कहानी "काहे को ब्याही विदेश" जनार्दन मिश्र के जीवन पर आधारित है, जो एक अत्यधिक धार्मिक और शुद्ध शाकाहारी व्यक्ति हैं। उनके दादा एक पंडित थे और पिता नहीं चाहते थे कि जनार्दन पंडिताई करें, बल्कि उन्होंने उसे डॉक्टर बनाया। एक कॉन्फ्रेंस के दौरान जनार्दन को अमेरिका बसने का चस्का लग जाता है, जबकि उनके पिता इस बात के खिलाफ होते हैं। जनार्दन की माँ के हस्तक्षेप से यह तय होता है कि वह शादी करके अमेरिका जाएंगे। उन्हें ललिता नाम की एक आधुनिक पत्नी मिलती है, जो बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की बेटी है। दोनों दिल्ली से अमेरिका जाने के लिए तैयार होते हैं और विदाई के समय परिवार में भावुकता का माहौल होता है। पच्चीस साल बाद, जनार्दन अमेरिका में सफल डॉक्टर बन चुके हैं, लेकिन उनकी जीवनशैली में कोई बदलाव नहीं आया है। उनकी पत्नी और बेटी आधुनिकता की ओर बढ़ चुकी हैं, जबकि जनार्दन अभी भी अपनी पारंपरिक आदतों को बनाए रखते हैं। कहानी सांस्कृतिक संघर्ष और पारिवारिक संबंधों की जटिलताओं को उजागर करती है। काहेको ब्याही विदेश Utkarsh Rai द्वारा हिंदी लघुकथा 4.3k 2.7k Downloads 8.7k Views Writen by Utkarsh Rai Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Kaheko Ko Byahi Videsh - Utkarsh Rai More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी