"संग्राम" कहानी में, प्रेमचंद ने एक गांव की राजनीतिक स्थिति और सामाजिक संघर्ष को दर्शाया है। कहानी का पहला दृश्य मधुबन गांव में है, जहां इंस्पेक्टर और थानेदार अपने सिपाहियों के साथ सबलसिंह के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रहे हैं। इंस्पेक्टर का कहना है कि बड़े आदमी भी जब चाहें गिराए जा सकते हैं, और सबलसिंह की स्थिति अब खतरे में है। इंस्पेक्टर ने सबलसिंह के खिलाफ एक टिप्पणी की थी, जिसके बाद अधिकारियों ने उसकी तलाशी लेने का आदेश दिया। गांव के लोग, जैसे फत्तू, इंस्पेक्टर की बातों से चिंतित हैं और सबलसिंह की नेकदिली की प्रशंसा करते हैं। फत्तू को डर है कि पुलिस सबलसिंह को परेशान कर सकती है। इंस्पेक्टर गांव में पंचायत की स्थापना और सबलसिंह के प्रभाव को लेकर सवाल उठाते हैं, जबकि फत्तू यह बताता है कि पंचायत का उद्देश्य न्याय व्यवस्था से बचना है। कहानी में ग्रामीणों की मजबूरी और प्रशासन की शक्ति संघर्ष को दर्शाया गया है, जिसमें सबलसिंह का चरित्र और उसके गांव के प्रति दयालुता को उजागर किया गया है। कहानी में न्याय, प्रशासनिक भ्रष्टाचार और ग्रामीण समाज के बीच संबंधों का गहरा विश्लेषण किया गया है। संग्राम अंक 4 Munshi Premchand द्वारा हिंदी लघुकथा 2.7k 3.2k Downloads 8.5k Views Writen by Munshi Premchand Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अमरकथा शिल्पी मुंशी प्रेमचंद ने इस नाटक में किसानों के संघर्ष का बहुत ही सजीव चित्रण किया है। इस नाटक में लेखक ने पाठकों का ध्यान किसान की उन कुरीतियों और फिजूल-खर्चियों की ओर भी दिलाने की कोशिश की है जिसके कारण वह सदा कर्जे के बोझ से दबा रहता है। और जमींदार और साहूकार से लिए गए कर्जे का सूद चुकाने के लिए उसे अपनी फसल मजबूर होकर औने-पौने बेचनी पड़ती है। मुंशी प्रेमचन्द्र द्वारा आज की सामाजिक कुरीतियों पर एक करारी चोट ! संग्राम नाटक का तिसरा खंड कुल नौ दृश्यों में विभाजित किया गया है इन सभी दृश्यों में जमींदार की और से किसान को पड़ती मार की समीक्षा की गई है Novels संग्राम अमरकथा शिल्पी मुंशी प्रेमचंद ने इस नाटक में किसानों के संघर्ष का बहुत ही सजीव चित्रण किया है। इस नाटक में लेखक ने पाठकों का ध्यान किसान की उन कुरीतियो... More Likes This रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी