इस कहानी का नाम "छलिया" है, जिसमें सुरभि एक सुहावने मौसम में पार्क में बैठी है और कबूतरों को देख रही है। वह देखती है कि कबूतर अपनी प्रेमिकाओं को रिझाने में लगे हुए हैं, और यह दृश्य उसे हंसाता है। सुरभि अपने जीवन में प्रेम और धोखे के बारे में सोचती है, विशेषकर विवेक के साथ अपने वादे को लेकर, जिसने विवाह कर लिया है। वह खुद से सवाल करती है कि क्या विवेक उसे याद करेगा या नहीं, लेकिन फिर भी वह उसका इंतज़ार करने का निर्णय लेती है। विवेक का नाम सुनते ही उसके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है, जिससे यह प्रदर्शित होता है कि प्रेम का एहसास चाहे कितना भी दुखद क्यों न हो, वह हमेशा एक खूबसूरत भावना होती है। कहानी में विवेक का एक मजेदार वाकया भी है जहां वह अपने दोस्तों को धार्मिकता के बारे में चिढ़ाता है। कुल मिलाकर, यह कहानी प्रेम, धोखे और स्त्री-पुरुष संबंधों की जटिलताओं को दर्शाती है। छलिया Upasna Siag द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 7.1k 2.4k Downloads 9k Views Writen by Upasna Siag Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण विवेक कातर नज़रों से देख रहा था और कह रहा था , सुरभि मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता और मेरा लक्ष्य जो कि मेरा जुनून बन चुका है उसे भी नहीं खोना चाहता हूँ । मुझे सिर्फ दो साल का समय दो। दो साल बाद मैं तुमसे यहीं मिलूंगा। चाहे मैं कामयाब होता हूँ या नहीं। मेरी बात का विश्वास करो। सुरभि के पास बहुत सारे शब्द थे लेकिन वह अवाक् थी। बस हाँ में गर्दन ही हिला पाई। विवेक तो चला गया लेकिन सुरभि को लगा कि उसकी देह से किसी ने प्राण ही खींच लिए हो। कुछ दिन तक निष्प्राण सी रही , फिर खुद ही अपने आप को समझाया कि दो साल तो यूँ ही निकल जायेंगे। वह इतनी स्वार्थी कैसे हो सकती है। विवेक की राह में अड़चन कैसे बन सकती थी वह। अब वह भी कॉलेज में पढने लगी थी।शादी की बात पर टाल मटोल करती सुरभि ने एक दिन घर पर सभी को सच बता ही दिया कि वह दो साल से पहले और विवेक के अलावा किसी और से शादी नहीं कर सकती। और अब !! अब जबकि विवेक ने ही विवाह कर लिया है तो वह घर वालों को क्या जवाब देगी।भरे मन और आँखों से वह बैठी सोच रही थी। कबूतरों का नृत्य अब भी जारी था। सुरभि को अब ये नृत्य नहीं भा रहा था। उसने अपनी गर्दन दूसरी तरफ घुमा ली। सामने से उसे विवेक और उसके साथ एक युवती आते दिखाई दिए। More Likes This पहली नजर का पहला प्यार द्वारा PAYAL PARDHI कुछ पल अनजाने से - भाग 1 द्वारा Gunjan Banshiwal मैं तेरे प्यार में पागल - 1 द्वारा Bharti 007 चाहत -ए- तपिश - 1 द्वारा Unicorngirl दिल का रिश्ता - 1 द्वारा soni मैं बिखरा नहीं......बस बदल गया - 1 द्वारा vikram kori Mafiya Boss - 1 द्वारा PAYAL PARDHI अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी