कहानी "रिश्ते" शिवनाथ बाबू की जीवन की कठिनाइयों और उनके परिवार की जिम्मेदारियों के इर्द-गिर्द घूमती है। शिवनाथ बाबू, जो एक पतले और बीमार व्यक्ति हैं, अपने परिवार के लिए एक स्थायी सहारा हैं। वह अपने दो अनब्याही बहनों और बीमार पिता की देखभाल करते हैं, और अपनी जिम्मेदारियों के कारण विवाह नहीं कर पाते। उनकी बहन आभा, एक पढ़ी-लिखी लड़की है, जिसे वह एक अनपेक्षित पति, शमशेर से विवाह करने से रोकना चाहते हैं। शिवनाथ बाबू अपनी बहन की भलाई की चिंता करते हैं, लेकिन आभा की प्रतिक्रिया उन्हें आहत करती है। वह उसे समझाने की कोशिश करते हैं, लेकिन आभा की कठोर बातें उसे चौंका देती हैं और वह अपने व्यक्तिगत दर्द को छिपा लेते हैं। कहानी में शिवनाथ बाबू के अंदर की कोमलता, दूसरों की चिंताओं के प्रति उनकी संवेदनशीलता और उनके खुद के दर्द को दबाने की प्रवृत्ति को दर्शाया गया है। अंततः, शिवनाथ बाबू अपने परिवार और अपने संबंधों के बीच की जटिलताओं से जूझते हैं, और उनकी चिंता आभा के लिए उनकी सुरक्षा के प्रति गहरी होती है। रिश्ते Tejendra sharma द्वारा हिंदी लघुकथा 6.4k 2.2k Downloads 8.9k Views Writen by Tejendra sharma Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण वह इसी द्वंद्व में थी कि वह क्या करे। यही द्वंद्व उसे बड़ी बहन निर्मला के पास ले गया। निर्मला ने उसे बहुत डाँट लगायी, फिर प्यार से समझाया। वे दोनों इस बात से अनभिज्ञ थीं कि उनका वार्तलाप कोई और भी सुन रहा है। आभा का जीजा, निर्मला का पति, पैसे का लालची, कपड़े का दलाल, जीभ अपलपाता हुआ कमरे में आया, अरी ससुरी, तेरे दिमाग में भूसा भरा है क्या शमशेर अक्ल की बात कह रहा है और तुम दोनों हो कि मेरी लुटिया डुबोने पे तुली हो, साली! चलो, शमशेर से सलाह करनी है। अरी बुद्वुओ, एक लाख रुपया बुरा लगता है क्या तुम दोनों को आभा, मेरी बात मानो। पैसा ले लो, आपस में आधा-आधा बाँट लेंगे। तुम्हारे बूढ़े बाप को मैं घर में रख लूँगा। वो जिएगा भी तो कितने दिन! फिर वो बुङ्ढा अगर मरते-मरते दहेज की रकम पूरी कर दे, तो शायद उसे भी स्वर्ग नसीब हो जाये। More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी