यह कहानी खुनिया गाँव की एक मंडली के बारे में है, जो दर्शन के लिए एक काली मंदिर गई थी, जो एक घने जंगल में स्थित था। मंदिर का समय सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक था। मंडली ने शाम को मंदिर के दर्शन के बाद मेले का आनंद लेते हुए जंगल में आगे बढ़ने का निर्णय लिया। जब रात हो गई, तो वे रास्ता भटक गए और अंधेरे में घिर गए। एक व्यक्ति ने माचिस जलाकर रोशनी की, जिससे उन्हें आस-पास के नर कंकाल और डरावने जीव-जंतु दिखाई दिए। मंडली डर गई और एक जगह रात बिताने का निर्णय लिया। उन्होंने आग को तेज करने की कोशिश की और भूत-प्रेतों के डर से हिम्मत नहीं हारी। कुछ लोग हनुमान चालीसा पढ़ने लगे और अचानक एक भयानक आत्मा उनके सामने प्रकट हो गई, जिससे माहौल और भी भयानक हो गया। इस कहानी में डर, साहस और भूत-प्रेतों का सामना करने की भावना को दर्शाया गया है। आत्मा Vanrajsinh Zala द्वारा हिंदी लघुकथा 8.2k 2.1k Downloads 7.5k Views Writen by Vanrajsinh Zala Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आत्मा More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी