नियति और नीरज की शादी की पहली वर्षगांठ पर दोनों खुश थे, लेकिन उनकी जिंदगी में दुखद मोड़ तब आया जब नीरज को कैंसर का पता चला। नियति ने नीरज के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन दो महीने पहले नीरज का निधन हो गया। नियति अपनी शादी की आठवीं वर्षगांठ पर अकेले अपने बेटे अभिमन्यु को सुलाते हुए अपने खुशहाल दिनों को याद कर रही थी। नीरज के अंतिम क्षणों में वह उसकी आँखों में अपने दर्द को देख सकी लेकिन उसे बचा नहीं पाई। नीरज का निधन नियति के लिए एक बड़ा आघात था, और वह अपने पति को खोने के दुख से जूझ रही थी। पुनर्विवाह Madhu Chhabra द्वारा हिंदी लघुकथा 48 1.8k Downloads 9.9k Views Writen by Madhu Chhabra Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण पुनर्विवाह More Likes This तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया द्वारा S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 द्वारा IMoni True Love द्वारा Misha Nayra मज़बूत बनकर लौटा समन्दर द्वारा LOTUS पाठशाला द्वारा Kishore Sharma Saraswat डिप्रेशन - भाग 1 द्वारा Neeta Batham अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी