कलिका वर्मा एक नए जॉब पर 'गोल्डन प्लेनेट' के शो-रूम में फाइनेंस मैनेजर के रूप में आई है। पुराने मैनेजर की रिटायरमेंट के बाद, उसे पुराने कांफ्रेंस हॉल में काम करने का अवसर मिला है, लेकिन वहां की स्थिति अव्यवस्थित है। उसकी मुलाकात चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर प्रतिभा सिंह और रिसेप्शनिस्ट नेहा से होती है। कलिका अपने काम में व्यस्त होती है, लेकिन उसके सहकर्मी उसकी उपस्थिति पर चर्चा कर रहे हैं। वे उसे एक लेखिका के रूप में जानते हैं, जो फाइनेंस के क्षेत्र में एक असामान्य संयोजन है। कलिका इस चर्चा को सुनकर चौंक जाती है, खासकर जब वे उसकी उपस्थिति और रूप-रंग पर टिप्पणियाँ करते हैं। चाय के समय, माहौल गंभीर हो जाता है, और कलिका अकेलेपन और असहायता का अनुभव करती है। वह अपने अनुभवों को लिखने लगती है, जो उसके मन में चल रहे कड़वे विचारों को उजागर करता है। अंततः, थकान के कारण वह आराम करने की कोशिश करती है, जबकि उसके मन में पुराने अनुभवों की यादें ताजा हो जाती हैं। सभ्य मुखौटे Vinita Shukla द्वारा हिंदी लघुकथा 10 1.3k Downloads 3.8k Views Writen by Vinita Shukla Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सभ्य समाज का दोगला चेहरा More Likes This शादी एक समझौता - 1 द्वारा SUMIT PRAJAPATI रंगीन कहानी - भाग 1 द्वारा Gadriya Boy तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया द्वारा S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 द्वारा IMoni True Love द्वारा Misha Nayra मज़बूत बनकर लौटा समन्दर द्वारा LOTUS अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी