कहानी "रेलगाड़ी" जीवन की यात्रा की तुलना एक रेलगाड़ी से करती है, जो विभिन्न स्टेशनों से गुजरती है। इसमें विजय नामक पात्र चेन्नई रेलवे स्टेशन पर बैठा है, जहाँ वह एक आध्यात्मिक पुस्तक पढ़ रहा है। स्टेशन पर चारों ओर भीड़ है, लेकिन हर कोई अपने में ही खोया हुआ है। विजय को अपनी ट्रेन का इंतजार करना है, जो विलंब से आ रही है। विजय स्टेशन के माहौल का निरीक्षण करता है और महसूस करता है कि यहाँ विभिन्न भाषाएँ बोलने वाले लोग हैं, जो भारत की विविधता को दर्शाती हैं। अचानक, एक व्यक्ति विजय से मदद मांगता है, बताता है कि उसका सारा सामान लूट लिया गया है और उसके बच्चे को कुछ खाने के लिए चाहिए। विजय, जो कि अकेला नहीं है और परिवार के साथ है, उस व्यक्ति की दयनीय स्थिति को देखकर उलझन में पड़ जाता है। कहानी जीवन की अस्थिरता, मानवीय संबंधों और सहायता की आवश्यकता पर विचार करती है। रेलगाड़ी MB (Official) द्वारा हिंदी लघुकथा 2k Downloads 16.7k Views Writen by MB (Official) Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Railgadi - Ajay Kumar Gupta More Likes This चालाक कौवा द्वारा falguni doshi My Shayari Book - 1 द्वारा Roshan baiplawat रंगीन कहानी - भाग 1 द्वारा Gadriya Boy तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया द्वारा S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 द्वारा IMoni True Love द्वारा Misha Nayra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी