गौरी भाग-एक की कहानी में देव नामक बड़े भाई की चिंता और प्यार दिखाया गया है, जो अपनी बहन गौरी को कैंसर से पीड़ित देखकर दुखी है। जब डॉक्टरों के प्रयासों के बावजूद गौरी की हालत गंभीर हो जाती है, देव एक साधु से मिले इलाज की सलाह पर अमल करता है। साधु ने उसे बताया कि गाय के सूखे गोबर से निकले तेल को गौरी के गले के घावों पर टपकाने से उसका इलाज संभव है। देव जंगल में जाकर गोबर इकट्ठा करता है और तेल निकालकर गौरी के घावों पर लगाता है। उसकी मेहनत और साधु का आशीर्वाद रंग लाता है, और गौरी धीरे-धीरे ठीक होने लगती है। डॉक्टर गौरी के सुधार पर हैरान होते हैं और देव उसे अपने तरीके से इलाज जारी रखने की अनुमति देता है। कहानी भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास की प्रेरणा देती है। गौरी Ved Prakash Tyagi द्वारा हिंदी लघुकथा 24.8k 1.3k Downloads 6.2k Views Writen by Ved Prakash Tyagi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सब कुछ होते हुए भी एक लड़की ने संघर्ष करके अपने बच्चों को जीवन के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाया More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी