नंदिनी की चुप्पी एक गहरी और दीर्घकालिक स्थिति में बदल गई है, जिसमें उसकी माँ, अमिता, लज्जित और असहाय महसूस कर रही हैं। अमिता अपने पुत्रवधू के कमरे में जाने से कतराती हैं, जबकि नंदिनी अपने बच्चे दिवित के साथ चुपचाप बैठी है। अमिता की मनोदशा में ग्लानि और दुख का भार है, और वह सोचती हैं कि उनका बेटा दीपक अब कभी लौट कर नहीं आएगा। अमिता नंदिनी को उठाने की कोशिश करती हैं, लेकिन नंदिनी की चुप्पी भारी है। अमिता अपने बेटे और बहु के बीच अक्सर पुल का काम करती रही हैं, लेकिन अब वह टूट चुकी हैं। पुराने रिश्तों की यादें उन्हें सता रही हैं और वह सोचती हैं कि क्या नंदिनी को अपनी संतान का मोह वापस खींच लाएगा। अचानक दिवित के रोने की आवाज़ से अमिता को होश आता है। वह दौड़कर जाती हैं और नंदिनी को बिस्तर पर पड़ी पाती हैं। अमिता अपने पोते को गोद में ले लेती हैं और नंदिनी की स्थिति को लेकर चिंतित होती हैं। उनके पति ठाकुर समरप्रताप भी चिंतित हैं, लेकिन पारंपरिक संकोच के कारण कमरे में नहीं जा पाते। अमिता और शरबती मिलकर नंदिनी को संभालने की कोशिश करती हैं, लेकिन नंदिनी की आँखें सिर्फ एक कड़वी सच्चाई से मुँह चुराती हैं, जैसे वह किसी बुरे सपने में खोई हुई हो। आइना सच नहीं बोलता - 19 Neelima Sharma द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 22k 3k Downloads 10.9k Views Writen by Neelima Sharma Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण नंदिनी की चुप को सौ बरस हो गये हैं. ये वो चुप है जो कुछ घंटों में सौ बरस लाँघ लेती है. ये लंबाई में नहीं गहराई में नापी जाती है. दीपक की माँ अमिता कमरे के दरवाज़े तक आ कर लौट-लौट जाती हैं. लज्जित हैं, भीतर नहीं आ पाती अपनी पुत्रवधू तक. नन्हा दिवित उसके पास सोया ही सोया था, नंदिनी को इसका भी होश नहीं. इससे तो थोड़ा रो लेती, ताने उलाहने देती.. सवाल पूछती.. पर ये चुप बड़ी भारी है.. ये चुप उस पत्थर की तरह है जिसे अमिता अपने गले में बँधा महसूस कर रही हैं. जिसके भार से वो लज्जा और ग्लानि के गहरे सागर में डूबती जा रही हैं. Novels आइना सच नहीं बोलता “रिश्ते सीमेंट और ईंटों की मज़बूत दीवारों में क़ैद हो कर नहीं पनपते... उन्हें जीने के लिये खुली बाहों का आकाश चाहिये। क्या विवाह हो जाना ही एक स्त्री... More Likes This उजाले की राह द्वारा Mayank Bhatnagar Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी