एक गिरोह, जिसमें चालीस-पचास लठबंद लोग शामिल थे, लूट के इरादे से एक मकान की ओर बढ़ रहा था। तभी एक दुबला-पतला अधेड़ उम्र का आदमी सामने आया और गिरोह को बताया कि उस मकान में बहुत दौलत और कीमती सामान है। उसने लुटेरों को एकजुट होकर काम करने की सलाह दी और कहा कि आपस में लड़ाई-झगड़ा नहीं करना है। जब वे दरवाजे पर पहुंचे, तो देखा कि ताला लगा है। दुबले आदमी ने चाबी से दरवाजा खोला और सभी लोग अंदर दाखिल हो गए। शुरुआत में सब शांत रहे, लेकिन जब लूटमार शुरू हुई, तो अफरा-तफरी मच गई। दुबले आदमी ने फिर से उन्हें संयम रखने की सलाह दी और कहा कि सबकुछ साझा करें, बिना झगड़े के। उसने लुटेरों को कीमती चीजों को सावधानी से उठाने और नाजुक सामान को तोड़ने से बचने की हिदायत दी। लेकिन अचानक चार लुटेरे एक रेशमी कपड़े के लिए झगड़ने लगे। दुबले आदमी ने उन्हें समझाया कि ऐसा न करें, क्योंकि बहुत सारी अन्य चीजें उपलब्ध हैं। तभी एक बड़ा कुत्ता अंदर कूद पड़ा और उसने कुछ लुटेरों को काट लिया, जिससे माहौल में और भी हड़कंप मच गया। यह कहानी लूटमार, अनुशासन और मानव स्वभाव की जटिलताओं को दर्शाती है। सियाह हाशिए - 3 BALRAM AGARWAL द्वारा हिंदी लघुकथा 612 2.3k Downloads 8.2k Views Writen by BALRAM AGARWAL Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण पिछली सदी के सबसे चर्चित और संवेदनशील लेखक सआदत हसन मंटो ने हमारे युग के सबसे खराब दौर ‘भारत-विभाजन’ का जो दर्द बयान किया है, उसने उन्हें सदी के महान लेखकों मे शुमार कर दिया है। उनकी लिखी ‘टोबा टेकसिंह’ तो विभाजन की पीड़ा को केन्द्र में रखकर लिखी गई अपने तरह की विश्व में सम्भवत: अलग ही कहानी है। उसी तरह उनकी पुस्तक ‘सियाह हाशिए’ भी विभाजन के दौरान हुई हिंसा का विद्रूप चेहरा जिस शिद्दत और कलापूर्ण ढंग से हमारे सामने रखती है, वह आज भी मानक है। (इसी पुस्तक के भाग-1 में शामिल लेख सियाह-कलम मंटो और ‘सियाह हाशिए’ से) Novels सियाह हाशिए ‘सियाह हाशिये’ पाकिस्तान में बस जाने के बाद मंटो की तीसरी किताब थी जो ‘मकतबा-ए-जदीद’ से प्रकाशित हुई। सन् 1951 तक यह उनकी सातवीं किताब थी। वीभत्सता, उ... More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी