कहानी "भाई साहब" में महेश और सुनीता की पहली मुलाकात गेटविक एयरपोर्ट पर होती है, जहां दोनों पोर्ट ऑफ स्पेन के लिए उड़ान भरने वाले हैं। सुनीता, जो भारतीय मूल की है, अपने पूर्वजों के बारे में बताती है और यह भी कि वह त्रिनिडाड में रहती है। बातचीत में महेश उसकी हिंदी की तारीफ करता है, जबकि सुनीता अपनी हिंदी को कमजोर मानती है। दोनों के बीच की बातचीत के दौरान, महेश सुनीता की सुंदरता की प्रशंसा करता है, जिससे सुनीता मुस्कुराती है। हालांकि, महेश महसूस करता है कि सुनीता उतनी खूबसूरत नहीं है, लेकिन तारीफ से वह जीवंत बनी रहती है। अंत में, महेश सुनीता से उसके परिवार और काम के बारे में पूछता है, जिससे कहानी आगे बढ़ती है। इस कहानी में मुलाकात, संवाद और सांस्कृतिक पहचान की झलक मिलती है। भाई साहेब Girish Pankaj द्वारा हिंदी लघुकथा 6 2.3k Downloads 11.9k Views Writen by Girish Pankaj Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण एक ऐसी कहानी जो प्रवासी भारतीय नारी के जीवित भारतीय संस्कार को बताती है More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी