रोकेन अध्याय - 2 Nish द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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रोकेन अध्याय - 2

किसी टीवी में न्यूज़ चैनल पर ..

आज पुरे दो महीने बीत चुके है इस वाइरस को फैले और हजारो जाने लेने के बाद भी यह वाइरस का कोई इलाज या दवाई नहीं मिल पा रही है ।

जैसे की आप जानते है की यह वाइरस का पहले केस चीन के वुहान शहर से पाया गया था । जहा एक आदमी के चमगादड़ खाने की वजहसे यह वाइरस का उद्भव हुवा वैसा ही चीन की सरकार का आधिकारिक बयान निकल कर आया था ।

ऐसे ही आइए जानते है चीन में हुवे मौत के आंकड़ों को । जहा कल तक यानि पुरे दो महीनो में इस वाइरस से 39840. लोग संक्रमित हो चुके है और लगभग 1408. लोगो की मौत हो चुकी है ।

इसी के साथ साथ इटली ,तुर्की , जापान, मलेशिया, थाईलैंड जैसे देशो में भी इस वाइरस के संभवित केस देखे जा रहे लेकिन फिर भी सबसे बड़ा आंकड़ा अभी चीन तक ही सिमित है । और भारत के लिए रहत की बात है क्यों की भारत में अभी भी एक भी केस दर्ज नहीं हुवा है ।

__________

वुहान शहर से दूर वुचैंग डिस्ट्रिक्ट के मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो ट्रैन रुकी । मेट्रो में से मीरा स्टेशन पर उतर गई और स्टेशन पर किसी को ढूंढने लगी पर उसकी तलाश ख़त्म न हुवी वो स्टेशन के बहार निकली और उतने में ही उसे गवर्मेंट लैब ऑफ़ रिसर्च के लोगो वाले बोर्ड को देखा । यह बोर्ड काफी अलग अलग भाषाओ में लिखे बोर्ड को लेकर दो लोग बस के बहार खड़े थे । मीरा तुरंत ही उनकी तरफ चल दी ।

उनके पास पहोच कर मीरा ने अंग्रेजी में पूछा " सुनिए , आप रिसर्च लैब के इंटर्नस का इंतजार कर रहे है ?"


पोस्टर लेके खड़े आदमी ने जवाब दिया " जी मेम " और पूछा " क्या आप भी एक इंटर्न है ?"


मीरा ने धीमे से सर हिला कर कहा " हाँ "


पोस्टर लेके खड़े आदमी ने साथ में खड़े उसके साथी ने पूछा " आपका नाम ?"


मीरा ने जवाब देते हुवे कहा " मीरा अवस्थी "


उसने फ़ोन में से लिस्ट देखकर फिर से पूछा " आपका कॉलेज ?"


मीरा ने ऐसे कर के 2-4. सवालो के जवाब दिए और तब उन्हों ने मीरा को बस में बैठ कर इंतजार कर ने को कहा ।

मीरा धीमे से बस पर चढ़ी । सब की नजरे फोन से निकल कर मीरा पर आ गई । मीरा ने देखा यहाँ शायद सभी अलग अलग देशो के स्टूडेंट्स आये हुवे थे वो सब को हलकी मुस्कुराहट दे कर दो खाली पड़ी सीट में विंडो सीट पर बैठ गई । बस में सब फिर से नार्मल हो गया सब अपने अपने फोन में लग गए । मीरा ने भी फोन खोल कर शेडूल देखना शुरू किया और इसके मुताबिक बस अब थोड़ी ही देर थी जब बस लैब की और चल पड़ेगी ।

बस निकलने में दो मिनिट की देरी थी उतने में ही एक भूरे बालो वाली, पतली लम्बी सुन्दर चश्मेवाली लड़की को भागते हुवे बस की तरफ आते हुव मीरा ने देखा । उसके सवाल जवाब ख़त्म हुवे और वो सीधे बस में आ गई । सब ने फिर से उसकी तरफ देखा मगर उसे ने ध्यान ही नहीं दिया और सीधे ही मीरा के पास वाली सीट पर जल्दी जल्दी आ कर बैठना चाहती थी । वो इतनी तेज़ी में आ रही थी की मीरा को लगा की वो उस पर आ कर ही गिर जाएगी ।

इसी लिए मीरा ने दोनों हाथो से खुद को बचते कहा " अरे धीमे, जरा धीमे "

वह लड़की बिना टकराये अपना बेग रख कर बैठ गई और उसने लम्बी साँस लेकर शर्मिंदगी में कहा " मुझे तो लगा था की बस छूट ही जाएगी "

मीरा ने हसकर कहा " शांत, शांत अब तो तुम बस में हो, ठीक है सब कुछ ।"

उस लड़की ने भी हसकर हाथ बढ़ा कर कहा " हाँ , थैंक यू , में शार्लेट स्पेक्टर , न्यूयोर्क से "

मीरा ने भी हाथ आगे बढ़ा दिया " में मीरा अवस्थी , इंडिया से . वैसे तो में जिंगसू यूनिवर्सिटी वुहान में पढ़ती हूँ "

शार्लेट ने भी कहा " बहोत बढ़िया, में बीजिंग नेशनल यूनिवर्सिटी में पढ़ती हूँ "

ऐसे ही शार्लेट और मीरा की बाते चलती ही रही और बस बहोत बड़े कैंपस में सबसे बड़ी ईमारत के पास आकर रुकी । सब धीरे धीरे बस से नीचे उतरे और सब कुतूहल से साथ जगह को देख रहे थे । क्योंकि वो यह जगह नहीं थी जो उन्हों ने गवर्मेंट लैब ऑफ़ रिसर्च की वेबसाइट पर देखी थी जब उन्होंने इंटर्नशिप के लिए अप्लाई किया था ।

__________

हैम्पटन नेशनल रोड,रवेंसबौर्ने टूवूम्बा, क़्वीनसलेंड,ऑस्ट्रेलिआ

दोपहर का समय था, रवेंसबौर्ने नेशनल पार्क में हैम्पटन नेशनल हाइवे पर गैस स्टेशन पर पार्किंग में एक पिक अप ट्रक रुका उसमे से एक आदमी बहार निकला और सीधे ही जंगल की और चल दिया । गैस स्टेशन का मालिक को भी बहोत आश्चर्य हुवा क्यों की उसने पहले कभी भी ऐसे किसी को खली हाथ अकेले जंगल में जाते हुव नहीं देखा

वो आदमी जंगल में चलता गया चलता गया , चलते चलते आधी रात हो गई उतने में घने जंगल में एक खुली जगह आयी वह आदमी वहां योग मुद्रा में जमीन पर बैठ गया । आधी रात हो चुकी थी वो चुपचाप योग मुद्रा में जमीन पर बैठा हुवा था ।

उतने में ही उसके शरीर से आग जलने लगी ऐसा लग रहा जैसे होलिका दहन हो रहा हो । उस इंसान का पूरा शरीर अब आग में लिप्त था। और उसके शरीर से आग धीरे धीरे जमीन पर पड़े सूखे पतों और लकड़ीओ को लगने लगी । देखते ही देखते वह आग जंगल में फैलने लगी । आग फैलते फैलते चारो तरफ अपना विस्तार बढ़ा रही थी तभी वह इंसान उठा और जिस रस्ते से आया था वही से वापस जाने लगा । और अभी भी उसके शरीर से आग जल रही थी और वो आग के बीच से टहल कर निकल रहा था ऐसा लग रहा था जैसे कोई जलती हुवी चिता में से उठ कर कोई इंसान चल रहा हो । और फिर वो चलते चलते जलते जंगल से बहार निकल गया तब उसके शरीर की आग भी धीमे धीमे बुझने लगी । अब दिन भी शुरू हो चूका था और वह आदमी सामान्य होने लगा और आधा दिन होने ही वाला था उतने में वो गैस स्टेशन पर वापिस पहोच गया ।

पहोंचकर वो सीधा अपनी गाड़ी में बैठा और उसने अपना फोन देखा उसमे सिर्फ एक ईमेल आया हुवा था ।

उसने ईमेल खोलकर देखा, वह एयरलाइन कंपनी का था जिसमे लिखा था । " आपकी ब्रिस्बेन, ऑस्ट्रेलिआ से बेजिंग, चीन की फ्लाइट रात 11: 55 को निकलेगी , आपकी यात्रा शुभ रहे ।"

अध्याय - 2 अंत

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