यह कहानी एक व्यक्ति के अनुभवों और यादों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो धुएँ में खुशबू महसूस करता है। उसकी बड़ी बहन लकड़ी के चूल्हे पर रोटियाँ बनाती थी, और वह चूल्हे के पास बैठकर धुएँ की खुशबू का मजा लेता था। अब उसकी बहन लंदन में है और वह होटल में डबलरोटी खा रहा है, लेकिन धुएँ की खुशबू उसे अपनी बहन की रोटियों की याद दिलाती है। वह खुशबू को रंगों के साथ महसूस करता है, जैसे सर्दियों में गुलाबी खुशबू। उसकी बहन ने उसे बचपन में पाला है और वह आज भी उसे बच्चा ही समझती है, जबकि वह अब एक 28 वर्षीय युवा है। जब उसकी बहन की शादी हुई, तो वह सोचता है कि अब उसे डाँटने वाला कोई नहीं रहेगा और वह स्वतंत्रता का अनुभव करेगा। लेकिन विदाई के समय, उसकी बहन रोती है, जबकि वह अपनी आज़ादी के सपनों में खोया रहता है। कहानी में परिवार, यादें और खुशबू के माध्यम से भावनाओं का गहरा चित्रण किया गया है। खुश्बू Gazaal Jaigam द्वारा हिंदी लघुकथा 2 3.1k Downloads 12.4k Views Writen by Gazaal Jaigam Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Khushboo - Gazaal Jaigam More Likes This तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया द्वारा S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 द्वारा IMoni True Love द्वारा Misha Nayra मज़बूत बनकर लौटा समन्दर द्वारा LOTUS पाठशाला द्वारा Kishore Sharma Saraswat डिप्रेशन - भाग 1 द्वारा Neeta Batham अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी