"रंगभूमि" के अध्याय 5 में राजा महेंद्रकुमार सिंह की कार्यशैली और व्यक्तित्व का वर्णन है। राजा साहब यौवनावस्था में ही म्युनिसिपैलिटी के प्रधान बने और उनकी विचारशीलता तथा कार्य-दक्षता ने उन्हें इस पद पर पहुँचाया। वह रईसों की विलासिता और सम्मान-प्रेम से दूर रहते थे, सादे कपड़े पहनते थे और किसी भी प्रकार के व्यसनों से दूर थे। उनका मुख्य प्रेम उद्यान-सेवा में था, और वे नगर के निरीक्षण एवं संचालन में जुटे रहते थे। राजा साहब ने नगर की सफाई का ध्यान रखा, चाहे वह हाकिमों के बँगले के आस-पास हो या अंधेरी गलियों में। इससे वह हुक्काम के लिए एक चुनौती बन गए, जो उन्हें अभिमानी समझते थे, लेकिन आम जनता में उनका सम्मान था। वह मितभाषी थे और उनके विचार विवेकपूर्ण होते थे। साम्यवाद की प्रवृत्ति रखने के बावजूद, उन्होंने यह विचार अपने स्वभाव में समाहित कर लिया था। उन्हें यशस्वी बनना था, जिसके लिए उन्होंने सेवा को प्राथमिकता दी। अध्याय में यह भी उल्लेख है कि राजा साहब को मिस्टर जॉन सेवक का मुलाकाती कार्ड मिला, जिनसे उनका अविश्वास था। जॉन सेवक के संबंध राज्याधिकारियों से थे, और राजा साहब उन्हें समय-सेवी समझते थे। इस प्रकार, कहानी राजा महेंद्रकुमार सिंह की नीतियों, विचारों और उनके संबंधों पर केंद्रित है। रंगभूमि अध्याय 5 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 3.3k 4.3k Downloads 13.2k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षमता रखता है। रंगभूमि के कथानक में अनेक रंग-बिरंगे धागे लिपटे हुए हैं। उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन और साथ ही, एक ग्राम सेवक का ईसाई परिवार है, जो गांव के चारगाह पर सिगरेट का कारखाना लगाने के लिए अधीर है। अनेक धनी व्यक्ति हैं, जिनके बीच अगणित अन्तर्विरोध हैं - लोभ, ख्याति की लालसा और महत्त्वाकांक्षाएं। महाराजा हैं, उनके अत्पीड़न के लिए रजवाड़े हैं। उपन्यास का घटनाचक्र प्रबल वेग में घूमता है। कथा में वेग और नाटकीयता दोनों ही हैं। Novels रंगभूमि ‘रंगभूमि’ उपन्यास का केन्द्र बिन्दु है - दैन्य और दारिद्र्य में ग्राम समाज का जीवन ‘रंगभूमि’ का नायक सूरदास जनहित के लिए होम होने की विचित्र क्षम... More Likes This Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी