Who Guilty ? - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

गुनाहगार कोन ? - 2


आशा करता हुं आपको गुनाहगार कोन ? का भाग एक जरूर पसंद आया होगा । चलो शुरूआत करते है इसके दुसरे भाग की जो इस पंथ/संगठन के कुछ मौलिक घटक की जानकारी लेंगे । हमे यह समझने मे आसानी होगी के आखिर यह तबलिगी जमात है क्या ? और क्या काम करती है हम इसे को समझने के लिए दो विभागों मे बाटेंगे, जिससे हमे समझने मे आसानी हो ।

1) ■ तबलीग जमात

(इस जमात के बारे मे विस्तृत जानकारी)

2) ■ मिडीया ट्रायल

(क्या हमे जो सच था वह दिखाया गया ?




1) ● अब हम जानने की कोशिश करेंगे की यह तबलिगी जमात है क्या ?


जमात का अगर हम मतलब तलाशें तो इसका मतलब हमारे हिंदी भाषा मे हम समुह या वर्ग ऐसा मतलब निकाल सकते है । तबलिगी जमात दिन-ए-इस्लाम का एक बहोत बड़ा हिस्सा है, इसके चाहने वाले पुरी दुनिया मे फैले हुए है और खास कर एशियाई देशों मे इस जमात के बड़े तादाद मे चाहने वाले/ताल्लुक रखने वाल मिल जाएंगे । तबलिगी पंथ वाले इसे कोई फिरका या पंथ नही मानते लेकिन इस्लाम मे जो बाकी पंथ है, इसे पंथ/फिरका ही मानते है और इनसे विवाद ही चलता है और इनसे घृना भी करते है ।

इस पंथ से जुडे हुए तक़रीबन 60 से 70 करोड़ लोग पुरे दुनियाभर मे मौजूद है, जिसमे हर वर्ग का व्यक्ति शामिल है । इस्लामी मान्यताओं अनुसार यहाँ किसी को छोटा बडा नही समझा जाता और एक ही सफ मे सबको गिना जाता है, इसलिए इसमे अनेक वर्ग के लोग जुड़ते है ।

(डाँक्टर, वकील, शिक्षक, किसान, ऐसे वर्ग के अनेकों लोग)

"अगर किसी को किसी की बुराई ही करनी है तो उसकी अच्छी चिजों मे भी बुराई ढुंढ लेने की कलाएँ लोंगो के अंदर मौजूद होती है ।"

सबसे पहले इस जमात को समझने के लिए हम इसकी जो शुरुआत हुई है वह अगर समझ ले तो हमे और आसानी होगी ।


निर्माण :

इ.स. 1926 मे मौलाना इलियास सहाब (रह.) ने इसकी शुरुआत की और इनके शुरूआत के दिनो मे जब समाज बिखरा पढ़ा था तब इन्होंने अपनी प्रॉपर्टी बेचकर लोगों को शिक्षित करने का काम किया । इनके बारे मे यहाँ तक कहा जाता है के ( जो इनके बड़े शिक्षक वह कहते है) इन्होंने लोगों को शिक्षा लेने के लिए पैसे तक दिए । समाज झुट, नफरत, ऐसी अनेक बीमारियों के गिरफ्त मे जा चुका था तब उन्होंने समाज को मानवता की जो बेसिक शिक्षाएं है उसका ज्ञान देकर समाज से यह बुराइयाँ मिटाने की कोशिश की ।

बस कुछ सालों के जमीनी मेहनत के बाद इस जमात का पहला सम्मेलन ( सम्मेलन क्या है आप आगे जानेंगे) 1940 मे हुआ तब इसमे 25 हजार लोग शामिल हुए थे । जो आज तक बिना कोई रूकावट या परेशानी से पुरे दुनियाभर मे होता आ रहा है । ना इस पर किसी मुल्क ने आपत्ति जताई है और ना ही कोई ऐसी बात सामने आई है, जिससे किसी को आपत्ति हो ।

इस सम्मेलन मे या पुरे तबलीग जमात मे किसी को भी, किसी और धर्म, राजनीति, राजनेता, या किसी मुल्क के खिलाफ एक शब्द तक नही बोलने की इजाज़त नही मिलती या बोला ही नही जाता बल्कि मनुष्य को सही रास्ते पर चलना सिखाया जाता है ।

इस समुह का ताल्लुक देवबंद से है जो उत्तर प्रदेश मे है, जो की दुनिया के सबसे बडे इस्लामिक शिक्षाओं का घर है । मानो उसी विचारधारा का एक अटूट हिस्सा तबलिगी जमात है । तबलिगी लोग देवबंद से निकली विचारधारा, संत को मानते है, लेकिन देवबंद के अभी के कुछ उलेमा/शिक्षक इनमे थोड़ी बहोत दूरियां आ गई है । यह बस कुछ बातों को लेकर तक़रार है लेकिन दोनों के विचार काफ़ी मिलते-जुलते है ।

इसके बाक़ी हिस्सों को जानकर आप समझ जाएँगे के मानवता के लिए और धार्मिक हिसाब से यह जमात कैसी है ।

हम एक धार्मिक संगठन/पंथ के बारे मे जान रहे है तो बेशक इसमे धार्मिक बातें तो आएंगी ही लेकिन उसके साथ वह मानवता जिंदा रखने के लिए क्या प्रयास करते है यह भी आप जान सकेंगे ।


(जारी रहेगा...)

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