कहानी "दलदल" में मयंक जी, जो एक कुशल कवि हैं, शब्दों को गढ़ने, उन्हें आकार देने और भावनाओं का संचार करने में माहिर हैं। उनके शब्द गरीबों के दुखों को समझते हैं और सहारा बनते हैं। मयंक जी का असली नाम अशर्फीलाल है, जिसे उन्होंने बदलकर मयंक रखा है क्योंकि यह नाम उन्हें शांति और यथार्थ के करीब लगता है। वे जानते हैं कि जीवन में सब कुछ बेदाग नहीं होता और बाईस कैरेट का होना ही आज की दुनिया में पहचान बनाता है। मयंक जी अपने परिवार के नजरों में बेदाग नहीं हैं। उनकी माँ चाहती थीं कि वे कोई प्रतिष्ठित पेशा अपनाएं, लेकिन उन्होंने अध्यापन चुना। इससे उनकी माँ का दिल दुखा और वह इस दुःख में दुनिया से चली गईं। उनकी पत्नी राजेश्वरी भी मयंक जी के स्वभाव से निराश रहती हैं, क्योंकि उन्हें समाज में वह इज्जत नहीं मिलती जो दूसरे पतियों की पत्नियों को मिलती है। उनका बेटा प्रस्तुत भी अपने पिता के नाम और उनके व्यक्तित्व से नाराज है, जिससे उसका जीवन कठिन हो गया है। कहानी इस बात का चित्रण करती है कि मयंक जी की कवि पहचान उनके परिवार में कैसी चुनौती उत्पन्न करती है और कैसे सामाजिक मान्यताएँ व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालती हैं। दलदल MB (Official) द्वारा हिंदी लघुकथा 612 3.7k Downloads 26.8k Views Writen by MB (Official) Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Daldal - Amar Goswami More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी