"लाल डायरी" एक ऐसी कहानी है जिसमें एक माँ, विनीता देवी, और उसका बेटा, राहुल, रहते हैं। कहानी की शुरुआत विनीता देवी के अचानक निधन से होती है, जिससे मोहल्ले में शोक का माहौल बन जाता है। पड़ोसी और मोहल्ले की औरतें उसकी मातृत्व की बातें करती हैं, जबकि राहुल अपनी माँ से हुए झगड़े को याद करता है। राहुल अपनी माँ से अपने पिता के बारे में जानने की कोशिश करता है, लेकिन विनीता देवी चुप रहती हैं। राहुल का गुस्सा बढ़ता है क्योंकि वह अपनी पहचान के सवालों का जवाब नहीं पा रहा है। अंत में, उसने यह तय किया कि वह अपनी माँ को छोड़कर चला जाएगा ताकि लोग उसकी पहचान के बारे में न पूछें। विनीता देवी राहुल की बात सुनकर उदास होती हैं, लेकिन वह उसे रोक नहीं पातीं। कहानी का अंत राहुल के रीना के ऑफिस जाने के साथ होता है, जहाँ वह उससे जरूरी बात करना चाहता है। इस कहानी में पारिवारिक रिश्तों, पहचान और रहस्यों के विषयों को गहराई से दर्शाया गया है। लाल डायरी Khushi Saifi द्वारा हिंदी लघुकथा 21k 3.2k Downloads 18.4k Views Writen by Khushi Saifi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Laal Diary.. jisme chhupe hain kai raaz.. More Likes This यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 1 द्वारा Bikash parajuli Trupti - 1 द्वारा sach tar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी