Karmbhumi - Part - 2 book and story is written by Munshi Premchand in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Karmbhumi - Part - 2 is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. कर्मभूमि अध्याय 2 Munshi Premchand द्वारा हिंदी लघुकथा 9 3.6k Downloads 12.3k Views Writen by Munshi Premchand Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कर्मभूमि प्रेमचन्द का राजनीतिक उपन्यास है जो पहली बार १९३२ में प्रकाशित हुआ। शहर छोड़कर वे हरिद्वार के पास एक ऐसे देहाती इलाके में पहुँचे चहाँ मुर्दाखोर और अछूत कहे जाने वाले लोग और किसान रहते थे। वे सलोनी के यहाँ रहते हुए गूदड़, प्रयाग, काशी आदि के सम्पर्क में आये और गाँववालों में शिक्षा, अच्छी- अच्छी आदतों, सफाई आदि का प्रचार करने प्रचार करने लगे। यहाँ रहते हुए उनकी मुन्नी से भेंट हुई। दोनों में परस्पर आकर्षण भी उत्पन्न हुआ। काशी से आये आत्मानन्द से उन्हें अपने सेवा- कार्य में बराबर सहायत प्राप्त होती रहती थी। कृषकों की सहायता के लिए वे महंत आशाराम गिरि से मिले किंतु उन्हें अधिक सफलता प्राप्त न हुई किंतु काशी में सुखदा के त्याग समाचार सुनकर भी वे उत्तेजित हो उठाते हैं और लगानबन्दी का आंदोलन शुरू कर देते हैं। उनका पुराना मित्र सलीम, अब आई. सी. एस. ऑफिसर और उस इलाके का इंचार्ज, उन्हें पकड़ ले जाता है। किंतु लाला समरकांत, जिनमें अब परिवर्तन हो चुका था, जन - सेवा की ओर मुड़कर उसी इलाके में पहुँच जाते हैं और किसान - आन्दोलन के सिलसिले में कारावास दण्ड भी भुगतते हैं। उनके प्रभाव से सलीम के हृदय में भी परिवर्तन हो जाता है। वह स्वंय आन्दोलन की बागडोर सम्हालता है और अंत में पकड़ा जाता है। तत्पश्चत मुन्नी और सकीना (वह भी उस इलाके में पहुँच जाती है) भी गिरफ़्तार हो जाती हैं। उग्र आत्मनन्द भी सरकारी शिकंजे से बच नहीं पाते। Novels कर्मभूमि कर्मभूमि प्रेमचन्द का राजनीतिक उपन्यास है जो पहली बार १९३२ में प्रकाशित हुआ। अमरकांत बनारस के रईस समरकांत के पुत्र हैं। वे विद्यार्थी- जीवन से ही... More Likes This My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha शैतान का कुचक्र - 1 द्वारा LM Sharma सारथी द्वारा LOTUS अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी