"ठूँठ" कहानी में शर्मा जी की सुबह की दिनचर्या का वर्णन है। उनका टेप रिकॉर्डर गायत्री मंत्र और हरे कृष्ण के जाप से भरा रहता है, जो सुबह के आगमन का संकेत देता है। शर्मा जी अपने पोते राहुल के साथ सुबह की सैर पर निकलते हैं, जबकि राहुल का मुख्य उद्देश्य दाऊ जी हलवाई की गरमा गरम कचौड़ी खाना होता है। शर्मा जी हर दिन एक ठूँठ (सूखा पेड़) के पास जाकर व्यायाम करते हैं, जिससे उनका गहरा लगाव है। वह ठूँठ उनके लिए सिर्फ एक पेड़ नहीं है, बल्कि एक दोस्त है, जिससे उन्होंने कई यादें साझा की हैं। राहुल, जो अपने बाबा की बातों से कुछ असमंजस में है, पूछता है कि एक ठूँठ दोस्त कैसे हो सकता है। शर्मा जी उसे बताते हैं कि एक दोस्त वही होता है जो समय पर काम आए, और ठूँठ ने हमेशा उनका साथ दिया है। कहानी में परिवार के बीच की स्नेह और परंपराओं की झलक देखने को मिलती है, खासकर जब राहुल अपनी माँ को बताता है कि वह कचौड़ी के लिए ज़िद कर रहा था। इस प्रकार, कहानी में ठूँठ के माध्यम से रिश्तों, यादों और परंपराओं का गहरा संदेश दिया गया है। ठूंठ Rushikumar Sharma Pandit द्वारा हिंदी लघुकथा 5.3k 1.5k Downloads 9.3k Views Writen by Rushikumar Sharma Pandit Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Thunth - Rushikumar Sharma Pandit More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी