योगिता शादी के बाद कई औपचारिकताओं में उलझी हुई थी। उसके पति ऋषभ ने उसे क्लब के फंक्शन में सबसे सुंदर दिखने के लिए कहा, जिससे वह असहज महसूस कर रही थी। योगिता को याद आया कि ऋषभ ने उसे उसके सादगी भरे रूप के लिए पसंद किया था, लेकिन अब वह उसे एक शोपीस के रूप में पेश कर रहा था। क्लब में अन्य नवविवाहित जोड़ों के साथ उनकी प्रस्तुति हुई, जहां लोग एक-दूसरे की पत्नियों की तुलना कर रहे थे। योगिता की चुप्पी पर अन्य महिलाएं असंतुष्ट थीं, जबकि पुरुषों ने भी नवीन पत्नियों पर ध्यान दिया। पूरे माहौल में एक अनजानी प्रतिस्पर्धा थी, जो नए रिश्तों और सामाजिक मानदंडों का निर्माण कर रही थी। योगिता को यह सब देखकर निराशा हो रही थी, क्योंकि वह समझ नहीं पा रही थी कि उसका स्थान क्या है। एक थोपा हुआ संग्राम Vinita Shukla द्वारा हिंदी लघुकथा 2 966 Downloads 3.8k Views Writen by Vinita Shukla Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण दूसरे दोस्तों की पत्नियों की तारीफ़ करने वाले पतियों से त्रस्त पत्नियां . वे आपस में मिलकर कैसे अपनी परिस्थितियों में बदलाव लाने में सफल होती हैं- यह बयां करती हुई कहानी. More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी