इस कहानी में विभिन्न विषयों पर कविताएँ शामिल हैं, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं। 1. **पहाड़**: पहाड़ स्थिरता और साधना का प्रतीक है, जो सदियों से वहीं है और प्रभु की प्रसन्नता की प्रतीक्षा कर रहा है। 2. **बाल्टी**: एक मेंढक गहरे कुएं में बैठा है, जो अपनी सीमाओं में है, लेकिन एक बाल्टी उसे बाहर निकालने की संभावना का प्रतीक है। 3. **पानी**: पानी की विविधता और उसकी उपयोगिता को दर्शाते हुए यह कविता यह बताती है कि पानी एक है, लेकिन इसके रंग और रूप अनेक हैं, जैसे आत्मा एक है, लेकिन लोग हजारों हैं। 4. **किताबें**: धूल में सजी किताबें लेखक के नाम के साथ, उनकी स्थिति और मूल्य को दर्शाती हैं। किताबें तब अच्छी लगती हैं जब वे साफ-सुथरी और रोशन होती हैं। 5. **धूल**: धूल के माध्यम से कवि घर की सफाई, युद्ध और इतिहास के निर्माण को दर्शाता है। धूल का उड़ना और छा जाना भी महत्वपूर्ण है। 6. **समय**: समय के प्रवाह को दर्शाते हुए, यह कविता बचपन से लेकर जवानी और फिर जीवन के 40 वर्षों के बीतने को बताती है, जैसे सब कुछ कल की बात हो। 7. **नींद**: नींद की प्यारी अनुभूति और रात की मिठास को दर्शाने वाली कविता, जो हमें आराम और शांति का अनुभव कराती है। इन कविताओं के माध्यम से जीवन के विभिन्न अनुभवों, भावनाओं और प्रतीकों को सुंदरता से व्यक्त किया गया है। chuninda kavitaaen Sourabh Vashishtha द्वारा हिंदी कविता 1.6k 1.6k Downloads 6.1k Views Writen by Sourabh Vashishtha Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण पहाड़ यह पहाड़ सा पहाड़ वहीं का वहीं सदियों से बैठा समाधिस्थ कोई मेनका न तोड़ पाई इसकी साधना, जाने कब प्रसन्न होंगे प्रभु इस पर कहेंगे, ‘वर मांगो‘ पहाड़ तब शायद थोड़ा हिलेगा। बाल्टी एक गहरे कुएं में बैठा मेंढक, टर्रा रहा है जानता है वह केवल कुएं को ही कुआं ही उसका सारा संसार वह नहीं जानता ऊपर से आ रही बाल्टी निकाल देगी उसे कुएंंंं से करवाएगी दर्शन अन्नंत का। दो गहरे कुएं में बैठा मेंढक, टर्रा रहा है, जानता है वह, कि है संसार, इस कुएं से बाहर सुन रखा है उसने बुजुगोर्ं से वह पूरी More Likes This जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं - 1 द्वारा Kuldeep Singh पर्यावरण पर गीत – हरा-भरा रखो ये जग सारा द्वारा Poonam Kumari My Shayari Book - 2 द्वारा Roshan baiplawat मेरे शब्द ( संग्रह ) द्वारा Apurv Adarsh स्याही के शब्द - 1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik अदृश्य त्याग अर्धांगिनी - 1 द्वारा archana ग़ज़ल - सहारा में चल के देखते हैं - प्रस्तावना द्वारा alka agrwal raj अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी