इस अध्याय में प्रेमा की दुखद स्थिति का वर्णन किया गया है। एक महीना बीत गया है और प्रेमा अमृतराय की चिट्टी के बाद से अत्यंत दुखी है। वह बार-बार उनकी तस्वीर को देखती है और उनके प्रेम पत्रों को पढ़कर रोती है। प्रेमा की मानसिक स्थिति बहुत खराब है, और उसे जीवन में कोई आशा नहीं बची है। उसके परिवार वाले उसकी बीमारी पर ध्यान दे रहे हैं, लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिल रही है। होली का त्योहार आता है, लेकिन प्रेमा इस खुशी के मौके पर भी खुश नहीं हो पाती। वह अपनी सहेली पूर्णा से मिलने के लिए बेताब है, लेकिन उसके मन में अमृतराय की यादें भरी हुई हैं। जब पूर्णा प्रेमा के पास आती है, तो उसे अमृतराय द्वारा भेजा गया एक सन्दूक देख कर फिर से रोने लगती है। प्रेमा की स्थिति उसके प्रेम और दुख के कारण बहुत ही गंभीर हो गई है। प्रेमा - 4 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 9.2k 5.6k Downloads 15.5k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण प्रेमा प्रेमचंद का पहला उपन्यास था जो १९०७ में हिन्दी में प्रकाशित हुआ था। अध्याय 4 विषयसार - जवानी की मौत Novels प्रेमा संध्या का समय हैए डूबने वाले सूर्य की सुनहरी किरणें रंगीन शीशो की आड़ सेए एक अंग्रेजी ढ़ंग पर सजे हुए कमरे में झॉँक रही हैं जिससे सारा कमरा रंगीन हो रहा... More Likes This उजाले की राह द्वारा Mayank Bhatnagar Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी