सर्विस" (पता नही क्यों मैं डर रहा था शायद मेरे मन इन चीजो को सही होने की गवाही नही दे रहा था । लेकिन एक सब्द से ही मैंने अपने मन की बात कह दी )

एजेंट- हा सर् ,बताइये कहा चाइये, कितने बजे ,
मैं-मुझे समझ नही आ रहा था क्या बोलू मैं चुप था तो मैंने हड़बड़आहट के साथ बोलने ही वाला था कि .....
एजेंट- सर् मेरा ये व्हाट्सएप नंबर है इसमें हेलो भेजिए मैं आपको स्टाफ की फ़ोटो भेजता हु
फ़ोन कट हो गया
मैंने तुरंत उसका नंबर सेव किया
व्हाट्सएप पर चैट

मी- हेलो

उसने तुरंत बहुत सारी फ़ोटो भेज दी

एजेंट-सर् बताये कौन सी ,
मैं-फ़ोटो सारी डाउनलोड हो रही थी , और मैं देखे जा रहा था सबको लगभग ये 10 -12 होंगी , लेकिन मुझे कोई नही अच्छी रही थी सब प्रिया से कम ही थी, अरे उसके बारे में क्यों सोच रहा हु
मुझे कुछ समझ नई आ रहा था
एजेंट-सर् बताये,
मी- मैने एक ऐसी सेलेक्ट कर के भज दी
एजेंट -सर् ,कब चाइये
मैं बहुत परेशान था कि मैं ये सब क्या कर रहा हु मैंने कुछ जबाब नही दिया और डेटा ऑफ करके रख दिया

मैं बिस्तर पर लेटे प्रिया के बारे में सोच रहा था ।आज तो पढ़ने में भी मन नही लग रहा था
मैंने प्रिया को कॉल किया उसने नही उठाया फिर किया उसने कट कर किया फिर किया फिर कट कर दिया मुझे गुस्सा आने लगा कि वो मेरा फ़ोन क्यों काट री है
(कभी उसके फ़ोन काटने से ही मैं समझ जाने वाला की
की वो क्या कर रही होगी , वास्तव मे उसका ट्यूशन पढ़ाने का टाइम था फिर भी
मैं गुस्सा हो गया मैं सोचने लगा अपने आप को वो समझती क्या है?
फिर से उसी एजेंट का मैसेज पड़ा था नोटिफिकेशन मे सर् कब चाइये...