कहानी "प. दीन दयाल और छुआछूत" भीकू नामक एक सफाईकर्मी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने गाँव को साफ रखने का काम करता है। भीकू का बेटा राम प्रसाद स्कूल जाता है, लेकिन उसे अछूत मानकर अन्य बच्चे और गुरुजी उसे अलग रखते हैं। राम प्रसाद साफ-सुथरा और पढ़ाई में अच्छा है, लेकिन उसके पिता की पेशे के कारण लोग उसे और उसके पिता को नीचा समझते हैं। राम प्रसाद को स्कूल में पानी भी नहीं दिया जाता और उसे तिरस्कार का सामना करना पड़ता है। बालक दीन दयाल इस भेदभाव को देखकर सोच में पड़ जाता है कि कैसे एक साफ व्यक्ति को गंदा और अछूत माना जा सकता है। कहानी छुआछूत और समाज में व्याप्त भेदभाव की गंभीरता को उजागर करती है। पंडित दीनदयाल और छुआछुत Ved Prakash Tyagi द्वारा हिंदी लघुकथा 38 932 Downloads 6.7k Views Writen by Ved Prakash Tyagi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण पंडितजी बचपन मे ही छूयाछूत के खिलाफ कैसे लड़े More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी