प्रेम - दर्द की खाई (भाग- 5,6,7,8,9) प्रवीण बसोतिया द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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प्रेम - दर्द की खाई (भाग- 5,6,7,8,9)


5. दर्द की खाई
मम्मी पापा ने रणवीर को अमेरिका (USA) भेज दिया। मगर रणवीर की जिंदगी वहाँ जाकर ठीक होगी या नहीं इस बात का कोई गारंटी नहीं थी। मामा जी के घर जाने के बाद उसने एक दिन तो अच्छे से गुजारा ,दूसरा दिन उसने मैखाने में ही गुजारा ।प्यार से छुटकारा पाना अगर इतना आसान होता तो लोग आत्महत्या करना जरूरी नहीं समझते। रणवीर के पापा ने मामा जी के पास फ़ोन लगाया । हेलो, कैसे हो प्रेम। ठीक है जीजा जी । रणवीर पहुँच गया । सही सलामत आप फिक्र न करें। रणवीर के पापा कहते है। उसका तुम पूरा ध्यान रखना वो शराब का आदि हो चुका है। यहाँ तो वो खुद को पूरी तरह से बर्बाद करने पर लगा हुआ था। तुम्हारी बहन हो मैं तो थक चुके है । जीजा जी आप परेशान न हो। अब वो मेरे पास है तो उसकी तरफ की फिक्र छोड़ दो। ठीक अब मैं फ़ोन रखता हूं रणवीर आ गया है। फ़ोन बन्द करने के बाद मामा जी सीधा रणवीर के पास जाते है। वो पूरी तरह शराब में बेहोश है। उसके मामा उसे पकड़ कर सोफे पर बिठाते है। और कहते है बेटा रणवीर ।रणवीर हल्की सी आवाज में बोलता है है मामा जी बोलिये।। बेटा तुम मेरी बात नहीं मानोगे। मगर मुझे फिर भी अपनी बात तुमसे कहनी है। क्योंकि मेरे दिल को सुकून तभी मिलेगा जब मैं तुमसे अपने दिल की बात कहूंगा। देखो बेटा हर किसी की अपनी एक ज़िन्दगी होती है। इसे जीना या बर्बाद करना हमारे हाथ में होता है। तुम इस तरह से पीकर आये हो। क्या बात है। क्या तुम्हें कोई तकलीफ है अगर तुम्हें तकलीफ है भी तो इस तरह तुम्हारे जख्म भर नहीं जायेंगे। रणवीर रोते हुए कहता है। मुझे नहीं पता ,भरेंगे या नहीं बस मुझे शराब पीने के बाद कुछ भी याद नहीं रहता।
मामा जी उसकी ऐसी हालत से बहुत परेशान और दुखी हो जाते है
मामा’ तुम मेरी एक बात मानोगे, अगर तुम अपनी जिंदगी में खुश रहना चाहते हो, रणवीर मामा जी की बात को काटते हुए कहता हैं। मामा जी मैं खुश नहीं रहना चाहता । वो रोते हुए गुस्से से चिल्ला कर कहता है। और ये बात बोल कर वो बड़बड़ाते हुए दरवाजे से बहार की तरफ चला जाता है। और वन्दू को याद करने लगता है उसका नाम लेने लगता हैं खुद से बात करते हुये , वन्दू मामा जी कहते है। खुश रहना है तो ,तुम ही बताओ मैं आखिर खुश कैसे रह सकता हूँ। मैं तो ऐसा सोच भी नहीं सकता।
गांव में, वंदना अपने घर के काम करने व्यस्त है। वो काम कर रही है मगर उसके चेहरे पर उदासी के काले बादल छा रखे है। वो सोच रही है कहीं पर उससे कुछ गलत तो नहीं हो गया। एक वक्त के लिए उसे रणवीर की याद आती है। बो हैरान हो जाती है आखिर उसे रणवीर का ही ख्याल क्यों आया। वो ये बातें न सोच कर अपना ध्यान पढ़ाई में लगाने की कोशिश करती है।
मगर पापा से उनकी और माँ की कहानी सुनकर वंदना के दिल में प्यार के लिए जगह बन चुकी होती है और वो जगह खाली होती। कभी उसे बहुत ज्यादा अकेलापन महसूस होता। मगर वो खुद को समझ भुजा कर अपने दिल को सहानुभूति दे देती
उसके इस व्याकुलता से वो विचलित होने लगी । वो सोचती आखिर पहले उसके साथ इस तरह कभी कुछ नहीं हुआ । फिर एक दम से क्या हो गया।
दूसरी और रणवीर वंदना को भुलाने की कोशिश कर रहा था । उसकी यादों से भाग रहा था ।वो सिर्फ इतना चाहता था वंदना उसे कभी याद न आये। पूरी तरह भूलने की कोशिश करने लगा। उसका दिल था , जो उसे भूलने नहीं देता था। वंदना जैसे उसकी रूह में समा चुकी थी।
एक दिन जब वो बीयरबार में शराब पीने गया। वो शराब पीने में पूरी तरह से घूम था। तभी उसके पास एक गौरी मैडम आई । उसने रणवीर को हेलो कहा। मगर रणवीर ने कोई भी जवाब नहीं दिया। उस लड़की ने दुबारा हेलो कहा । रणवीर ने हल्का सा घुमा और फिर पीने में व्यस्त छप गया। वो फिर से बोली हेलो,, रणवीर थोड़ा सा मुस्करा कर नशे वाली हालत में ’हाय, बोलता है। वो इंग्लिश में कहती है मैं ,मैली, हुँ। रणवीर उसे कहता है मुझे इस दुनिया मैं कुछ गिने चुने लोग रणवीर कहकर बुलाते है मैली थोड़ा सा मुस्करा कर बोलती है। आपका नाम काफी अच्छा है
रणवीर उसे थैंक्यू बोलता है। ‘मैली’ मैं आपके स्टोर में आती रहती हूँ। ‘रणवीर, वो मेरा स्टोर नहीं है मैं सिर्फ वहां जॉब करता हूं। ,मैली , मुझे तो लगता है जैसे आप वहाँ के मालिक है। ,रणवीर , वो मेरे मामा जी का स्टोर है।
मैली , मैं आपसे बात सिर्फ इस लिए करना चाहती थी। क्योंकि आप मुझे काफी रोचक लगे। रणवीर उसकी बात सुनकर हँसने लगता है। मैली रणवीर को हँसता देख मुसकरा रही। रणवीर एक दम से चुप हो जाता है। और फिर पीने लग जाता है। मैली कुछ बोलने लगती है मगर रणवीर उससे कहता है। पैग पीना चाहोगी। ‘ मैली, हां क्यों नहीं । और गर्दन हिलाते हुए ओके बोलती है। फिर वो दोनों शराब पीने लग जाते है उस दिन रणवीर मैली के साथ कुछ ज्यादा ही शराब पी लेता है। उसको होश नहीं होता। फिर मैली उसे अपने घर ले जाती है। रणवीर नशे में पूरी तरह से मदहोश होता है। मैली उसे बेड पर लिटाती है। उसे लिटाने के बाद मैली एक दम से उसे चूमना शुरू कर देती है। रणवीर उसका विरोध करता है। नशे की वजह से उसका अपने शरीर पर कोई नियंत्रण नहीं होता । वो उसके साथ सो जाती है। सुबह जब रणवीर की आँख खुलती है। तो मैली उसके सामने होती है। रणवीर हैरानी से पूछता है । मैं यहां कैसे आया , क्या तुम मुझे यहाँ लेकर आई हो। मैली डरती हुई। क्षमा कीजिये। आप इतने नशे में थे मुझे आपको ऐसे छोड़ना अच्छा नहीं लग रहा था। इस लिए मैं आपको अपने साथ अपने घर ले आई। ‘रणवीर’ मुझे मेरे कपड़े दो मैं अभी यहाँ से जाना चाहता हु। मैली उसे कहती है क्या तुम काफ़ी पीना चाहते हो। रणवीर उसे साफ ही मना कर देता है। और अपने कपड़े तेजी से पहनता है और सीधा स्टोर पर जाता है। जैसे ही स्टोर पर जाता है उसके मामा जी उसपर गुस्सा करने लगते है। ,मामा जी , रात भर तुम कहा थे। फोन करना भी तुम्हें जरूरी नहीं लगा। पता है मैं कितना परेशान था। रात भर कहा -कहा नहीं ढूंढा तुझे। आखिर तुम इतने लापरवाह कैसे हो सकते हो। ,रणवीर नीचे गर्दन करके बोलता है मुझे माफ़ कर दो मामा जी आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा। और वहाँ से चला जाता। शाम को वो फिर बीयरबार जाता है। मैली फिर उसके पास आती है। रणवीर उसे देखते ही जाने लगता है। मगर मैली उसका हाथ पकड़ कर रोक लेती है। ,मैली, मुझे कल रात के लिए तुमसे माफी मांगनी है। मैं तुम्हें देख कर बहक गयी थी। और वो सब हो गया।
रणवीर, कोई बात नहीं , मुझे वैसे भी कुछ याद नहीं। मैली उसे थैंक्यू बोलती है। रणवीर उससे पूछता है क्या तुम इतने बड़े घर में अकेली रहती jहो। मैली कहती है मेरी किस्मत में शायद अकेले रहना ही है। तुम इस वाक्य पर बात न ही करो तो अच्छा होगा। ,रणवीर, तुम शादी शुदा हो। ,मैली, हां मगर पिछले महीने ही मेरा तलाक हुआ है। रणवीर कोई वजह रही होगी। मैली उसका किसी और लड़की के साथ अफेयर चल रहा था। जब मुझे ये ओट चली तो मैंने उसे तलाक दे दिया। उस आदमी ने सिर्फ दौलत के लिए मुझसे शादी की थी ।प्यार तो उसने मुझे कभी किया ही नहीं। जिसे प्यार समझ कर मैं उसे अपनी ज़िंदगी समझ रही थी। वो असल में उसका मतलब था।। रणवीर उसके थोड़े से करीब आता है और सॉरी बोलता है। मैली बोलती हैं कोई बात नहीं। एक दम से रणवीर के होंठों को चूम लेती है। रणवीर उसके भावुक होने के कारण उसे कुछ बोल नहीं पाता। फिर वो उसे अपने घर ले जाती है और ऐसा हमेशा होने लगा। शराब पीने के मैली रणवीर को घर ले जाती। रणवीर को अच्छा लगता क्योंकि जब वो मैली के साथ होता ।तो उसे वंदना की याद कभी परेशान नहीं करती। मैली और रणवीर में काफी गहरी दोस्ती हो गयी थी। रणवीर मैली की दोस्ती से काफी हद तक ठीक हो गया था। और अब काफी अच्छा महसूस करने लगा था। उसके इस बदलाव से मामा जी भी खुश थे। वो कब तक ठीक है ये बात रणवीर भी नहीं जानता था। रणवीर को मैली से प्यार नहीं था । वो सिर्फ उनकी दोस्ती थी। मैली को जरूरत थी एक ऐसे साथ कि जो उसके जीवन के खाली पन को भर दे। मैली अच्छी तरह से जानती थी। रणवीर उसे प्यार नहीं करता है। वो दोनों सिर्फ अपनी जरूरत पूरी कर रहे है।
मामा जी को लगा शायद रणवीर अब ठीक हो गया। है उसे वापिस इंडिया भेजना चाहिए। और वो रणवीर से बात करता है । जाने की बात सुनते ही रणवीर परेशान हो जाता। उसे फिर से वंदना याद आने लगती है उदास मन से कहते हुए। मामा जी क्या मैं यहाँ नहीं रह सकता। मामा झूठे खुशी का भाव चेहरे पर लाकर बोलते है। क्यों नहीं बेटा ये तेरा ही घर है। मैं तो तुझे इस लिए बोल रहा हूँ। तेरे माँ बाप तुझे बहुत याद कर रहे है। वो अपने मामा जी की बात काटते हुए बोलता है। मुझे भी उनकी याद आती है मैं बस थोड़े से दिन और यहाँ चाहता हूं। प्लीज मामा जी और उसके मामा जी मान जाते है मगर वो दिल से नहीं मानते। वो ऊपर के भाव से रणवीर को है बोल देते है। रणवीर पूरी तरह से उदास होकर वहाँ से बहार निकलते ही कार मोड़ता है और पूरी स्पीड के साथ कार चलाते हुए मैली के पास जाता है। जाते ही उसे चूमना शुरू कर देता है। रणवीर के चेहरे पर दुख और आंखों में आँसू है। मैली उसकी आँखें देख कर उससे पूछती है मगर रणवीर मैली को कुछ भी पूछने से मना कर देता है। थोड़ी देर बाद वो बैठ कर रोने लगता है। मैली उसे चुप करवाती है। रणवीर रोते हुए बोलता है आखिर मुझे उसकी याद क्यों आती है जिससे मैंने कभी बात तक नहीं कि क्यों वो मुझे याद आती है। मैली उसे ऐसे देखकर परेशान हो जाती है उसके दिल में रणवीर को खोने का डर आ जाता है। वो रणवीर के बाल सहलाते हुए बोलती है। अकसर ऐसा होता है प्यार की कुछ भावनाएं हमारे दिल के भीतर डूब जाती है जिन्हें सँभालना हमारे लिए मुश्किल हो जाता है फिर चाहे इस में कोई दूसरा इंसान हो या नहीं ।ये भावनाएं सच्ची होती है। ऐसी भावना में इंसान कोई फैसला नहीं ले पाता और डूबता चला जाता है। वो तब तक गहराई में डूबता चला जाता है जब तक कोई ऊनी भावना की डोर से उसे पकड़ न ले। कई बार इंसान पूरा डूब जाता है उसे बचाना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे लोगों को दुनिया इसके लोगों से कोई भी फर्क नहीं पड़ता, ऐसे लोग हमेशा अकेला रहना पसंद करते हैं उनका पूरा दिन सोचने में ही खत्म हो जाता है मुस्कराना तो पूरी तरह भूल जाता है। रणवीर उसकी बातों को पूरे ध्यान से सुनता है । और उसे धन्यवाद बोलता है मैली तुमने मुझे गहराई में जाने से बचा लिया। मैली उसकी आँखों में देखती है मैंने तुम्हें और तुमने मुझे बचाया है। और हल्का सा उसकी गाल पर चूम लेती है। रणवीर फिर वंदना को भूलने की कोशिश करता है मैली ने उसे गहराई में जाने से तो बचा लिया मगर वो उसे बहार नहीं निकाल पाई। आज मैली ये बात जान चुकी थी। वो दोनों ही उस खाई में लटके हुए थे दोनों ही खाई में न गिर जाए इसलिये दोनों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ा हुआ था मैली आज से पहले कभी नहीं रोई थी मगर आज मैली अपने आंसू नहीं रोक पाई ।वो रणवीर के गले लग कर रोने लगी। और एक ही बात को दोहराए जा रही थी मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूँगी । मैली के आँसू साफ- साफ ये बयान कर रहे थे । वो रणवीर को चाहने लगी है। परंतु वो इस बात को रणवीर से छिपाना चाहती थी। वो बस रणवीर के दिल से वंदना को निकालने का प्रयास कर रही थी। ताकि रणवीर खुशी से रहे। शायद प्यार में सब कुछ मुमकिन नहीं है प्यार एक ऐसा अहसास है। जब तक आपके पास है आपको सुकून है ये दुनिया आपके लिए स्वर्ग है और जैसे ही आपसे दूर हुआ। इसका दर्द इंसान की हर तकलीफ में सबसे ऊपर है बहुत लोग दर्द नहीं सहन कर पाते ।और इस दुनिया से दूर चले जाते है। और जो दर्द को सहन कर लेता है उसे लोग कहते है शायद ये उसे भूल गया। रणवीर वंदना को कभी नहीं भूल पाएगा ।ये बात वो नहीं जानता था। उसकी हर दिन एक कोशिश होती। वो अपना दिन पूरा व्यस्त होकर गुजारने लगा। मैली उसे हमेशा खुश रखती । अब उसने मामा के घर आना बहुत कम कर दिया मामा ने उससे पूछा तो उसने कहा ।वो आपकी हर बात मान लेगा ।बस उसे कुछ समय चाहिए। मैली उसे बहुत प्यार करने लगी थी। वो इसका अंजाम जानती थी अगर रणवीर वापिस इंडिया चला गया तो उसकी जिंदगी नरक से भी गंभीर होने वाली है मगर प्यार करने वाले अंजाम की फिक्र नहीं करते उनके लिए प्यार से बढ़कर कुछ होता ही नहीं।
मैली एक समझदार औरत थी। वो खुद की कभी फिक्र नहीं करती पूरा दिन वो रणवीर के बारे में सोचती । शाम को जब वो स्टोर से आता तो उसे शराब पीने नही देती ।वो हमेशा एक बीवी की तरह उसपर हक जताती । रणवीर उसे सिर्फ एक दोस्त समझता था। मैली उसके साथ खुल कर समय दे रही थी अपनी ज़िंदगी में आनंद लाने के लिए वो नई चीज़ें करती ताकि रणवीर खुश रहे ।वो उसको ये कभी नहीं पता चलने देती की वो भी उसकी याद रोती है उसके दिल बस इस बात से कांप जाता ।कि रणवीर अगर इंडिया चला गया तो वो कैसे जियेगी । मैली ने शराब पीना बन्द कर दिया। रणवीर ने इसकी वजह पूछी तो वो हँसने लगी। वो कहने लगी। अब मुझे शराब की जरूरत नहीं खलती मेरे हर जख्म का मरहम तुम बन गए हो। रणवीर समझ गया था मैली उसे चाहने लगी है वो परेशान होकर वहाँ से बहार चला जाता है। रणवीर बहार जाकर सोचता है क्या वो ये सब ठीक कर रहा है। थोड़ी देर बाद वो अंदर जाता है तो वो देखता है मैली शराब पी रही है। वो उसे देख कर परेशान होता है और पूछता है क्यों ऐसे कर रही हो। वो नशे में हो चुकी थी। तुम ऐसा क्यों कर रहे हो रणवीर क्या तुम्हें मेरी चाहत मेरी भावनाओं का समंदर नजर नहीं आता। जो सिर्फ तुम्हारे लिए बहता है देखो मैली तुम अच्छे से जानती हो। मैं सिर्फ तुम्हें अपना सबसे अच्छा दोस्त मानता हूं। वंदना के बाद मुझमें इतनी हिम्मत नहीं रही मैं अपने टूटे हुए दिल के टुकड़ों को जोड़कर तुम्हें दुँ। देखो तुम ये शराब पीना बन्द कर दो अब। मैली हस्ती है वो कहती है। जब तुम वंदना को प्यार करने लगे ।वो तुम्हें नहीं करती थी। तो तुमने उससे दूर जाने के लिये ।शराब की शरण ली देखो आज मेरे साथ भी वैसा ही कुछ हो रहा है। वो धीरे से उसके पास आती है उसकी आँखों में आँसू होते है। और कहती है मैं तुमसे शादी करना चाहती हुँ। अपनी जिंदगी तुम्हारे साथ बिताना चाहती हुँ । रणवीर उसकी हालत देख कर रोने लगता है। मैली ह हमारे बीच जो भी हुआ ।वो सब क्या था मैं नहीं जानता ।मैं वो सब नहीं करना चाहता था मेरे दिल में तुम्हारा दर्द भी था मैं तुमसे जब मिला तो मुझे तुम्हारी आंखों में तड़प दिखी मैंने तुम्हें स्टोर ओर ही नोटिस कर लिया था तुम मुझसे कुछ चाहती हो। और मैं बहकता चला गया तुम्हारे साथ मैं अपने सारे गम भूल जाता। मुझे भी अच्छा लगने लगा था। मैली तेज रोने लगती है। रणवीर उसे चुप करवाता है। वो उसके कंधे पर अपना सिर रख कर कहती है मैं तुम्हें शादी के लिये नहीं कहूँगी । क्या तुम मुझे अपने बच्चे की माँ बनने का अवसर दे सकते हो। क्या तुम मुझे प्रेग्नेंट कर सकते हो। मेरे पास जीने के लिए कोई तो वजह हो। रणवीर उसे देखता है और कहता है तुम अभी होश में नहीं हो। मुझे माफ़ कर दो मैं तुम्हारा दर्द समझ सकता हूँ। पर शायद ये ठीक नहीं होगा। मुझे इस बात का खुद पर बहुत गुस्सा आ रहा है मैं तेरे लिए कुछ नहीं कर पा रहा हूँ। वो उसे गले लगा कर माफी मांगता है । और घर चला आता है। मैली को वो दर्द अब दिखने लगता हैं जिस दर्द से वो डरती थी। दर्द की खाई में रणवीर का हाथ अब छूटने लगता है। वो चाह कर भी कुछ नहीं कर पाती। रणवीर दुखी उदास मामा जी के घर पहुंचता है। मामा जी उसे देखकर पुछते क्या बात है बेटा इतने उदास क्यों हो। रणवीर अपने और मैली के बारे में बताता है। मामा जी मैली के बारे में न सोचकर रणवीर को सही कहते हुए फैसला देते हैं और कहते है बेटा गोरों के प्यार कुछ समय के लिए ही होता है।
अगर तू उस लड़की दूर चला गया तो वो तुझे भूल जाएगी। और उसे कोई और मिल जायेगा। मामा मैली ऐसी लड़की नहीं है। जो किसी को भी अपनी ज़िंदगी में आने दे । वो एक समझदार लड़की है उसे रिश्तों की समझ है। एक काम कर तू कुछ दिन इंडिया घूम आ अगर मैली ज्यादा परेशान हुई तो मैं तुझे बता दूंगा फिर तू आ जाना। मगर तुम उसे किसी भी तरह का कोई कॉन्टेक्ट नहीं रखोगे। फोन E-मेल कैसे भी तुम उससे बात नहीं करोगे। मामा जी वो अपनी फीलिंग रोक नहीं पाएगी। और खुश नहीं रहेगी। न चाहते हुए भी मामा की बात मानकर वो मैली को बिना बताये इंडिया वापिस आ जाता है। मैली 2 दिन बाद मामा के घर जाती है। ताकि वो रणवीर से माफी मांग सके और पहले जैसे रहे। वो सोच रही थी दोस्त जैसे ही कम से कम वो दोनों साथ तो रहेंगे। मगर उसके मामा मैली को बुरा भला सुना कर बेइज़्ज़त करके भगा देती है। वो उसे वैश्य तक बोल देते है। और वो रोती हुई चली जाती और अब मैली उस दर्द की खाई में गिर जाती है। रणवीर मामा जी मैली के बारे में जब भी पूछते । मामा का जवाब होता वो खुश है उसके बाद मैली का हर दिन शराब में डूबा रहता । उसे मर्दों से नफरत हो गयी। खुद से घिन करने लगी। वो उस खाई में पड़ी बस ये सोचती कभी तो रणवीर आएगा उसे यहाँ से निकाले गा।







6. वंदना की दोस्ती
वंदना को कालेज में एक साल हो चुका था वो अपनी पढ़ाई को लेकर हमेशा चिंता में रहती थी वो अपने पापा के दुख दर्द को भली भांति जानती थी उसका मकसद सिर्फ अपने पापा की मेहनत का फल देना था। वो रात- रात भर जगा करती पढ़ाई का जैसे उसे नशा हो गया हो। उसकी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा अब नजदीक थी हर एक विषय की उसने बहुत अच्छे से तैयारी की थी। पापा के कहने पर भी वो किताब नहीं छोड़ती थी। जैसे वो किताबों बिना कुछ नहीं थी । परीक्षा से 10 दिन पहले वो बाजार से कुछ समान खरीद रही थी तब उसे रणवीर दिखाई दिया।
मगर रणवीर ने वंदना को नहीं देखा। वंदना को लगा वो उसका दुबारा पीछा करने लगा है। वंदना के दिल में रणवीर के लिए प्यार आता था। परंतु जब उसे नेहा की बात याद आती तो वो उसे गुस्से से देखने लगती। वो उसे अमीर बाप का एक बिगड़ा हुआ लड़का समझती। घर आने के बाद वो पानी पीती है पानी पीते ही उसके दिमाग में रणवीर का चेहरा आता है। वो अपने दिमाग को कही ओर लगाने की कोशिश करती है। 10 दिन बीत जाते है रणवीर उसे सिर्फ एक बार ही दिखता है।
आज वो दिन है जिसके लिए वंदना पिछले एक साल से मेहनत कर रही थी। आज उसका पहला एग्जाम था वो डरी हुई थी उसी चिंता में वो घर से निकलते हुए ।अपनी माँ को याद करते हुए कहती है माँ पापा कहते है तुम इसी घर में हो अगर तुम हो तो मेरे साथ ही रहना मैं खुद को बहुत अकेली महसूस करती हूँ। जब तक पापा होते है मैं ठीक होती हूँ मगर पापा के बिना मुझे डर लगने लगता है माँ अगर तुम भी हमारे साथ होती तो कितना अच्छा होता। मेरी ज़िंदगी में जो अकेलापन मुझे महसूस होता है वो तू है माँ।
वंदना अपने परीक्षा देने वाले स्थान पर पहुंची । बाकी के सभी स्टूडेंट्स वंदना को हैरानी के साथ देखने लगे। क्योंकि वो अपनी परीक्षा के लिए अपनी साइकिल पर आई थी । वंदना को लड़के देखते है और बात करने लगते है। शक्ल से तो ये बहुत बड़े बाप की बेटी लगती है। पर ये साईकल पर क्यों आयी है। आज कल लड़कियों बाइक की राइड नहीं पसंद करती ये साईकल पर मुझे तो समझ नहीं आ रहा इतनी खूबसूरत लड़की। ,तभी दूसरा लड़का बोलता है। अरे यार ये मेरे गाँव के साथ वाले गांव में रहती है। इसका बाप मजदूर है और ये तो कालेज भी साईकल पर आती है। पहला लड़का बोलता है फिर तो उसे मेरे साहारे के की जरूरत है । दूसरा लड़का बोलता है ऐसा सोचना भी मत। तुझे एक बात बता दूं वो लड़की अमीर लड़कों से बात करना भी पसन्द नहीं करती है।, फिक्र क्यों करते हो इसके लिए तो मैं गरीब भी बन सकता हूँ। और वो सारे हँसने लगते है। जहाँ वंदना की परीक्षा होती है उसी कमरे में उसी लड़के का भी अनुक्रमांक होता है। वंदना अपनी सीट पर बैठी होती है ।वो लड़का उसे देख रहा होता है वंदना उसे देखती है उसका ऐसे देखना अच्छा नहीं लगता। थोड़ी देर बाद परीक्षा शुरू हो जाती है। और वो लड़का कुछ नहीं लिख रहा होता है। वो सिर्फ वंदना की तरफ देख रहा होता है। वंदना उसकी तरफ कोई भी ध्यान नहीं देती। कुछ समय बाद वो लड़का कुछ बड़बड़ाने लगता है। हे भगवान मैं गरीब हूँ इसमें मेरा क्या कसूर अगर आप मेरे पापा को बीमार न करते तो मुझे अपना घर चलाने के लिए काम न करना पड़ता और मैं सारा वक़्त अपनी पढ़ाई पर लगाता । और इस तरह न बैठा होता। वंदना को उसकी बात सुनकर बुरा लगता है। उसे उसका झूठा दर्द सच्चा लगता है। और फिर वो अपने आप को उसकी मदद करने से नहीं रोक पाती। वो उसे कहती है। आप अगर चुप चाप मेरी सीट से कॉपी करोगे तो शायद आप पास हो जाओ। और वो उसकी सीट से कॉपी करने लगता है। परीक्षा खत्म हो जाती है परीक्षा के बाद वो उसे बाहर आकर मिलता है और कहता है आपका बहुत धन्यवाद । अपने मुझ गरीब की जो मदद की है मैं आपका एहसान कभी नहीं भूल सकता। वंदना कहती है एहसान की कोई बात नहीं जैसे आप है अगर आप की जगह मैं होती तो मुझे भी ये दिन देखना पड़ता। वो कहता है आप जैसा दिल हर किसी के पास नहीं होता । वो कहता है अगर पकड़े जाते तो आपकी पूरी मेहनत खराब हो जाती ।वंदना उसकी बात सुनकर थोड़ा सा शर्मा जाती है। वंदना हंस कर कहती है अगर मैं ऐसा न करती तो आपकी मेहनत खराब हो जाती। अपने पापा के लिए अपनी पढ़ाई को भुला दिया। ऐसे बेटे आजकल कहा मिलते है। वो कहता है मेरा नाम विराज है और आपका ?
मेरा नाम वंदना है। ठीक है अब मुझे चलना चाहिए। विराज बोलता है आपसे मिलकर अच्छा लगा। बहुत कम ही आप जैसे लोग मिलते है। आप भी अच्छे है वंदना उसे इतना बोल कर चली जाती है। विराज अपने दोस्तों से उसके घर का पता पूछ लेता है। और उस दिन के बाद वो उसका उसका हर जगह पीछा करता ।उसके हर समय का हिसाब रखता है उनकी परीक्षा जब तक चलती है वो उससे किसी न किसी बहाने से बात करता है उन दोनों में अच्छी दोस्ती हो जाती है। ये दोस्ती सिर्फ वंदना की तरफ से होती है विराज की तरफ से तो ये एक सोची हुई साज़िश होती है परीक्षा खत्म हो जाती है। विराज वंदना से मिलने के लिए योजना बनाता है। वो उसका पीछा करता है और एक मार्किट में अनजान बनते हुए उसके पास आता है। विराज तुम पीछे मुड़कर वंदना तुम यहाँ क्या कर रही हो। मैं तो बस सब्जियां खरीद रही हूँ तुम यहाँ पर कैसे तुम तो शहर में रहते हो न । विराज झूठे दुखी मन से बोलता है वंदना तुम्हें क्या बताऊँ। तुमसे क्या छिपाना तुम तो मेरी दोस्त हो। वंदना हां और दोस्तों से कोई भी बात छिपानी नहीं चाहिए। वो मैं तुम्हें कैसे बताऊँ। बोलो कोई बात नहीं । वो क्या है वंदना मेरे पापा बीमार है तुम जानती हो। उनकी दवा लेने के लिए घर से निकला था मुझे लगता किसी ने मेरा पर्स चुरा है बस में बहुत भीड़ थी। वंदना उसे कहती है चिंता न करो। वो आपने पर्स से 500 रुपए निकाल कर उसे देती है वो न लेने का नाटक करता है फिर वंदना उसे दे देती है और कहती है मुझे बाद में लौटा देना। अब तुम जाओ।वो जाते वक्त वंदना के हल्के से गले लगाया जाता है और चला जाता है। वंदना को उसका गले लगना बुरा नहीं लगता क्योंकि वो उसे बहुत अच्छा दोस्त मानती थी। वो उससे पैसे लेकर थोड़ी दूर जाकर अपनी कार में बैठ जाता है और खूब हंसता उसके दोस्त पूछते है क्या हुआ बहुत है रहा है। वो कहता है मैं बहुत अच्छा एक्टर हूँ ।वो हल्का सा भी मेरे झूठ को नहीं पकड़ पाई या तो मैं अच्छा एक्टर हुँ। या वो वंदना बेवकूफ लड़की है। उसका दोस्त पूछता है आखिर हुआ क्या, विराज बहुत मजे के उसको जवाब देता है। तेरे भाई अब मटन गैस पर रख दिया है वो अब जल्दी पक जाएगा। अरे पकने के बाद हमें मत भूल जाना विराज। अंगड़ाई लेते हुए तुम्हें कैसे भूल सकता हूं। आज तक कोई ऐसी मुर्गी है जो मैंने पकाई हो और तुमने न खाई हो। उसके दोस्त बोलते हैं इस मामले में तू पक्का है। ये देख 500 दवा के लिए मेरा बाप बीमार है बो खूब हँसने लगते है उसका एक दोस्त वो 500 रु छीन कर बोलता है तुम लोग रुको मैं दवा लेकर आता हूँ। उन पैसों से वो शराब ख़रीद कर ले आता है। और वंदना के भरोसे का खूब मजाक बना कर हँसने लगते है और शराब का आनंद लेते है
वंदना को जिस रुपए से सब्जियां खरीदनी थी वो रुपए वो विराज को दे चुकी थी। अब उसके पास और पैसे भी नहीं थे। शाम को उसके पापा आते है। वो उ है खाना देती है उसके पापा बोलते है । क्या हुआ वन्दू सब्जियां नहीं लाई क्या सुबह वाली दाल ही परोस दी । वंदना को न चाहते हुए भी पापा से झूठ बोलना पड़ता है। वो कहती है पापा वो पैसे कही पर गिर गए। मैंने बहुत ढूंढने की कोशिश की मगर नहीं मिले। उसके पापा दुखी होकर कहते है। वन्दू मेरी 2 दिन की मजदूरी थी वो। पैसों को थोड़ा संभाल कर रखा करो बेटी। चल तू अब रोने जैसी शक्ल न बना मुझे कल एक जगह से और पैसे मिलेंगे। तुम उन पैसे की सब्जियां ले आना। पापा फिर आप कल खाना लेकर नहीं जाओगे। नहीं बेटा एक दिन की बात है मैं संभाल लूंगा। कुछ खा लूंगा। तू भूखी न रहना। चावल की खिचड़ी बना कर कहा लेना । चल अब तू सो जा। वंदना पापा की बात सुनकर रोने लगती है। वो अपने पापा से आज पहली बार झूठ बोल रही थी
कुछ दिन बीत गए। विराज फिर वंदना से मिला। वंदना उसे देखकर बहुत खुश होती है। वो शायद विराज को पसंद करने लगी थी। अंकल कैसे है। विराज अब वो ठीक है । तुम्हारा ये एहसान मै कैसे भूल पाऊँगा। वंदना हट पागल एहसान नहीं था कुछ भी एक दोस्त दूसरे दोस्त के लिए इतना तो कर ही सकता है। विराज , अगर तू। दवा के लिए पैसे न देती तो मेरे लिए बहुत1 बड़ी परेशानी होती। वंदना मैं समझ सकती हूं। हम गरीबों के लिए 500 रूपए कितने जरूरी होते है । आखिर दोस्त ही दोस्त की तकलीफ को नहीं समझेगा तो को समझेगा। विराज कहता है मैं तुम्हें दोस्त नहीं बल्कि उसस कुछ ज्यादा ही मानता हूं वंदना जब ये बात सुनती है वो शर्म से गर्दन झुका लेती है। मैं तुम्हें पसंद करता हूँ क्या तुम भी मुझे पसंद करती हो। वंदना हां में गर्दन हिला देती है। विराज उसे खुशी से गले लगा लेता है वंदना की आँखों में भी खुशी की चमक दोड़ने लगती है। वो उस रात सिर्फ विराज के बारे में ही सोच रही होती है। मानो उसकी ज़िन्दगी का अकेला पन अब भर चुका था। जो अकेले में कभी बातें करती पापा भी उसे ऐसे खुश देखकर बहुत खुश होते है। मगर ये खुशी कुछ ही समय के लिए थी ये बात कोई नहीं जानता था। विराज उसे मिलने के लिए उसके घर जाने लगा विराज उसके पापा के जाने के बाद आ जाता ।वो दोनों साथ मैं रहने लगे और अपना समय बिताते। फिर एक दिन आ गया जिसका विराज को इंतजार था। सब कुछ उसकी योजना के मुताबिक ही चल रहा था। विराज ने वंदना के सामने शादी का झूठा प्रस्ताव रखा । और कहने लगा हम शादी कर लेंगे तुम पढ़ाई करती रहना। जो तुमने सोचा हुआ है वो एक दीन जरूर पूरा होगा। वंदना तो उसके प्यार में पागल हो चुकी थी। उसको विराज की हर बात सच्ची लग रही थी। जैसे लड़का वंदना सोचती थी वो वैसा ही है ऐसा वंदना सोच रह थीं और वंदना ने शादी के लिए हां कर दी। और वो भावुक हो गई। उसके भावुक होते ही विराज ने उसे अपनी बाँहों में भर लिया। और सारी हदें पार कर दी। उस हैवान ने अपनी झूठी मोहब्बत से एक सच्ची लड़की की ज़िन्दगी बर्बाद कर दी थी।। वो सब करने के बाद वो घर से बाहर आया। उसने आने दोस्तों से पूछा क्या उन्होंने वीडियो बना लिया है। उसके दोस्त खुशी से बताते है हमने तो पूरी फिल्म बना ली है। जियो मेरे शेरों अब तुम्हारी बारी है अगले दिन विराज वंदना का फोन नहीं उठाता। वो 2 दिन से लगातार प्रयास करती है मगर वो फ़ोन का जवाब नहीं देता। वंदना परेशान होकर बैठ जाती है। उसको बुरे ख्याल आते कही विराज के साथ कुछ गलत तो नहीं हुआ। मगर उसे सच्चाई कहा पता थी। बारिश होने लगी। वंदना का दिल नहीं मान रहा था वो साईकल लेकर 15 किलोमीटर जाती है बारिश में। वो अपने दोस्तों के साथ शराब पी रहा होता है। वंदना विराज से बेचैन होकर पूछती है आखिर तुम मेरा फ़ोन कई नहीं उठा रहे। विराज और उसके सारे दोस्त वंदना की बात और हँसने लगते है। वंदना फिर बोलती है तुम मेरा जवाब क्यों नहीं दे रहे हो। विराज मैंने कहा था न तुम्हारा मटन खुद आएगा। खाने के लिए तैयार रहो। विराज वंदना की तरफ धीरे से बढ़ता है और कहता है तू अपने बाप से बहुत प्यार करती है ना। सोच अगर वो दुनिया में ही न रहे।। वंदना पूरी भीग चुकी होती है उसे ठंड लग रही होती है वो कहती है ये तुम क्या बकवास कर रहे हो मैं कोई बकवास नहीं करता। जो फ़िल्म हमने साथ मिलकर बनाई थी वो अब रिलीज हो चुकी है। वो अपने दोस्त की तरफ इशारा करता है। और उसका दोस्त वीडियो दिखाता हैं। वंदना देखकर पागल जैसे रोने लगती है। वो कहती ये वीडियो डिलीट कर दो। मैं तुम्हारे पेर पकड़ती हूँ विराज कहता मैं डिलीट कर दूंगा तू। चिंता न करो मेरी जान। बस तुम्हें एक काम कर आ होगा।। जैसे मुझे खुश किया वैसे मुझे भी खुश कर दो ।ये वीडियो मैं डिलीट मर दूंगा। आई प्रोमिस। वंदना कहती है शर्म करो भगवान से तो डरो तुम्हें नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी। नर्क या स्वर्ग हमें कही पर भी जगह न मिले इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। तुम मुझे जल्दी बताओ तुम्हें मेरी बात मंजूर है या नहीं ,वंदना के आंसू बह रहे होते है। और वो सुन्न हो जाती है और वहाँ से जानें लगती है। विराज कहता अगर तुमने मेरे दोस्तों को खुश नहीं किया तो ये वीडियो तुम्हारा बाप देखेगा और मुझे नहीं लगता वो ज़िंदा बचेगा। वो कहती प्लीज मेरे पापा को कुछ मत बताना वो मुझपर बहुत भरोसा करते है। विराज इतना बड़ा हैवान होता है उसे मासूम वंदना के आँसू का जरा सा भी फर्क नहीं पड़ता। वंदना अपने पापा को याद करती है और वो हैवान एक- एक करके कार में वंदना के साथ अपनी हवस मिटा लेते है विराज उसकी तरफ देखकर कहता हैं अब तुम आज़ाद हो ,तुम्हारी वीडियो डिलीट कर दी है। जाओ जीये लो अपनी ज़िंदगी। वंदना अब बिल्कुल पागल हो जाती है और वो पागल की तरह वह से पैदल ही निकल जाती है वो बाजार में पहुंचती है तो रणवीर उसे देखता है। वो उसे ऐसी हालत में देखकर हैरान हो जाता है। और वो सीधा उसके पास जाता है वंदना तुम ठीक हो। दो तीन बार पूछता है मगर वो कुछ नहीं बोलती अब उसकी बेचैनी बढ़ जाती है। रणवीर उसके पीछे जाता है वो घर में जाती और थोड़ी देर चुप चाप बैठ जाती है फिर अपनी माँ से बात करने लगती है माँ इस दुख के साथ जीवित नहीं रह सकती। और फाँसी लगाने लगती है। उस ने अपने घर का दरवाजा अन्दर से बंद किया होता है रणवीर वहाँ आ जाता है वो खिड़की से देखता है वो रोने लगता है और कहता ऐसा मत करो वंदना प्लीज रुक जाओ ।रूक जाओ उसके बहुत बार कहने पर वंदना नहीं रुकती और फिर रणवीर दरवाजा तोड़ देता है। और उसे रोक लेता है क्या हुआ है आखिर तुम जान क्यों देना चाहती हो वो रो भी रहा होता है वो सिर्फ एक बात बोलती है मेरा बलात्कार बुआ है रणवीर के सुन कर होश उड़ जाते है। फिर वंदना कहती मेरा जीना अब मुश्किल है ये दुनिया मुझे वैसे भी मर देगी। रणवीर तुम कमजोर मत बनो ।हिम्मत रखो सब ठीक हो जाएगा। वंदना तुम मुझे यहाँ झूठी तसल्ली देने की कोशिश मत करो। तुमने भी मेरी जैसी कितनी लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद की है। तुम चले जाओ। रणवीर उसे प्यार से समझाता है तुम्हें मेरे बारे में ये गलत बातें किसने बताई मैं नहीं जानता। अगर तुम अपनी जान देना चाहती हो तो दे देना ।मगर तुम्हारे जाने के बाद मैं भी जिंदा रह कर क्या करूँगा। मैं बस तुमसे पहले मरना चाहता हूँ । वो फांसी खुद को लगाने लगता है वंदना को होश आता है। और वो उसे रोकती है और उसके गले लग कर के खूब रोटी है तुम मुझसे इसके बारे में कभी नहीं पूछोगे। मेरे साथ क्या हुआ ।उस दिन के बाद वंदना की ज़िंदगी उजड़ चुकी होती है वंदना रोती हुई कहती है पापा को पता नहीं चलना चाहिए। रणवीर कहता है तुम फिक्र न करो उन्हें कुछ नहीं पता चलेगा। वो उस दरवाजे को भी ठीक करवा देता है कुछ दिन गुजर जाते है रणवीर उसे खुश रखने की कोशिश करता । मगर वो उसकी खुशियां कैसे ले सकता है। वो बहुत परेशान रहने लगता है क्योंकि वंदना की ऐसा हालत उससे देखी नहीं जाती। वंदना के पापा जब उससे कोई बात पूछते तो वो एक ही बात कहती। कभी उसकी तबीयत खराब है तो कभी कुछ कह देती है वो कैसे ज़िंदा थी बस वही जानती थी। आखिर कोई लड़की इतना बड़ा हादसा कैसे नज़रअंदाज़ कर सकती है एक लड़की के लिए उसकी इज्जत ही सब कुछ होती है उसने रो कर जीना तो सिख लिया। वो किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी। रणवीर ने बहुत कोशिश की मगर वो उसे पहले जैसा नहीं कर पाया। क्योंकि उसे पूरी बात नहीं पता थी।






7. शादी की तैयारी
इंसान हर तकलीफ सहन कर लेता है अगर वो दूसरों के लिए से रहा है वंदना भी उनमें से ही थी। बो आने पापा के लिए जिंदा थी मगर एक चलती फिरती लाश की तरह ,रणवीर उसके पापा से मिलता है उसके पापा एक बिल्डिंग के पास मजदूरी कर रहे होते है। वो अपनी गाड़ी लेकर मिलने जाता है। वंदना के पापा के पास खड़े बाकी के सभी लोग ये ऊँच रहे होते है जैसे को बड़ा ऑफिसर उनके काम को देखने आया है वो गाड़ी देख कर ही काम करने लग जाते है। जैसे ही रणवीर उन लोगो से पूछता है यह4 राजिंद्र प्रसाद को है तो उनमें से वंदना के पापा बहार आते है । जी बोलिये मैं ही राजिंद्र प्रसाद हूँ। रणवीर, उनके आगे हाथ जोड़कर प्रणाम करता है आप थोड़ा साइड मे चलेंगे मैं आपसे कुछ बात करना चाहता हूं। वंदना के पापा धीमी आवाज में बोलते है बोलिये सर क्या हुआ। मुझसे कोई गलती हुई है । रणवीर आप मुझे सर मत कहिये मैं कोई सर हूँ ।आप मुझे बेटा बुला सकते है । बेटा फिर बताओ क्या बात है। मैं आपकी बेटी वंदना से बहुत प्यार करता हूँ। शादी करके बस उसे खुश रखना चाहता हूं। रणवीर की कहीं से आंसू भी बह रहे है। मै उसे ऐसे उदास नहीं देख सकता। अंकल मैंने कभी नहीं सोचा था वंदना से दूर हो जाऊंगा तो वो वो ऐसी हो जाएगी। मैं तो सिर्फ उसकी खुशी के लिए दूर हुआ था मुझे उसकी खुशियां वापिस लानी है। और बोलते बोलते पैरो पर गिर जाता है। वंदना के पापा चुप चाप सुन रहे होते है वो कहते है मैं वंदना से बात करूंगा फिर तुम्हे कुछ बता सकूंगा। अगर उसकी हाँ होगी तो मुझे कोई परेशानी नहीं है मैं बस अपनी बच्ची को खुश देखना चाहता हूं। रणवीर खुश होता है। क्योंकि वो जानता है वंदना शादी के लिए मना नहीं करेगी। और सीधा वंदना के पास जाता है वंदना खाना बना रही होती है वो पीछे से उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे घुमाने लगता है छोड़ो ,छोड़ो क्या हुआ पागल तो नहीं हो गए आप। बड़े खुश लग रहे हो। तुम्हें पता है मैं कहाँ से आया हूँ। कहा से आये हो। तो। तुम्हारे पापा के पास से, मैनें उनसे हमारी शादी की बात कर ली है ये बात सुनकर वंदना हैरान हो जाती है सोचने लगती है तुम उदास क्यों हो गई कुछ नहीं पापा क्या बोले । रणवीर ने पूरी खुशी के साथ वंदना से कहा , उन्होंने कहा है जैसे तुम कहोगी वैसे ही होगा। मैं ये शादी नहीं कर सकती , आखिर क्यों तुम ये शादी नही कर सकती। तुम्हें तो पता है मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता। तुम्हें समझ क्यों नहीं आ रहा । मेरा बलात्कार हुआ है। मुझे इन सब बातों से कोई फर्क नही पडता। और इसमें तुम्हारा क्या कसूर है मैं तुम्हें नही छोड़ सकता। ये तुम्हारा प्यार है जिसने मुझे जीना सिखाया है। अगर तुम चाहते हो। मैं एक अपाहिज बनी रहूँ ।और तुम मेरी बैसाखी, मैं तुम्हारे साथ ऐसा कैसे कर सकती हूँ। वंदना मैं ज़िंदगी भर तुम्हारी बेसाखी बन कर रह सकता हूँ। मगर तुमसे दूर होकर नहीं।
तुम मुझे खुद से अलग मत करो। वंदना तुम ऐसी बातें न करो। तुम्हारे घरवाले तुम्हारी शादी कभी ऐसी लड़की से नहीं करेंगे। तुम उनकी चिंता न करो । मम्मी पापा को मैं मना लूंगा। वो दोनों एक दुसरे की आँखों में देखते है वो दोनों एक दूसरे की आंखों में खुशी देखना चाहते है ।वंदना ये बात जानती थी रणवीर उसे बहुत सच्चा प्यार करता है वंदना मान जाती है। और हां बोल देती है। रणवीर का इश्क़ जिस्म से नह रूह से था। उसके दिल पर वंदना के दुखों का कोई फर्क नही पड़ा । वो बस उसे हमेसा उन दुःखों से आज़ाद करना चाहता था। और शादी के बाद वो उसे खुश रख सकता था । क्योंकि वो जानता था वंदना को सदमे से कैसे निकालना है।। वंदना एक बार उसे ठुकरा कर गलती चुकी थी वो इस गलती को दुबारा नहीं करना चाहती थी। रणवीर उसकी ऑंखों में देख कर बोलता है। ये मेरी ज़िंदगी का सबसे खुशी वाला पल है। काश ये पल मैं रोक पाता। मैं उम्र गुजार सकता हूँ। तुम्हें युही देखते हुए। वंदना उसकी गाल ओर चुम कर बोलती है। चुप पगले हो तुम पूरे। काश मैंने तुम्हारे प्यार को पहले ही समझा होता। रणवीर उसके होंठो के पास आकर कहता है अगर तुम उस वक़्त समझ जाती तो शायद मैं तुमसे इतना प्यार कभी न करता। तुम्हारे दूर होने के दर्द ने मुहहै तुम्हारे इश्क़ के समंदर में अंदर तक डुबा दिया है।जहाँ से मैं कभी नहीं निकल सकता। वंदना मज़ाकिया अंदाज़ में बोलती है। और क्यों नहीं निकल सकते तुम। रणवीर कहता है मुझे तैरना नहीं आता। फिर वो दोनों हँसने लगते है।
दोनों की खुशियां जैसे लौट आयी थी। गम के कोई भी बादल नजर नहीं आ रहे थे। रणवीर के सामने एक ही चुनोती थी आने मम्मी पापा को मनाना । रणवीर के पापा ने रणवीर को सिर्फ इस लिए अमेरिका भेजा था। क्योंकि वो खुद को बहुत इज़्ज़तदार आदमी मानते थे ।और उनकी इज़्ज़त खराब होने लगी थी। जब उनका बेटा शराब के नशे में रहता था। मगर इस बात का रणवीर और जसकी माँ नहीं पता था। रणवीर मम्मी पापा से बात करने के किये काफी उत्तेजित था। जो इंसान आपके आपकी सोच में हमेशा रहता है।जिसे पाने के सपने आप रोज देखते हो। और वो इंसान आपका होने वाला है ।ये सोच कर ही ।कितना अच्छा लगता है। और हक़ीक़त में आपका हो जाये।तो आप एक किस्मत वाले हो। रणवीर को लग रहा था ।अब उसकी जिंदगी में कोई गम नही बचा है। मगर सच्ची मोहब्बत किसी को मिल गयी ये आपने बहुत कम ही सुना होगा। इतिहास भी इस बात की गवाही देता है। सच्ची मोहब्बत एक एहसास है और एहसास ही इसे बांधे रखता है। वंदना को सच्चे इश्क़ का एहसास हो चुका था।
रणवीर अपने घर जाते ही माँ, माँ पुकारता है। माँ अंदर से बाहर आती है। खुश होकर माँ का हाथ पकड़ कर सोफे पर बिठाता है। और कहने लगता है मेरी पयार मां। मैं आज बहुत1 खुश हूँ माँ हाँ वो तो मैं देख ही सकती हूं। तुम्हारी खुशी नज़र न लगे मराव बच्चे को किसी की,नहीं लगेगी माँ मुझे तुम्हें कुछ बताना है। मेरा मतलब पापा और आपको रणवीर बोल रही होता है पीछे से पापा आ जाते1 है। अच्छा ऐसी क्या बात है जो मेरा बेटा इतना खुश है। आओ पापा बैठो माँ के साथ, आप दोनों से कुछ बात करनी है
आप तो जानती है मेरी कुछ दिन पहले की हालत क्या थी। वो हालत क्यों थी ये आप दोनों नहीं जानते। वो हालत वंदना के कारण थी। और आज ओके बेटे की ख़ुशयों की वजह भी वन्दना है। मम्मी पापा मैं वन्दना से बहुत प्यार करता हूँ। बस यूँ समझ लो वो मेरे लिए सांसे है। अगर वो नहीं है तो मैं नहीं हूं। अच्छा अब समझी मेरे बेटे ने हमारे लिए बहु ढूंढ ली है। है मेरी माँ बहुत समझदार है। एक मिनट में पता कर लिया। रणवीर के पापा बोलते है तो हमे अपने दूसरे मम्मी पापा से कब मिलवा रहे हो। पापा एक कंडीशन है उस बेचारी की माँ नहीं है वो अपने पापा की इकलौती लड़की है। बचपन में ही उसकी माँ उसे छोड़ कर भगवान के पास चली गयी। पापा स्माइल वाले फेस से रणवीर से पूछते है। अच्छा बेटा ये तो बताओ। मैं अपने समधी से आफिस में मिलने जाऊं या फिर उनके बंगले पर। पापा न आप बंगले पर जाओगे और न ऑफिस । क्योंकि उनके पास इन दोनों में से कुछ भी नहीं है। उसके पाप एक लेबर है। रणवीर के पापा को ये सुनते ही गुस्सा आ जाता है । वो कहने लगता है तुम पागल हो गए रणवीर जो इन्सान हमारे नोकर की हैसियत का भी नहीं है तुम उसे अपना ससुर बनाना चाहते हो। पापा आप पूराने जमाने के नियम मत दोराओ। समय कितना बदल चुका है। वो गरीब हुआ तो क्या हुआ। है तो इंसान ही ना। तुम्हें अभी कुछ नहीं पता जहाँ मैं खड़ा हूँ। अगर तुम यहाँ खड़े हो जाओ। तब तुम्हें समझ आ जायेगा। लोग तुम्हारी इमेज पर खीचड़ उछालने लगेगें।।
पापा लोगो का तो काम येही है। मैं उनकी फिक्र नहीं करता। वंदना की फिक्र करता हूँ लोग क्या कहते है मुझे नही जानना। मैं उससे प्यार करता हूँ। वो मुझसे प्यार करती है इसमें लोग कहा से आ गए। उसके पापा कहते है । और अपने पापा की इज़्ज़त उस लड़की के प्यार से कम है रणवीर मुस्करा कर जवाब देता है पापा लगता है आपको अपने बेटे से ज्यादा अपनी शान शौकत ज्यादा प्यारी है आपको बता भी चुका हूं वो लड़की आपके बेटे की मुस्कराहट की वजह है। इतनी सी बात आपको समझ नहीं आती। लोग क्या कहते ये आपको बहुत अच्छे से समझ आता है। रणवीर ये बोलकर वहाँ से चला जाता है। रणवीर की माँ उसके पापा से बात करती है।
सुनिए हमारा बेटा इतने दिन के बाद तो खुश है लड़की गरीब है तो इस बात से क्या फर्क पड़ता है ,, तुम भी समझ नही पा रही रिश्ते बराबर के हो तो जयदा अच्छे समझे जाते है।।, अपने से छोटे लोगो के साथ रिश्ता जोड़ लेना सबसे बड़ी बेवकूफी है। ये न अच्छे से खा पाते है ना ही पहन पाते है। तुमने हमारी फैक्टरी के मजदूर देखे है। मैं ऐसे ही किसी मजदूर से रिश्ता जोड़ लूं तो ।कैसी- कैसी बातें होने लगेगी।,, मैं आपकी बात समझ रही हूं। ।मगर अब हमारे बेटे की खुशियां उस लड़की से जुड़ी है। मान जाइये ना।,, ठीक है मगर मैं शादी के बाद उस लड़की के बाप से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहता। और ये बात तुम रणवीर को नहीं बताओगी। ,, ठीक है मैं उसे कुछ नही बताउंगी।
रात को रणवीर शराब पीकर घर आता है। अपने कमरे की तरफ जाते हुए बड़बड़ा रहा है। वो पूरे नशे में कह रहा रहा है मेरे पापा प्यारे पापा अगर आप को अपनी दौलत इज़्ज़त इतनी प्यारी थी। तो मुझे इस दुनिया में क्यों लाये। अरे आप से अमीर तो गरीब लोग होते है। जिनके लिए उनके बच्चों से बढ़कर दुनिया मे कुछ नहीं होता।
रणवीर के पापा ये सब सुन रहे है और वो बहार आने लगते है मगर उसकी माँ उसके पापा को रोक देती है। आप रुक जाईये मैं समझा कर आती हूँ। उसकी माँ कमरे का दरवाजा खोलती है और जैसे ही रणवीर अपनी माँ को आते देखता है तो हँसने लगता है दुनिया में सिर्फ माँ ही जो अपने बेटे को तकलीफ में नही देख सकती। देखा मेरी माँ कितनी जल्दी बहार आई। उसे पता है उसका बेटा दर्द में है माँ मैं ठीक कह रहा हूँ ना। माँ,,, चलो बेटा आ0ने कमरे में सुबह बात करता है नहीं माँ मैं सुबह बात नहीं कर पाऊंगा। सुबह मवर्क़ नशा उतर जाएगा। फिर मैं कुछ नहीं बोल पाऊंगा। ,, बेटा समझने की कोशिश कर तेरे पापा मान गए है। वो उसे धीरे से बोलती है। जैसे ही वो बोलती है रणवीर का सारा नशा गायब हो जाता है वो खुश होकर बोलता है मेरी माँ के होते हुए ये मुमकिन नहीं था। मैं जानता हूँ। माँ ही है जो अपने बच्चों की खुशियां चाहती है
नहीं बेटा ऐसा नहीं है तेरे पापा भी तुझे प्यार करते है।। ठीक है अब तुम सो जाओ। कल बात करते है ठीक है माँ मैं जाता हूँ। रूम की तरफ जाते वक्त रणवीर अपनी माँ को गुड नाईट बोलता है। उसकी माँ भी गुड नाईट कहती है।।
अगली सुबह जब वो उठता है। तो अपने पापा से नजर नही मिला पाता। उसे शर्म आ रही होती है। वो लोग नाश्ता करने के लिए बैठे होते है रणवीर शर्माता हुए बोलता है आई एम सॉरी पापा। उसके पापा खाते हुए बोलते1 है।कहा मिलेंगे उस लड़की के पापा। पापा मैं आज शाम को उनको घर ही ले आता हूं। आप बात कर लेना।। ठीक है शाम को ले आना। रणवीर पूरा खुश होता है और वो ये खुशी की ख़बर वंदना को सुनाना चाहता है वो वंदना के पास पहुंच कर उसे गोद में उठाकर घुमाने लगता है । वंदना भी खुश होती है। मेरे प्यारे ससुर जी को पापा ने आज शाम को घर भुलाया है वैसे पापा उनसे मिलने वाले थे मगर मैने ही कह दिया में उनको आपके पास ले आऊंगा। अब तुम मेरी प्यारी सी दुल्हन बनने की तैयारी करो। वो धीरे उसके पास जाकर बोलता है तुम मुस्कराते हुए कितने प्यारे लगते हो। इस पूरी मुस्कराहट का क्रेडिट तुम्हे जाता है। तुम्हें देखने के बाद मुझे सकुन मिल जाता है। मुहहै ऐसे ही प्यार हमेशा के लिए करोगे या । रुको -रुको। तुम्हें कोई शक है में तुम्हे अपनी हमेशा के लिए ही इस लिए बना रहा हूँ। अब तुम इतने रोमांटिक मत बनो। पापा के आने का वक़्त हो गया है। ठीक है मेरी जान अब मैं चलता हूँ। अपना ध्यान रखना शाम को आऊंगा। ससुर जी को लेने के लिए । वंदना रोने लगती है। तुम रो क्यों रही हो। अकेले में ये तन्हाई मुझे खाने को आती है। मुंहे वो सब याद आने लगता है रणवीर । तुम फिक्र न करो। सब ठीक हो जाएगा। अगर तुम रोऊँगी तो मुझे भी रोना आ जायेगा। वो उसके माथे को चूम कर निकल लेता है।
शाम को रणवीर उसके पापा को लेने आता है। वो पहले से ही तैयार हो रखे होते है। उसके पापा ने बहुत अच्छे कपड़े1 पहने हुए थे। जो उन्होंने अपनी शादी पर पहना था। वो एक अमीर आदमी लग रहे थे। रणवीर उनके पैर छूता है। अजर गाड़ी में बैठ ने को बोलता है। और वंदना को प्यार भरा इशारा करता है। रणवीर उनको घर ले आता है। रणवीर के पापा उन्हें देखकर खुश होते है
वंदना के पापा हाथ जोड़कर नमस्ते जी । नमस्ते जी रणवीर के पापा जवाब देते है अरे भाई रणवीर यही पर खड़े रहोगे या अपनी मम्मी से चाय के लिए बीबी बोलोगे। रणवीर जी पापा, उसके जाते ही रणवीर के पापा आने असली रूप दिखा देते है। वो बातों स्व उनको नीचा दिखाना चाहते है। रणवीर के पापा
आपका नाम क्या है। जी मेरा नाम राजिंद्र है। और तुम्हरा पूरा नाम ।(राजिंद्र प्रसाद ) है। देखो राजिंद्र मैं सिर्फ अपने बेटे की खुशी के लिएइस रिश्ते को माना हूँ। वरना मुंहे7 तुम जैसे छोटे लोगो से बात करने में कोई दिलचस्पी नही है।वंदना के पापा बोलते हैं आपको ऊनी दौलत का नशा है मगर माफ कीजिये मै सिर्फ यहाँ अपनी बेटी के लिए ही आया हूं। आपसे बेइजती करवाने नहीं। अरे राजिंद्र प्रसाद गुस्सा क्यों होते हो। चलो छोड़ो। इस बात को थोड़ी फैमिली बातें हो जाए। तुम अपने खानदान के बारे में कुछ बताओ। देखो मैं थोड़े पूराने खयालात का आदमी हूँ। वो जैसे लोग बराबर के खानदान मैं शादी करते थे ।वंदना के पापा बोलते है जी मैं आपकी बात समझ गया हूँ। मैं एक मजदूर हूँ इसका मतलब आपने ये तो नहीं निकाल लिया । मैं दबे कुचले खानदान से हूँ। अपने शिव प्रसाद का नाम तो सुना ही होगा। रणवीर के पापा हँसते है और कहते है अब ये मत कहना वो तुम्हारे पिता जी है। सर नाम मेल खाने से औकात तो मेल नहीं खाती। वंदना के पापा बोलते है। वो मेरे पिताजी ही है। ये बात सुनकर रणवीर के पापा ले तो जैसे पैरो से जमीन ही गायब हो जाती है। क्योंकि रणवीर के पापा ने जो फैक्टरी लगाई थी वो शिव प्रसाद की जमीन पर ही थी। रणवीर के पापा पूरी तरह से हैरान हो जाते है। वो हकलाने लगते है। और बोलते हैं समधी जी माफ करना मुझे तो बस मजाक करने की आदत है कोई बात नही आपके मजाक से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा। रणवीर के पापा दुबारा ऐसी कोई बात ही नही दोहराते ओर रिश्ता पक्का कर देते है। और रणवीर चाय लाकर देता है। लीजिए अंकल चाय लीजिये। रणवीर के पापा हँस कर अरे अब अंकल नही पापा बोलना शुरू कर दो। और फिर सब हँसने लगते है। रणवीर वंदना के पापा को घर वापिस छोड़ आता है। वंदना अपने पापा को देखकर बहुत खुश होती है। वन्दू इधर आओ बेटी। अब तुम खुश हो न । वंदना मुस्कराई और शर्मा जाती है। उसके पाया को लगता है वो उदास इसलिए रहती थी। वो कहते है अब तुम आने लिए शादी की खरीदारी शुरू कर दो। वंदना शर्म लाल होकर अंदर भाग जाती है। वंदना के पापा के पास इतने पैसे नहीं है कि वो अपनी बच्ची की शादी बड़े धूम धाम से करे। वो आने पिता जी मतलब शिव प्रसाद से मदद के लिए जाने की सोचते है । वो डर रहे होते है मगर अपनी बेटी के लिए वो कुछ भी करेंगे ये सोचकर वो शिव प्रसाद के घर जाते है 22 साल बाद वो अपने गाँव अपने घर कदम रखता है। सिर्फ अपनी बेटी के लिए । वो आने पिता जी के गुस्से को दुबारा से झेलने से नहीं डरता। जैसे ही वो आने घर में कदम रखता है उसको पुराने दिन याद आने लगते है। उसके भाई एक -एक करके सभी बहार आते है सभी उसे गुस्से से देखने लगते है। थोड़ी देर बाद शिव प्रसाद बहार आता है। शिव प्रसाद बोलता है आखिर तेरे पांव पड़ ही गए इस आंगन में। जिस तरह से सब कुछ तू छोड़ कर भागा था। उसी तरह तेरी हालत मुझे दिख रही है। प्यार के लिए भागा था। प्यार ने मजदूरी और दर्द ही बक्शा तुझे, देख अपने भाईयो को इनकी शादी मेरी मर्जी से हुई है। देख कितने खुश है और तेरी शादी तूने खुद की मर्जी से की देख तू कितना दुखी है। राजिंद्र चुप चाप सब सुनता गया । अपने पिता जी की बातों का वो जवाब नहीं देना चाहता था। क्योंकि वो सिर्फ अपनी बेटी के लिए आया था। वो गुटनों के बल गिर कर हाथ जोड़ लेता है और रोने लगता है। मैं जानता हूँ । मैं कसूरवार हूँ । मैं आपका ही नहीं सब का दोषी हूँ। ऐसा कोई दिन नहीं गुजरा जिस दिन मैंने आपके औऱ अपने भाइयों के बारे में नहीं सोचा हो। मैं मजबूर था। अगर मैं ऐसा न करता तो वो अपनी जान दे देती। । मगर मेरा दुर्भाग्य तो देखो मैं उसका होकर भी उसको नही बचा पाया। मैं आपका बेटा कहलाने के लायक नहीं हूँ। मैंने आपको बहुत तकलीफ दी है एक बाप बनकर ही मैं एक बाप की तकलीफ जान पाया हूँ। मेरी एक बेटी है बहुत प्यारी है। मैंने उसे बहुत पढ़ाया है औऱ आप सभी के बारे में मैंने उसे बताया है। तू क्या सोचता है मैं तुझे माफ कर दूंगा।, नहीं कभी नहीं। राजिंद्र की हिम्मत टूटने लगती है वो फिर से कोशिश करता है। आप मुझे भले माफ ना करें । मगर मेरी बेटी का तो कोई कसूर नहीं है। उसकी शादी एक अच्छे घर में तय हुई है। मैं उसकी शादी के लिए आपसे मदद मांगने आया हूँ। शिव प्रसाद उसकी बात सुनते ही आवाज़ दबा कर कर अपने दूसरे के बेटे से बोलता है। जा अंदर तिजोरी से 10 लाख लाकर कर इसे दे दे। आपका ये एहसान1 मैं कभी नहीं भूलूँगा पिता जी मैं जल्द ही आपके पैसे लौटा दूँगा । ये पैसे मैं तुझे नहीं तेरी बेटी को दे रहा हूँ और तुझे लौटाने की कोई जरूरत नहीं। अब तू जा सकता है। मेरी एक छोटी सी विनती है। शादी वाले दिन अगर पूरा परिवार शादी में आ जाये तो मेरी बेटी बहुत खुश होगी। आप सभी को देख कर उसके ससुराल वाले उसे प्यार देंगे आप समझ गए मैं क्या कहना चाहता हूं।
शिव प्रसाद के दिल में अपने बेटे के लिए बहुत प्यार है मगर वो उसे दिखाना नहीं चाहता। उसका दिल भी अपनी पोती को देखने का है। और थोड़ी देर बाद बोलता है ठीक है हम आ जायेंगे। राजिंद्र ये बात सुनकर1 बहुत खुश हो जाता है। औऱ वहाँ से चला आता है
उसके जाने के बाद शिव प्रसाद का छोटा बेटा बोलता है। क्या आपका वहाँ जाना ठीक होगा। शिव प्रसाद जवाब देता है अगर तू कोई गलती करता तो उसका बदला मैं तेरे बच्चों से लेता। वो मेरी पोती है और ये मत भूल वो तेरी भतीजी भी है। मैं उसके बाप से नाराज हूँ अपनी पोती से नहीं। हम सब शादी में जाएंगे कर ये मेरा फ़ैसला है। वो सभी शादी में जाने के लिए तैयार हो जाते है कुछ समय बाद शादी की तारीख तय हो जाती है । सभी शादी की तैयारी में लग जाते है। रणवीर की माँ वंदना से मिलती है। वो वंदना को लेकर एक मॉल में जाती है। ताकि उसके लिए ज़ेवर और दुल्हन के कुछ कपड़े ले सके। वहाँ शॉपिंग करते हुए। विराज उसे देख लेता है। उसके साथ उसके दोस्त भी होते है। वंदना अपनी सास माँ के साथ होती है तो उसे ऐसा लगता है जैसे वो अपनी सगी माँ के साथ है वंदना को सास माँ में अपनी माँ दिख रही होती है। उसे खुशी होने लगी थी । जिस माँ के प्यार के लिए वो तरसी है वो प्यार अब उसे मिल जायेगा। क्योंकि रणवीर की माँ एक अच्छे दिल की औरत थी। वो भी वंदना को अपनी बेटी के जैसे ही समझ रही थी।
विराज अपने दोस्तों से पूछता है। अच्छा ये बताओ । इसकी वो वीडियो रखी हुई है ना, या डिलीट कर दी भाई वो वीडियो बहुत1 खास लगी। तो मैंने उसे अभी तक संभाल कर रखा है विराज कहता है इसकी शादी होने दे। फिर इसको ब्लैकमेल करके कुछ भी कर लेंगे। और ये जो गहने खरीद रही है वो सब हमारे होंगे। और फिर पार्टी करेंगे। उनमे से एक बोलता है भाई अगर आपको पैसे ही चाहिए तो मेरे पास एक और रास्ता है। मैं एक ऐसे बंदे को जनता हूँ। जो इन सब वीडियो का व्यापर करता है। विराज गुस्से से बोलता है। तू पागल है इस वीडियो में मैं भी हूँ। भाई वीडियो को एडिट करके चेहरे को ढका जा सकता है। और फिर आपको कोई प्रॉब्लम नहीं होगी। विराज इस आईडिया से सहमत हो जाता है चल बिकवा दे फिर। ठीक है भाई हमे शाम को उसके घर जाना पड़ेगा। ठीक है फिर शाम को कर देते है कांड। वो सभी बहुत खुश होते है और शाम को वो वीडियो सेल कर देते है वीडियो के बदले उन्हें अच्छा पैसा मिल जाता है। विराज बोलता है सालों अब तक जितने वीडियो हमने बनाये है। अगर सब संभाल कर रखे होते तो हम लोगो के पास पैसा ही पैसा होता।।
वो जिस आदमी को वो वीडियो बेचते है। वो उस वीडियो को एक व्यस्क वेबसाइट पर अपलोड कर देता है। और वो वीडियो वायरल हो जाता है। वंदना की शादी के 2 दिन बाकी रहते है। वंदना को शादी में सबसे जाता खुशी इस बात की हो रही होती है। उसकी शादी में उसले दादा जी और परिवार के सभी सदस्य आएंगे। और वो अपने दादा जी से मिलेगी। और हाथ जोड़कर विनती करेगी। उसके पापा को माफ कर दो। वो मेरी शादी के बाद अकेले हो जाएंगे। आप प्लीज उनको अपने साथ रख लेना। वंदना ने ये सब पहले ही सोचा था। दूसरी तरफ रणवीर भी बहुत खुश था। जो चाहा वो उसे मिलने वाला था। कितना अच्छा लगता है जो हम सोचे और वो हो जाये। मगर ये हमेशा मुमकिन नहीं होता। 2 दिन बीत चुके होते है। जिसका वंदना और रणवीर बहुत बेसब्री से इंतेजार कर रहे होते है। सब तरफ खुशी नज़र आ रही है । हल्की हल्की हवा चल रही है ।वंदना तैयार हो चुकी है। उसे रणवीर से पहले अपने दादा जी ला इंतेजार है। उसके दिल में अपने दादा जी से मिलने का एक अलग उत्साह है। शादी का मण्डप बहुत अच्छा सज़ा होता है। सजावट2 से पूरा पंडाल ढका होता हैं। तरह तरह के पकवानों से टेबल सजे होते है। सभी खुशी से बारात का इंतेजार कर रहे होते है मगर वंदना और उसके पापा ये सोच रहे होते है पता नही उसके दादा जी आएंगे या नहीं। वंदना अपने पापा के पास जाती है और पूछती है पापा दादा जी नहीं आये अभी तक। उसके पापा नम्रता से जवाब देते है आ रहे होंगे बेटी।। तभी 2 बड़ी कार आ कर रुकती है एक में शिव प्रसाद और उसके बेटे और दूसरी कार में सब परिवार वाले। वंदना के चेहरे पर खुशी के लहर दोड़ने लगती है। और वो खुद को रोक नहीं पाती। पापा क्या ये दादा जी है। हां बेटी मैंने कहा था पिता जी जरूर आएंगे। वंदना दुल्हन की ड्री5 मैं होती है वो खुशी से भाग कर अपने दादा जी के पास जाती है। और बोलने लगती है दादा जी,दादा जी , उसकी सांसे फुल रही होती है। शिव प्रसाद बोलता है। मेरी बच्ची पहले तू सांस तो ले लो। वंदना थोड़ी रुकती है। और फिर कहना शुरू करती है। मुझे पापा पर विश्वास था वो आपको जरूर लाएंगे। मेरे पापा दुनिया के सबसे अच्छे पापा है। और मेरे पापा भी यही कहते है उनके पापा दुनिया के सबसे अच्छे पापा है। वंदना की बात सुनकर शिव प्रसाद थोड़ा भावुक हो जाता। है। और शादी में व्यस्त बेटे को देखता है। शिव प्रसाद कहते है बेटी तुम बाकी के घरवालों से मिलो मैं तेरे पापा से मिलकर आता हूँ। शिव प्रसाद अपने बेटे की और बढ़ता है और वंदना घर के सभी लोगो से खुशी से मिलती है उसके चचेरे भाई बहन उसे बहुत प्यार देते है। वंदना इतनी प्यारी है कोई भी उसे पसंद करेगा ही। शिव प्रसाद अपने बेटे के पास पहुंच कर । बोलता है काफी अच्छा इंतज़ाम किया है लग रहा है शिव प्रसाद की पोती की शादी है। राजिंद्र अपने पिता जी के पैर छूता हैं। और कहता है ये सब आपकी वजह से मुमकिन हुआ है। मेरे दिल में ऐसी शादी तेरी करूँगा ये ख्वाब था। मगर तूने मेरी पोती की ऐसी शादी का इंतजाम किया । मुझे लग रहा है जैसे मेरा वो ख्वाब पूरा हो गया। माँ के न होते हुए भी तूने अपनी बेटी को अच्छे संस्कार दिये है। राजिंद्र बोलता है पिता जी आपसे ही सीखा हूँ सब कुछ। माँ हमे बचपन में ही ये दुनिया में छोड़कर कर चली गयी । आपने हमारी परवरिश में कोई कमी नहीं रखी। शिव प्रसाद बात को बदलते हुए बोलता है बारात का कुछ पता चला। पिता जी वो लोग निकल चुके है बस आते ही होंगे।। वंदना अपने दादा जी के पास आती है। और कहती है दादा जी मुझे आपसे एक बात करनी है राजिंद्र अपने भाइयों और बाकी सभी परिवार से मिलता है। शिव प्रसाद कहता बोलो बेटी तुम्हे क्या बात करनी है। मैं जब छोटी थी तब पापा बीमार पड़ गए थे। उनको टी बी की बीमारी हो गई थी। हमारे पास इलाज के इलाज के भी पैसे नहीं थे। फिर पापा के एक दोस्त ने हमारी मदद करी थी। बीमारी में अक्सर लोग माँ को याद करते है मगर मेरे पापा आपको याद करते थे। वो आपसे बहुत प्यार करते है। आजएड़ी शादी हो जाएगी और उनका ध्यान रखने वाला कोई भी नहीं होगा। पूरी तरह से अकेले हो जाएंगे। मैंने आपसे मिलने की बहुत कोशिश की मगर पापा ने मना कर दिया। उन्होंने कहा ।उनकी गलती बड़ी और वो माफी के काबिल नहीं है। मैं आप सब कुछ मांग सकती हूं ये बोलते हुए वंदना की आंखें रो रही थी। शिव प्रसाद कहता है हां मेरी बच्ची मांगो क्या मांगना है। आज मेरी डोली के बाद आप मेरे पापा को माफ करके अपने साथ अपने घर ले जाओगे दादा जी प्लीज मना मत करना। शिव प्रसाद की आंखे भर आती है। उसका अपने पापा के प्रति प्यार देख कर वो उसके सिर पर हाथ रख कर कहता है हाँ मेरी बच्ची ले जाऊंगा। वंदना खुशी से नाचने लगती है। आज उसके पापा को उनके पिता जी मिल गए थे। वंदना की बहनें रिबन कटवाने की तैयारी में लग जाती है।
बारात अब आ गई थी। वंदना की बहनों ने अपने जीजा जी से रिबन कटवाने की रस्म पूरी की । और वो खुश होकर वंदना के पास गई। वंदना अपनी बहनों को खुश देख कर पूछने लगी क्या हुआ। बहुत खुश लग रही है हां दीदी खुशी की तो बात है जीजा जी ने पूरे 5100 रुपये का शगुन दिया है रिबन कटवाई में और एक बात और जीजा जी बहुत हैंडसम दिखते है। इस पर वंदना शर्मा जाती है। अब सभी शादी के स्टेज की और जाते है। जय माला की रस्म के लिए वंदना और रणवीर स्टेज पर आते है। तभी बारात का एक आदमी वंदना को बहुत ध्यान से देख रहा होता है। और देखता हुए वो एक दम हैरान हो जाता है। क्योंकि वो आदमी वंदना का वीडियो देख चुका होता है। और वो ये सब जाकर रणवीर के पापा को बता देता है। मगर उसके पापा को यकीन नहीं होता । और वो गुस्से में आकर उस आदमी को की गाल एक थप्पड़ रख देते है वो आदमी गुस्से में कहता है आपको यकीन नहीं है और अपने मोबाइल फ़ोन मे वो वीडियो दिखा देता है। वीडियो देखते ही रणवीर के पापा के पैरों के नीचे से मानो जमीन खिसक जाती है। वो स्टेज की और गुस्से से बढ़ता है और कहता है। अब ये शादी नहीं हो सकती । मैं अपने बेटे की शादी ऐसी लड़की से नहीं करूँगा। जो किसी गंदी फ़िल्म में काम करती हो। राजिंद्र दर्द भरी आवाज में बोलता है क्या बकवास कर रहा है शर्म कर कुछ तो , सभी लोग हैरान होते है रणवीर के पापा राजिंद्र को वो वीडियो दिखा देते है। राजिंद्र को वीडियो मे वंदना के चेहरे को देखते ही हार्ट अटैक आ जाता है
और उसकी मृत्यु हो जाती है ।शिव प्रसाद भी ये दुख से नहीं पाता और वो भी अपने प्राण त्याग देता है। वंदना आने पापा के लिए रोती रोती पागल हो जाती है। और उसकी हरकतें पागलों जैसी हो जाती है। रणवीर उसे देख कर बहुत रोता है। वो उसे समझाता है आखिर कैसे समझाए। वो खुद को बेबस लाचार महसूस करता है सभी बाराती चले जाते है वंदना के परिवार वाले रो -रो कर आपा खोते है। और रणवीर के पापा रणवीर को भी चलने को बोलते है वो अपने पापा के बार-बार कहने पर भी जाने से इनकार कर देता है वो वंदना को उस हालत मैं नहीं छोड़ना चाहता।







7. ख़ुशियों की सजा
रणवीर अपने पापा की बात मान कर घर आ जाता है । उसे वंदना की बहुत फिक्र होने लगती है। वो वंदना को इस हालत में नहीं देख सकता था। दवाओं का तो जैसे कोई असर ही नहीं रहा था। उसकी नींद भी जा चुकी थी । रणवीर ने वंदना को बड़े से बड़े डॉक्टर को दिखाया। मगर को भी डॉक्टर ठीक होने की गारंटी देता। रणवीर इंटरनेट पर इस बीमारी के बारे में सर्च करने लगा। कई दिन सर्च करने बाद उसके कुछ हाथ लगता है वो एक तरह की थरेपी होती है। जिसमें मरीज के सिर को गंजा करके उसके बाद एक लिक्विड लगा कर एक तरह की मशीन से मसाज की जाती है। रणवीर उस थरेपी के लिए तैयार हो जाता हो जाता है। वो 2 दिन बाद ही वंदना को वहाँ ले जाने की तैयारी करता है। मगर किसको नहीं पता था अभी वंदना की किस्मत में और दुख है।
वंदना के रूम का दरवाजा खुला होता है। और वो बहार निकल जाती है रणवीर जब घर आता है। तो उसे वंदना दिखाई नहीं देती। वो उसे ढूंढने लगता है। उसके चेहरे पर उदासी छाने लगती है। पूरे घर में ढूंढने के बाद भी वंदना उसे नहीं मिलती वो बालों को नोचना शुरू करता और रोना शुरू करता है वो रोता हुआ बहार की तरफ भागता है। वो अपने मम्मी को बोलता है पुलिस को फ़ोन करें। रणवीर पूरे दिन वंदना को ढूंढता है। मगर उसे वो कही नहीं मिलती। रणवीर का दिल जोर- जोर से धड़कने लगता है होंठ सिसकियाँ भर रहे है। सुबह से शाम हो गयी न तो पुलिस वंदना को ढूंढ पाई और न ही रणवीर।
रात के समय रेलवे लाइन के पास से एक औरत गुजर रही होती है वंदना रेलवे लाइन के बीच में चल रही होती है। वो औरत वंदना को आवाज़ लगाती है। फिर औरत अचानक से चुप हो जाती है। क्योंकि उसकी नजर वंदना के महंगे घुंघरू पर जाती है वो पैर से निकल चुका होता है। उस औरत के मन अब लालच आने लगता है । अब वो चुप घुंघरू लेना चाहती थी। वंदना अब रेलवे लाइन से हट जाती है क्योंकि उसे नहीं पता जाना कहा है। वो अपनी धुन में चली जाती है और रेलवे लाइन पर कर जाती है। और वो औरत घुंघरू के लिए आगे बढ़ती है। और ट्रेन आ जाती है उस औरत को लगता है वो घुंघरू उठा लेगी । मगर ट्रेन की रफ्तार तेज होती है। वो घुंघरू उठा कर भागने लगती है उसका पैर एक दम से मुड़ जाता है। और वो ट्रैक के बीच में ही गिर जाती है। उसका सिर रेलवे पटरी से टकरा जाता है बेहोश जाती है। ट्रेन उसके टुकड़े करके चली जाती है। दूसरी तरफ रणवीर पूरी रात वंदना को ढूंढता है। सुबह हो जाती है।
पुलिस को रेलवे लाइन पर किसी औरत की मौत की खबर मिलती है। वो इस बात की खबर रणवीर को देते है। पुलिस वाला रणवीर से कहता है लाश पूरी तरह से टुकड़ों में माफ कीजिये पर आप एक बार देखने के लिए आ सकते हैं भगवान न करें वो आपकी पत्नी हो। रणवीर पुलिस इंस्पेक्टर की बात से घबरा जाता है । वो अपनी कार सही से नहीं चलाता और तेजी से अस्पताल की तरफ ड्राइव करता है। अस्पताल पहुंच कर वो सीधा ही पोस्ट मॉडम वाले कमरे की तरफ भागता है। वह उसको वो ही पुलिस वाला मिलता है वो कहता है सर हमें जो बॉडी मिली वो तो पूरी तरह टुकड़ों में हैं चेहरे तक का नहीं पता चल रहा। है ये कुछ समान हमें लाश के पास से बरामद हुआ है। वो वंदना को वो घुंघरू दिखाता है घुंघरू देखते ही रणवीर समझ जाता है वो वंदना है वो पागलों जैसे रोने लगता है अब उस लाश का अंतिम संस्कार भी हो जाता है सबको ये यकीन हो जाता है वंदना अब नहीं रही। रणवीर अब पूरी तरह सदमे में आ जाता है। वो दिन भर वंदना के बारे में सोचता है। माँ ने समझाया, पापा भी समझा के थक चुके थे। पूरा एक महीना बीत गया। मगर रणवीर का दर्द आज भी वैसे ही था। 6 महीने बाद वो कुछ सामान्य हो जाता है और खुद को खुश रखने की कोशिश करता है। और अब सिर्फ उसकी जिंदगी का एक ही मकसद होता है। कैसे भी उस कमीने का पता करना जिसकी वजह से वंदना उससे दूर हो गयी। पापा उसे अमेरिका भेजने को कहते है मगर वो मना कर देता है। बस वो कैसे भी उस कमीने तक पहुंचना चाहता है। मगर उसके पास एक भी रास्ता नहीं होता। एक रात जब वो वंदना की फोटो को अपने- अपने फोन में देख रहा होता है तो उसके दिमाग में एक तरकीब आती है। वो उस तरकीब से एक योजना बनाता है जिस वेबसाइट पर वंदना की वीडियो अपलोड हुई होती है वो उस वेबसाइट को हैक करने की योजना बनाता है अब उसे एक ऐसे हैकर की जरूरत होती है जो इस काम अंजाम दे सके। वो एक ऑनलाइन वेबसाइट पर एक आर्टिकल शेयर करता है। जिसमें वो लिखता है मुझे एक हैकर की जरूरत है और अंतिम में लिख देता है ये सिर्फ एक चुटकला है ताकि उसके ऊपर कोई कानूनी कार्यवाही ना हो। उस आर्टीकल से सिर्फ एक रिप्ले आता है। रणवीर उसे कहता है आपने नीचे नहीं पड़ा वो एक चुटकला था। उधर से जवाब आता है ये कोई फेसबुक ग्रुप नहीं है जहाँ लोग चुटकुले शेयर करें। काम बोलो। रणवीर समझ जाता है ये वो ही आदमी है जिसकी उसको जरूरत है। मगर वो फ़ोन पर बात करने या किसी भी संदेश से बात करने से मना कर देता है। वो आदमी रणवीर से मिलने को बोलता है जब रणवीर उसे पूछता है तो वो अपना अमेरिका का पता बताता है। रणवीर को लगता है जैसे वो अंग्रेज है और वो उसे मिलने के लिए हाँ कर देता है रणवीर एक हफ्ते के अंदर ही अमेरिका चला जाता है। एयरपोर्ट पहुंचते ही उसके दिमाग में मैली का ख्याल1 आता है और वो मामा जी के घर न जाकर मैली के घर जाता है। जैसे ही रणवीर मैली के घर पहुंचता है वहाँ का दृश्य देख कर वो बहुत दुखी होता है मैली पूरी तरह से शराब के नशे में बेहोश होती है रणवीर सुबह तक उसका इंतजार करता है। सुबह मैली रणवीर को देखकर खुश हो जाती है और दौड़ कर गले लग कर रोने लगती है

9.सच्ची मोहब्बत
मैली रणवीर के गले लग कर रोने लगती है रणवीर उसका दर्द देखकर बहुत परेशान हो जाता है वो पूछता है तुम पागल हो। ।मैंने तू है कहा था मैं किसी और से प्यार करता हूँ फिर क्यों तुमने अपनी ज़िंदगी खराब करनी शुरू कर दी। मैली सिसकियाँ लेते हुए कहती है मैंने तुम्हें भुलाने की बहुत कोशिश की मगर जब मेरा दिल नहीं माना तो मैंने तुम्हारे अंकल से बात की मगर उन्होंने मेरे बार- बार कह के पर भी तुमसे मेरी बात नहीं करवाई.। मुझे यकीन था तुम एक बार लौट कर जरूर आओगे। मेरा दिल जानता है तुम मेरे लिए आये हो। रणवीर को उसकी बातों से रोना आ जाता है। मैली रणवीर से पूछती है क्या हुआ । रणवीर अपने आँसू पोंछ कर बोलता है मैली हालात बहुत बदल चुके है। मैं अब पहले जैसा नहीं रहा। रणवीर उसे अपनी पूरी कहानी बता देता है मैली उसकी कहानी सुनकर बहुत ज्यादा दुखी हो जाती है। वो रणवीर से कहती है हम आज ही उस हैकर से मिलेंगे। ऐसे क्या देख रहे हो। मैं जानती हूँ मैं तुम्हारी वंदना नहीं बन सकती। । एक दोस्त के नाते ही मुझे तुम्हारी मदद करनी है। क्या तुम इस हालत में चलोगी मेरे साथ।
नहीं मैं तैयार होकर आती हु तुम बस थोड़ा सा इंतजार करो। वो दोनों हैकर के पास जाते है रणवीर जब उस हैकर को देखता है वो एक इंडियन होता है। उसका नाम KD पूरा नाम करन डोगरा । रणवीर उसे देखते ही पहले ये ही पूछता है तुम यहाँ अमेरिका में काम करते हो। मैं गांव से बड़ा आदमी बनने के लिए यहाँ आया था बड़ा आदमी नहीं बड़ा चोर बन गया। रणवीर वो कैसे । मैं आने तकनीकी दिमाग से पैसा कमाना चाहता था। मगर जहाँ मैं जॉब करने गया वो एक प्राइवेट एजेंसी थी। और उनके पास सहकारी कागजात नहीं थे। उन्होंने मेरा पासपोर्ट अपने पास रख लिया और मेरे सामने ऑफर रखे। और वो ऑफर क्या थे रणवीर उससे पूछता है। पहला ऑफर था मुझे एक यूनिवर्सिटी का अकाउंट हैक करने था। जो कानूनी तौर पर गलत था। मगर उन्होंने मुझे अच्छे पैसे दिए। फिर मुझे लालच आता गया और मैं उनके दिए काम करने लग गया। घर वालो को अच्छा पैसा भेजने लगा। मेरी 2 बहनों को शादी हो गयी। और माँ बाप खुशी से रह रहे थे। दुर्भाग्य से हमारी टीम लीडर एक लड़की थी। रणवीर कहता है तो इसमें बुरी बात क्या है। बुरी बात ये ही वो टीम लीडर बहुत1 ज्यादा खूबसूरत थी। वो ऐजेंसी उसी के नाम पर थी नताशा , उसने मुझे अपने प्यार के जाल में फसा लिया। और अपना प्लान मुझे समझाया। ।मैंने उसका प्लान सुना वो बहुत रिस्क वाला था। उसने मुझे कहा ये लास्ट काम है और इसके बाद हम शादी कर लेंगे। मैं तुम्हारे साथ इंडिया चलूँगी। रणवीर पूछता है प्लान क्या था। प्लान ये था 50 मिलियन की चोरी करनी थी। हर एक हिस्से में 10 मिलियन आते मुझे पता था इस काम में 99% रिस्क है मगर मैं नताशा के झूठे प्यार में बहक गया। और भाई तुम तो जानते ही होंगे जब किसी औरत की पट्टी आंखों पर पड़ जाए तो क्या होता है पूरा सत्यानाश। उस काम में फस गया और मैंने नताशा को पैसे दे कर भगा दिया। मुझे 3 साल की जेल हो गयी।
रणवीर मेरे लिए काम करोगे। काम करना है तभी तो हम मिले है। क्या काम है बोलो। रणवीर काम में रिस्क है। भाई अब मैं किसी भी रिस्क से नहीं डरता बस पैसे अच्छे मिल जाए। रणवीर उसे बोलता है एक वयस्क वेबसाइट हैक करवानी है । क्या तुम सुरक्षित तरीके से कर सकते हो। KD सुनकर हैरान हो जाता है वो हाथ जोड़ लेता है और कहता है भाई माफ कीजिये ये काम मेरे कन्ट्रोल से बहार है रणवीर फिर से कहता है बदले में जो तुम मांगो ।मैं देने को तैयार हूं। KD सोचने लगता है इससे अच्छा मौका शायद कभी न मिले। तो वो एक दम से बोलता है एक जॉब वो भी न्यू यॉर्क में और 5000 डॉलर सौदा मंजूर है सोच लो कल ही मैं जेल से छुटा हूँ जॉब तो इम्पॉसिबल है रणवीर कहता है। रणवीर सौदा मंजूर कर लेता है तुम मेरे लिए बस ये काम कर दो । तुम्हें नौकरी और पैसा दोनों मिल जाएगा मैली रणवीर के कान में कहती है क्या तुम्हें इस चोर पर यकीन है। KD मैली को प्यार से देखते हुए कहता है। अगर काम न हुआ तो कुछ भी नहीं लूंगा। वो तीनों मैली के घर आते है KD कहता है मुझे एक कंप्यूटर जिसका हाई प्रोसेसर हो। रणवीर कहता है मेरा लैपटॉप चलेगा। KD लैपटॉप को देखते हुए कहता है। चल तो जाएगा । मगर फिर फंसने के चांस तुम्हारे होंगे। रणवीर कहता तुम वो सब भूल जाओ। रणवीर धीमी आवाज में बोलता है तुम बस ये काम कर दो। मैली रणवीर से कहती है ये तुम्हें फसा देगा। रणवीर ऐसा ये नहीं करेगा। KD कहता है देखो भाई मुझे लगी है भूख लगी1 कुछ खाने को मिल सकता है। खाली पेट मेरा दिमाग नहीं चलता। मैली कहती है तुम काम पर लग जाओ। । मैं कुछ लाती हूँ। फिर वो KD काम करना शुरू कर देता है थोड़ी देर बाद मैली सेंडविच ले आती है। वो खाते हुए काम करता है काम करते -करते रात के 12 बज जाते है और 12 से 4 भी। सुबह 6 बजे रणवीर उठ जाता है। वो देखता है KD सोया हुआ है वो उसे उठाता है KD जवाब देता है भाई आप तो सो गए । अब मुझे भी सोने दो। रणवीर कहता है काम हुआ है। kD काम खत्म करके अभी 20 मिनट पहले ही सोया हूँ। रणवीर खुश हो जाता है फिर रणवीर उसे कहता है 9 बजे मैं तुम्हें उठा दूँगा । तुम अपनी नींद पूरी कर लो। और सोने से पहले बोलता है मेरे लिए नाश्ता रेडी रखना। रणवीर कहता है ठीक है सो जाओ दोस्त। 9 बजे मैली और रणवीर उसके सामने ब्रेकफास्ट लेकर खड़े बोते है। वो ब्रेकफास्ट खाता है। खाने के बाद बोलता है हाँ तो सर जी किसका अकाउंट हैक करने है रणवीर उस साइट पर वो ही वीडियो सर्च करता है और बोलता है ये वीडियो जिसने अपलोड की है उसका ही अकाउंट हैक करना हूं। KD , 2 मिनट भाई आपको उसकी जन्म कुंडली अभी1 निकाल कर देता हूँ। उसका ईमेल और फ़ोन नम्बर से काम चल जायेगा। रणवीर खुश होकर उसके गले लग जाता है। और डील में मुताबिक उसे पहले 5000 डॉलर देता है और नौकरी के लिए अपने मामा के स्टोर पर भेज देता है। KD कहता है मुझे लगता था तुम मुझे नौकरी नहीं दे सकते। शायद मैं गलत था इस लिए मैंने 5000 डॉलर मांगे ताकि अपने घर जा सकूँ। इस लिए मैंने पैसे मांगे मगर नोकरी मिल गई है तो इन पैसों की कोई जरूरत नहीं। तुम अपनी वाइफ के कातिलों को जरूर पकड़ लेना। मैं अपनी पत्नी के कातिलों को पकड़ने के लिए ये सब कर रहा हूं ये तुम्हें कैसे पता चला। मैं पूरी रात जाग रहा था। तुम सोते हुए वंदना ,वंदना कर रहे थे। और बोल रहे थे । मैं उन लोगों को नहीं छोडूंगा। रणवीर उसे थैंक्यू बोलता है। मैली जो KD को बेकार समझ रही थी अब उससे काफी इम्प्रेस हो जाती है। रणवीर अब वापिस इंडिया आने लगता है वो मैली से बोलता है मेरी आगे की ज़िंदगी जेल में गुजरने वाली है मैं उन लोगों को जब तक जिंदा न जला दु तब तक शायद मेरी वंदना की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। तुम मुझे भुलाने की कोशिश करो। ज़िंदगी में सब कुछ नहीं मिलता कई बार ज़िन्दगी से समझौते करने पड़ते है। अगर ज़िंदगी में सब कुछ मिलने लगे तो कोई भी किसी चीज़ की अहमियत नहीं समझेगा। मैली उसकी बात से सबक लेती है। और वो अपनी ज़िन्दगी में खुश1 रहने की कोशिश करती है। रणवीर इंडिया आकर उस आदमी के नंबर पर कॉल करता है और कहता है एक वीडियो है कितने पैसे मिलेंगे। वो आदमी बोलता है वीडियो देखने के बाद बता सकता हु । रणवीर उसे कहता है कहा मिलेगा। वो आदमी पता बताता है। रणवीर बताई हुई जगह पर पहुंचता है। रणवीर उसे गुस्से से देखता है। मगर वो खुद पर काबू रखता है। और उसे वीडियो दिखाता है। क्या दोस्त मेरी वीडियो मुझे ही बेच रहे हो। रणवीर हँसे बुरी तरह पीटता है और हाथ पैर बांध कर एक बैग में डाल देता है। और वंदना के पुराने घर में ले जाता है। वहाँ उसे पीट- पीटकर पूछता है तूने ऐसा क्यों किया। वो आदमी बोलता है ये वीडियो मैंने किसी से खरीदी थी। तीन लड़के मुझे ये वीडियो बेचने आये थे। उनमें से एक लड़का है जो इस वीडियो में है। रणवीर उस आदमी से उनके बारे में पूछता है। और उस आदमी को बेहोश कर देता है। फिर वहीं पहुँचता है जहाँ का पता उस आदमी ने दिया होता है विराज अपने दोस्तों के साथ शराब पी रहा होता है। रणवीर वहाँ पहुँचता है उसके हाथ में एक लोहे की रोड होती है। जिससे वो तीनों को बहुत बुरी तरह मरता है रणवीर उ को मारते हुए रो रहा होता है चिल्ला रहा होता है। वो तीनों अब पड़े हुए तड़प रहे होते है। रणवीर अपनी गाड़ी से पेट्रोल निकाल कर उनके ऊपर डाल देता है। और आग लगाने से पहले पूछता है मेरी वंदना ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था। वो तीनों माफी मांगने लगता है मगर रणवीर को उनकी माफी नहीं उनकी जान चाहिए थी। वो आग लगाकर वहाँ से चला जाता है। फिर वो उस आदमी को वंदना के घर से निकालता है। और कार में बिठा कर एक नदी के पास ले जाता है उसे पूरी तरह मार कर बांध कर नदी वापिस बेग में डाल कर और बेग में नमक डाल कर उसे नदी में फेंक देता है। नदी के पास बैठ कर वो रोने लगता है और फिर वो अपनी कार मोड़ कर पुलिस के पास जाने लगता है
रास्ते में ट्रैफिक सिगनल की वजह से रुकता है। उसकी आँखों से अब सुकून के आंसू बह रहे थे । अचानक से उसकी नजर कार के दायें शीशे पर जाती है। एक पागल लड़की दिखाई देती है। जिसके गंदे कपड़े और बदन पर मैल जमी होती है। वो उसे देखते ही कार से उतर जाता है। जब वो उसके पास पहुँचता है वो वंदना ही होती है वो उसे देख कर खुश हो जाता है और गले लगा कर रोने लगता है। सभी लोग उ है देख रहे होते है वो वंदना को गोद में उठा कर घुमाने लगता है। फिर वो उसे कार में बिठा कर घर लाता है। रणवीर वंदना को दुबारा पाकर ऐसा महसूस करता है जैसे उसको एक नई जिंदगी मिल गयी। जब वो घर पहुँचता है रणवीर की माँ भी वंदना को देख कर बहुत खुश होकर रोने लगता है अपनी माँ के गले लग कर रोता है। अगर कोई इंसान जिसे आप अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करते हो और वो इंसान आपसे दूर चला जाये। और फिर आपके पास आ जाये ।आपकी खुशी जो होगी ।वो ही खुशी रणवीर की थी।
वो वंदना को अपने रूम में ले जाता है औऱ अपनी माँ से बोलता है माँ आप मेरे ओर वंदना के लिए खाना बना दो । उसकी माँ खाना बनाने लगती है । और फिर रणवीर एक अच्छे पति की तरह अपनी पत्नी को नहलाने के बाद उसे कपडे चेंज करता है उसकी वंदना कमजोर दिखने लगी थी उसके बालों का भी बहुत बुरा हाल था। वंदना को तैयार करके वो उसे खाना खिलाते हुए उसकी आंख देख रहा होता है1 वो बिल्कुल चुप होती है रणवीर खाने बाद अपनी माँ से कहता है माँ मैं वंदना को आज ही वंदना को थरेपी के लिए लेकर जाना चाहता हूं। उसकी माँ कहती है हाँ बेटा तू ठीक कहता है। फिर रणवीर वंदना को कार मे बिठा कर सीट बेल्ट लगाता है। और उस स्थान पर पहुँचता है जहाँ पर थरेपी की जाती जी। वो लोग वंदना को देखकर बोलते है ये लड़की ठीक हो सकती है मगर 4 महीने भी लग सकते है क्या आप 4 महीने तक इसे यहाँ छोड़ सकते है । रणवीर कहता है मैं इसे अकेला नहीं छोड़ सकता मैं इसके साथ ही यही रहूँगा। वो लोग कहते ठीक है आप यहाँ रह सकते है। और फिर वो लोग वंदना का ईलाज शुरू करते है । वो लोग वंदना के सिर से सारे बाल काट देते है और उसका इलाज होना शुरू हो जाता है।
2 महीने बाद ही वंदना में सुधार होने लगता है । वो रणवीर को नाम लेकर बुलाने लगती है। उसे किसी चीज़ की जरूरत होती ।वो रणवीर से कहती। और 5 महीने बाद वंदना पूरी तरह से ठीक हो गयी। रणवीर का प्यार अब उसे पूरी तरह से पहचान ने लगा था। थरेपी वाले डाक्टर वंदना को घर ले जाने को बोल देते है। और रणवीर वंदना को घर ले आता है। वो दोनों पति पत्नी की तरह घर आते है वंदना अपनी सास को देखते ही गले लग कर रोने लगती है। उसकी माँ कहती है बेटी अब सब ठीक है। रात ले समय रणवीर वंदना को बताता है अब तुम्हें फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है।वो कमीने अब इस दुनिया में नहीं है जिसकी वजह से तुम मुझसे दूर हुई। वंदना रणवीर के गले लग कर रोटी है। और कहती है मुझे लगता था मेरी ज़िन्दगी मैं मेरे पापा के सिवा कोई दूसरे इंसान इतना प्यार नहीं लड़ सकता। मगर तुम्हारे प्यार ने मुझे गलत साबित कर दिया है। रणवीर वंदना के छोटे बाल सहलाते हुए । बोलता है। तुम बिन मैं अधूरा हूँ तुम हो तो मै हूँ।
KD भी मैली से वैसा ही प्यार करने लगा था। जैसा रणवीर वंदना से करता था मगर KD ने मैली को ये नहीं बताया । मैली जब भी रणवीर के स्टोर पर जाती । KD उसे अलग तरीके डील करता । मैली को भी KD अच्छा लगने लगा था वो उससे बातें किया करती । रणवीर के मामा ये सब देख कर बस KD की तरफ मुस्करा देते। और एक दिन KD रोजेज लेकर मैली के घर जाता है। और मैली अपनी लॉबी की लाइट बन्द करके रो रही होती है। KD लाइट चालू करता है। मैली एक दम से पीछे देखती है। KD हैप्पी बर्थडे टू यु कहने लगता है मैली उसे देखते ही उसके गले लग जाती है KD पूछता है बर्थडे गर्ल क्यों रो रही है। मैली कहती है मुझे अकेलापन महसूस हो रहा था। KD कहता है अब मेरे आने के बाद क्या महसूस हो रहा है। मैली झपक कर उसे चुम लेती है। और फिर दोनों शरमाते है उनकी प्रेमी कहानी भी शादी का मोड़ ले लेती है और दोनों शादी कर लेते है। रणवीर को उसका सच्चा प्यार मिल गया। वंदना ने बचपन से दुख सहन किया आखिर में उसे जान से ज़्यादा चाहने वाला हमसफर मिल गया। इंसान के साथ कितना भी बुरा हो जाये ।एक समय उसके साथ अच्छा भी होता है। हालात और समय इंसान को बेबस कर देते है मगर इंसान को खुशियां भी ये देते है