कानपुर, जिसे उत्तर भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है, एक ऐसा शहर है जो अपनी औद्योगिक पहचान को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। आजादी के समय से लेकर अब तक, यह शहर आर्थिक और औद्योगिक दृष्टि से मुरझा गया है। ईस्ट इंडिया कंपनी ने सतरहवी शताब्दी में यहाँ औद्योगिकता की नींव रखी और नील तथा कपास की खेती को बढ़ावा दिया। 1801 में जल मार्ग के जरिए इस शहर को कोलकाता से जोड़ा गया, जिससे यहाँ औद्योगिक विकास तेजी से हुआ। 1859 में रेलवे के आगमन ने कानपुर को उत्तर प्रदेश का प्रमुख उद्योग केंद्र बना दिया। 1864 में यहाँ पहला सूती मिल स्थापित हुआ, जिसके बाद कई अन्य मिलें भी खोली गईं। 1919 तक कानपुर में 22 सूती मिलें थीं, जिनमें लगभग 90 हजार श्रमिक कार्यरत थे। यह शहर चमड़ा और जुट उद्योगों के लिए भी प्रसिद्ध हो गया। लेकिन जैसे-जैसे अंग्रेजों की रुचि कम हुई, भारतीय उद्योगपतियों ने अपने अधिकार स्थापित करने की कोशिश की। आज, कानपुर अपनी ऐतिहासिक पहचान को खोने के कगार पर है और अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। अस्तित्व Vinay kuma singh द्वारा हिंदी लघुकथा 3k 2.1k Downloads 9.1k Views Writen by Vinay kuma singh Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हर शहर कुछ कहता है … अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रहा है: उत्तर भारत का मैनचेस्टर भारत का एक ऐसा शहर जो अपने अस्तित्व बचाए रखने के लिए आजादी के समय से जूझ रहा है यानि गुलाम भारत में फला-फुला यह शहर आजाद भारत में मुरझा रहा है। यहाँ बात हो रहा है, उत्तर भारत का मैनचेस्टर ,कारखानों की नगरी एवं उत्तर-प्रदेश के औद्योगिक राजधानी कानपुर की । देश कों औद्योगिक पथ पढ़ने वाला कारखानों का शहर आज के समय में बदहाल हालत में खड़ा है । हर पल अपने अस्तित्व के लिए जूझता यह शहर जल्द ही अपने मूल स्वरूप ( उत्तर भारत का मैनचेस्टर ) कों खोने वाला है । गुलामी के समय एक संपन्न औद्योगिक शहर के रूप में स्थापित इस शहर कों देखकर किसी ने सोचा भी नही होगा कि आजाद भारत में यहाँ के कल - कारखानों पर काला बादल छा जायेगा । अतीत के यादो में जीने वाले इस शहर के अतीत और आज पर प्रकाश डाल रहे है- विनय सिंह । More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी