कहानी "कम्मों" रामेश्वर और दुलारी के परिवार की है, जो दो बेटों के बाद अपनी बेटी कमला के जन्म से बेहद खुश होते हैं। कमला, जिसे प्यार से "कम्मों" कहा जाता है, बढ़ती है और अपने परिवार के साथ खेतों में काम करने लगती है। रामेश्वर एक खेतिहर मजदूर है और इमरान के खेतों में काम करता है। कम्मों के प्रति इमरान की नज़रें ठीक नहीं होतीं, लेकिन कम्मों इस बात को समझने के लिए बहुत छोटी होती है। गाँव में सभी दलित मजदूरों को आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि फसल बर्बाद हो गई है और उन्हें मजदूरी नहीं मिली है। लाला राम दयाल, एक दयालु व्यक्ति, मजदूरों को राशन उधार देते हैं, जबकि अन्य जमींदार उनकी मदद नहीं करते। जब मजदूर इमाम से सहायता मांगते हैं, तो इमाम उन्हें इस्लाम कबूल करने का प्रस्ताव देते हैं। रामेश्वर दृढ़ता से अपने धर्म को नहीं बदलने का निर्णय लेते हैं और लाला राम दयाल की मदद पर भरोसा करते हैं। यह कहानी सामाजिक असमानता, धर्म और दया के विषयों को छूती है। कम्मों Ved Prakash Tyagi द्वारा हिंदी लघुकथा 42 1.4k Downloads 5.1k Views Writen by Ved Prakash Tyagi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मिलता जुलता सच More Likes This चालाक कौवा द्वारा falguni doshi My Shayari Book - 1 द्वारा Roshan baiplawat रंगीन कहानी - भाग 1 द्वारा Gadriya Boy तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया द्वारा S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 द्वारा IMoni True Love द्वारा Misha Nayra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी